शिमला: लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि शिमला-कालका फोरलेन पर बन रही कंडाघाट सुरंग की लंबाई 207 मीटर बढ़ेगी. विक्रमादित्य सिंह ने भाजपा विधायक सतपाल सत्ती द्वारा नियम 62 के तहत लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि सुरंग के पोर्टल एक पर पानी का टैंक आ रहा है, जिसके चलते इसकी लंबाई 207 मीटर और बढ़ाई जाएगी. इसके बाद अब इसकी लंबाई 460 मीटर से बढ़कर 667 मीटर कर दी जाएगी.
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि इस सुरंग की लंबाई बढ़ाने पर 50 करोड़ रुपए अतिरिक्त खर्च होगा. इसका प्रस्ताव एनएचएआई यानी नेशनल हाईवे अथॉरिटी के दिल्ली ऑफिस में विचाराधीन है. उन्होंने कहा कि कंडाघाट सुरंग का करीब 72 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है. उन्होंने बताया कि इस फोरलेन को पूरा करने का टारगेट जनवरी 2024 तक रखा गया है और सुरंग की लंबाई बढ़ाने से इसका काम आगे नहीं बढ़ेगा.
विक्रमादित्य सिंह ने यह भी बताया कि कंडाघाट में बन रही सुरंग से राज्य सरकार और लोक निर्माण विभाग का कोई संबंध नहीं है, इसका काम एनएचएआई करवा रहा है. उन्होंने बताया कि फोरलेन पर दुर्घटनाओं को देखते हुए लोक निर्माण विभाग पुलिस विभाग के साथ मिलकर प्रदेश में ब्लैक स्पॉट की पहचान कर रहा है. इसको लेकर प्रदेश के पुलिस विभाग के साथ एक बैठक की गई है. इसके बाद ब्लैक स्पॉट को चिन्हित करने का काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि फोर लेन पर पैदल चलने के लिए फुटपाथ और ओवर ब्रिज की जगह चिन्हित करने के लिए सर्वे करवाया जा रहा है.
इससे पहले भाजपा के विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने कंडाघाट सुरंग के बारे में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव सदन में पेश किया. उनका कहना था कि टनल का काम जब पूरा होने जा रहा है तब इसके एक छोर पर पानी के टैंक का पता चल रहा है. उन्होने कहा कि सुरंग के लिए जब सर्वे किया गया तब इसका पता नहीं चला, अब जबकि सुरंग का काम पूरा होने वाला हो तो इसकी बात सामने आई है. उन्होंने कहा कि सुरंग के मैप बनाने वाली कंपनी कोई और है और बनाने का काम किसी और के द्वारा किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि अब अंत में पानी के टैंक का पता चलने से यह बात साफ है कि अधिकारी कमरों में बैठकर ड्राइंग तैयार करते हैं. वे फील्ड में जाकर काम नहीं करते. उन्होंने सवाल किया कि सुरंग की एलाइनमेंट बदलने पर कितना अतिरिक्त खर्च आएगा और इसकी जिम्मेदारी किसकी है. कसौली के विधायक विनोद सुल्तानपुरी ने कहा कि शिमला-कालका फोर लेन के निर्माण के समय इसमें फुटपाथ, ओवरब्रिज और वाकिंग लेन नहीं बनाए गए हैं. इस कारण इस पर हादसे का खतरा बना हुआ है. हाल ही में उनके विधानसभा क्षेत्र के तरत इस फोर पर छह लोगों की मौत हो गई थी.
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