शिमलाः ऐतिहासिक रिज मैदान के नीचे बने पानी के टैंक को खतरे में डाल कर पूर्ण राजत्व दिवस के लिए भारी भरकम पंडाल लगा दिया गया है. टैंक के ठीक ऊपर लोहे के बड़े-बड़े एंगल खड़े कर दिए हैं. रिज जिन एंगलों को खड़ा किया जा रहा है उनका भार काफी ज्यादा है. ऐसे में टैंक को भीड़ इकट्ठा होने पर खतरा हो सकता है.
टैंक के चैंबरों में अभी दरारों को भरने का काम चला हुआ है. बीते वर्ष रिज के ऊपर के हिस्से में भी दरारें देखी गई थी, जिसके बाद एक्सपर्ट की राय भी ली गई थी और इन दरारों से टैंक को ज्यादा खतरा न होने की बात कही गई थी, लेकिन सब खतरों को दरकिनार कर टैंक के ऊपर ही पंडाल खड़ा कर दिया गया है, जबकि इससे पहले किसी भी सरकारी कार्यक्रम का आयोजन होता था तो टैंक के ऊपर पंडाल नहीं लगाया जाता था.
यह पंडाल पूर्व राज्यत्व दिवस पर होने वाले कार्यक्रम के लिए खड़ा किया जा रहा है. रिज पर पानी के टैंक के ऊपर के हिस्से में गाड़ियों के जाने पर प्रतिबंध हैं और समर फेस्टिवल तक करवाने की अनुमति नहीं है, लेकिन सरकारी कार्यक्रम के लिए सारे कायदे कानून ताक पर रख कर यहां पंडाल लगाने की अनुमति दे दी गई है.
जल निगम कर रहा है टैंक की देख-रेख
इस टैंक की देख-रेख जल निगम द्वारा की जा रही है. हालांकि, जल निगम इस टैंक को पूरा सुरक्षित बता रहा है और पंडाल से किसी तरह के भी खतरे से इंकार कर रहा है. जल निगम के एसडीओ मेहबूब शेख ने कहा कि हर बार यहां सरकारी कार्यक्रम के लिए अनुमति देते रहे हैं इससे पहले भी बड़ी-बड़ी रैलियां यहां हुई है और इससे टैंक को कोई खतरा नहीं है. टैंक की मुरम्मत का काम भी पूरा कर लिया गया है.
वहीं, जिला प्रशासन का कहना है कि पंडाल लगाने के लिए जल निगम से अनुमति ली गई है. डीसी शिमला आदित्य नेगी ने कहा कि रिज पर पंडाल लगाने से कोई खतरा नहीं है, इसके लिए जल निगम से पहले ही एनओसी ले ली गई है और टैंक को किसी तरह का कोई खतरा नहीं है.
बता दें की 25 जनवरी को रिज पर पूर्ण राज्यत्व दिवस की स्वर्ण जयंती मनाई जा रही है और इसके लिए रिज पर बड़ा पंडाल बनाया जा रहा है. इस मौके पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित कई नेता इसमें शामिल होंगे.
45 लाख लीटर की क्षमता का है टैंक
रिज मैदान पर ब्रिटिशकाल मे शहर में पानी को स्टोर करने के लिए टैंक बनाया गया था. जिसमें 45 लाख लीटर पानी स्टोर होता है और शहर के अधिकतर हिस्सों में यहीं से पानी की सप्लाई की जाती है.
टैंक में नौ चेंबर बनाए गए हैं, जिसमें चार चेंबरों में 2019 में सफाई के दौरान दरारें नजर आई थी. इन दरारों को भरने का कार्य विदेशी कंपनी को सौंपा गया है और ये कंपनी आजकल इन दरारों को भरने का काम कर रही है, लेकिन पंडाल लगाने के बाद काम भी रोक दिया गया है.