शिमला: हिमाचल के स्कूलों में अब पहली कक्षा में प्रवेश छह साल की आयु वाले बच्चों को ही मिलेगा. ये व्यवस्था अगले सेशन यानी 2024-25 से लागू होगी. हाल ही में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की अगुवाई में हुई कैबिनेट मीटिंग में इस बारे में फैसला लिया गया था. कैबिनेट में सहमति के बाद राज्य शिक्षा विभाग के सचिव आईएएस राकेश कंवर ने इस संदर्भ में आदेश जारी किए हैं. ये आदेश प्रारंभिक शिक्षा विभाग के निदेशक तक पहुंच गए हैं. प्रारंभिक शिक्षा विभाग की उपसचिव तूलिका शर्मा ने भी इस बारे में निर्देश जारी कर दिए हैं.
उल्लेखनीय है कि ये प्रावधान नेशनल एजुकेशन पॉलिसी यानी एनईपी नीति 2020 के अनुसार है. बच्चों के प्रवेश की आयु छह साल करने को लेकर संशोधन इसी नीति के प्रावधान के तहत हुआ है. मौजूदा समय में हिमाचल प्रदेश में सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में पहली क्लास में एडमिशन की आयु को लेकर कोई तय व्यवस्था नहीं है. इस कारण निजी स्कूलों के बच्चे कम आयु में ही दसवीं कक्षा पास कर लेते हैं. कारण ये है कि निजी स्कूलों में अभिभावक कम आयु में बच्चों की एडमिशन करवा देते हैं. इस प्रकार आगे चलकर कंपीटीटिव एग्जाम में बच्चों की आयु में अंतर आ जाता है.
वहीं, नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में यह प्रावधान है कि 6 साल से अधिक आयु होने पर पहली कक्षा में एडमिशन हो जाएगी. आने वाले 2024-25 सेशन से पूरी तरह लागू किया जाएगा. इसमें आयु का निर्धारण संबंधित वर्ष की 31 मार्च से होगा. इस अवधि को बच्चों की आयु सिक्स प्लस यानी 6 साल से अधिक होनी चाहिए.
इसी प्रकार किसी वर्ष में पहली अप्रैल को पैदा हुए बच्चे भी इसी तारीख के अनुसार स्कूलों में पहली कक्षा में भर्ती किए जाएंगे. हिमाचल में अब आने वाले सेशन में सरकारी स्कूलों के साथ निजी स्कूलों को भी इसी व्यवस्था को लागू करना होगा. इस व्यवस्था को सही तरीके से लागू करने का जिम्मा निदेशक प्रारंभिक शिक्षा विभाग के पास होगा. हिमाचल प्रदेश में छह हजार से अधिक प्राइमरी स्कूल हैं.
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