शिमला: लॉकडाउन के चलते लोगों का घरों से निकलना बंद है. मिल्कफेड इन दिनों घरद्वार लोगों को दूध, दहीं और दूध से बने अन्य उत्पाद उपलब्ध करवा रहा है. मिल्कफेड की इस पहल से न केवल लोगों को घर के आस-पास ही रोजमर्रा की जरूरी चीजें मिल रही हैं बल्कि उन सैकड़ों किसानों की आजीविका भी चल पा रही है, जिनसे मिल्कफेड के ये कर्मचारी दूध और अन्य उत्पाद इकट्ठा करते हैं.
इसके अलावा मिल्कफेड प्रतिदिन 14000 लीटर दूध सैन्य बलों को उपलब्ध करवाता है. आर्थिक मंदी के इस दौर में जहां किसानों और बागवानों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. मिल्कफेड इनके लिए एक उम्मीद की किरण बनकर सामने आया है. किसानों से हर रोज उनके घर द्वार से दूध इकट्ठा किया जाता है और मिल्क प्लांट एकत्रीकरण के बाद शहरी क्षेत्रों में घर-घर ग्राहकों तक यह सामान पहुंचाया जाता है.
कोरोना वॉरियर की तरह मिल्कफेड के कर्मचारी लगातार लोगों के लिए सुविधा मुहैया करवा रहे हैं. मैनेजर ने बताया कि मिल्कफेड प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों से प्रतिदिन 1.409 लीटर दूध एकत्रित कर रहा है. डेयरी विकास प्रदेश के ग्रामीण आर्थिकी को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. ये क्षेत्र वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दुगना करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.
इसके अलावा एक मंडी और एक शिमला जिला के दत्तनगर में दूध प्रसंस्करण प्लांट स्थापित करने जा रहा है. इससे प्लांट की क्षमता दोगुनी हो जाएगी. मिल्कफेड का उत्पाद हिमगौरी फोर्टीफाइड दूध बाजार में तेजी से अपने विश्वसनीयता कायम करता जा रहा है.
राज्य सरकार देसी नस्ल की गायों के संरक्षण के लिए भी इसे महत्वपूर्ण मान रही है. फोर्टीफाइड दूध में सभी आवश्यक पोषक तत्वों की उचित मात्रा सुनिश्चित की जाती है ताकि विटामिन ए और डी की कमी से बच्चों एवं व्यस्कों में गंभीर बीमारियां ना हो सके.
एक अध्ययन के अनुसार देश में 66 करोड़ लोग किसी ना किसी विटामिन की कमी से जूझ रहे हैं. मिल्कफेड दूध तेल चावल को फोर्टीफाइड करने की दिशा में प्रदेश सरकार के साथ सहयोग कर रही है.