शिमलाः शिवरात्री महोत्सव मंडी में हुए जातीगत भेदभाव का मुद्दा हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र दौरान खूब गूंजा. सदन की कार्रवाई शुरू होते ही कांग्रेस विधायक जगत नेगी ने मामला उठाया और काम रोको प्रस्ताव लाने के साथ चर्चा की मांग की.
वहीं, सरकार के मंत्री इस मामले पर सरकार के मंत्री वक्तव्य देने लगे, लेकिन विपक्ष इससे नाखुश नजर आया और विपक्ष ने इस पर सदन में हंगामा शुरू कर दिया. जिसके बाद सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू करते हुए विपक्षी नेता सदन से दो मिनट का वॉकआउट कर फिर से सदन में वापस आगए.
कांग्रेस विधायक जगत नेगी ने कहा मुख्यमंत्री के गृह जिला में शिवरात्रि के मेले में समापन की सामूहिक धाम में सामने आया जातीगत भेदभाव का मामला बड़ा दुखद है. सामूहिक और धार्मिक कार्यक्रमों में इस तरह के भेदभाव नहीं होना चाहिए. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार की मानसिकता में जातीय भेदभाव छाया हुआ है.
उन्होंने कहा कि प्रदेश के मंदिरों में मंत्रियों और विधायकों को नहीं जाने दिया जाता है. लोगों को मंदिरों में प्रवेश करने नहीं दिया जाता है. इससे सरकार की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है और सरकार को इस पर सख्ती से कार्रवाई करनी चाहिए और इस तरह के भेदभाव करने वालों के साथ सख्ती से निपटना चाहिए.
वहीं, नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि काफी समय से इस तरह के मामले सामने के बाद भी सरकार कोई सख्त कदम नहीं उठा रही है. जबकि स्कूलों और मंदिरों में जातीय भेदभाव हो रहा है. इसको लेकर सदन में मामला उठाया गया और काम रोको प्रस्ताव विपक्ष की तरफ से लाया गया, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने समय नहीं दिया. सरकार के मंत्री इस पर वक्तव्य देने लगे, लेकिन वह सन्तोष जनक नहीं था और सदन का वॉकआउट किया गया है.
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