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शिमला रेप कांड: सरकार को नहीं सौंपी गई मजिस्ट्रियल जांच की रिपोर्ट, संदिग्धों से फिर की गई पूछताछ

शिमला रेप कांड में जांच पूरी नहीं हो पाई है. सीएम जयराम के आदेश के बावजूद सरकार को नहीं सौंपी गई मजिस्ट्रियल जांच की रिपोर्ट. पूलिस ने करीब चार संदिग्धों से पूछताछ की.

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Published : May 2, 2019, 11:25 PM IST

शिमला: राजधानी में युवती के साथ हुए दुष्कर्म के मामले की जांच को लेकर अभी तक जांच पूरी नहीं हो पाई है. हालांकि सीएम जयराम ने लक्कड़ बाजार पुलिस चौकी कर्मियों पर लग रहे कथित लापरवाही के आरोपों की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए थे और 24 घंटे के अंदर जांच की रिपोर्ट सरकार को सौंपने को कहा था.

बताया जा रहा है कि अधिकारी ने सरकार को रिपोर्ट नहीं सौंपी है. अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी प्रभा राजीव की अध्यक्षता में ये जांच हो रही है और पुलिस चौकी में पीड़िता की एफआईआर दर्ज न करने के मामले की मजिस्ट्रियल जांच में पुलिस वालों के बयान कमलबद्ध हुए हैं. एक दिन के अंदर अधिकारी मजिस्ट्रियल जांच की रिपोर्ट को सरकार को सौंप सकती है.

shimla rape case
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मजिस्ट्रियल जांच की सरकार को नहीं सौंपी रिपोर्ट
वारदात के चार दिन बाद भी पुलिस न तो आरोपियों तक पहुंच पाई है और न ही इस मामले को सुलझा पाई है. पुलिस खुलासा कर चुकी है कि चलती कार में पीड़िता के अपहरण को लेकर कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं. इस मामले की तह तक जाने के लिए पुलिस मुख्यालय द्वारा गठित एसआईटी मामले की जांच कर रही है. गुरुवार को पुलिस ने करीब चार संदिग्धों से पूछताछ की. इस सिलसिले में पुलिस ने अब तक 8 से अधिक संदिग्धों से पूछताछ कर चुकी है.

बताया जा रहा है कि पीड़िता के बयान को आधार बनाते हुए एसआईटी अब आरोपी का स्कैच तैयार कर रही है. चुनावी दौर में एसआईटी के लिए ये मामला सुलझाना बेहद चुनौतीपूर्ण बन गया है. विभाग ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रवीर ठाकुर की अध्यक्षता में सात सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया है. हालांकि अभी तक पुलिस ने किसी को भी हिरासत में नहीं लिया है.

पीड़िता को उपलब्ध कराई गई सुरक्षा
पीड़िता को सुरक्षा उपलब्ध कर दी गई है. बताया जा रहा है कि तीन से चार महिला पुलिस कर्मियों को युवती के साथ रखा गया है. यह सुरक्षा इसलिए दी गई है ताकि पीड़िता को किसी भी तरह की कोई दिक्कत न आए. यह सुरक्षा युवती को तब तक मिलेगी जब तक मामले को लेकर कार्रवाई पूरी नहीं होती है. पुलिस का दावा है कि सुरक्षा में किसी भी प्रकार की चूक नहीं होगी.

दुष्कर्म की फाइनल रिपोर्ट पर फिर उलझी पुलिस
बताया जा रहा है कि मामले की फाइनल रिपोर्ट आ गई है, लेकिन इससे भी कुछ प्रतिशत स्थिति साफ नहीं हो पाई. रिपोर्ट को लेकर भी पुलिस उलझ रही है, जो सबसे पहले मेडिकल रिपोर्ट आई थी उसे कुछ अधिकारी संतुष्ट नहीं थे. ऐसे में फाइनल रिपोर्ट फिर से मांगी गई थी, लेकिन इस रिपोर्ट से भी स्थिति बिल्कुल साफ नहीं हो पा रही है. पुलिस अब फॉरैंसिक रिपोर्ट का इंतजार करेगी. फॉरैसिंक लैब से रिपोर्ट आने के बाद स्थिति साफ हो पाएगी.

शिमला: राजधानी में युवती के साथ हुए दुष्कर्म के मामले की जांच को लेकर अभी तक जांच पूरी नहीं हो पाई है. हालांकि सीएम जयराम ने लक्कड़ बाजार पुलिस चौकी कर्मियों पर लग रहे कथित लापरवाही के आरोपों की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए थे और 24 घंटे के अंदर जांच की रिपोर्ट सरकार को सौंपने को कहा था.

बताया जा रहा है कि अधिकारी ने सरकार को रिपोर्ट नहीं सौंपी है. अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी प्रभा राजीव की अध्यक्षता में ये जांच हो रही है और पुलिस चौकी में पीड़िता की एफआईआर दर्ज न करने के मामले की मजिस्ट्रियल जांच में पुलिस वालों के बयान कमलबद्ध हुए हैं. एक दिन के अंदर अधिकारी मजिस्ट्रियल जांच की रिपोर्ट को सरकार को सौंप सकती है.

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मजिस्ट्रियल जांच की सरकार को नहीं सौंपी रिपोर्ट
वारदात के चार दिन बाद भी पुलिस न तो आरोपियों तक पहुंच पाई है और न ही इस मामले को सुलझा पाई है. पुलिस खुलासा कर चुकी है कि चलती कार में पीड़िता के अपहरण को लेकर कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं. इस मामले की तह तक जाने के लिए पुलिस मुख्यालय द्वारा गठित एसआईटी मामले की जांच कर रही है. गुरुवार को पुलिस ने करीब चार संदिग्धों से पूछताछ की. इस सिलसिले में पुलिस ने अब तक 8 से अधिक संदिग्धों से पूछताछ कर चुकी है.

बताया जा रहा है कि पीड़िता के बयान को आधार बनाते हुए एसआईटी अब आरोपी का स्कैच तैयार कर रही है. चुनावी दौर में एसआईटी के लिए ये मामला सुलझाना बेहद चुनौतीपूर्ण बन गया है. विभाग ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रवीर ठाकुर की अध्यक्षता में सात सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया है. हालांकि अभी तक पुलिस ने किसी को भी हिरासत में नहीं लिया है.

पीड़िता को उपलब्ध कराई गई सुरक्षा
पीड़िता को सुरक्षा उपलब्ध कर दी गई है. बताया जा रहा है कि तीन से चार महिला पुलिस कर्मियों को युवती के साथ रखा गया है. यह सुरक्षा इसलिए दी गई है ताकि पीड़िता को किसी भी तरह की कोई दिक्कत न आए. यह सुरक्षा युवती को तब तक मिलेगी जब तक मामले को लेकर कार्रवाई पूरी नहीं होती है. पुलिस का दावा है कि सुरक्षा में किसी भी प्रकार की चूक नहीं होगी.

दुष्कर्म की फाइनल रिपोर्ट पर फिर उलझी पुलिस
बताया जा रहा है कि मामले की फाइनल रिपोर्ट आ गई है, लेकिन इससे भी कुछ प्रतिशत स्थिति साफ नहीं हो पाई. रिपोर्ट को लेकर भी पुलिस उलझ रही है, जो सबसे पहले मेडिकल रिपोर्ट आई थी उसे कुछ अधिकारी संतुष्ट नहीं थे. ऐसे में फाइनल रिपोर्ट फिर से मांगी गई थी, लेकिन इस रिपोर्ट से भी स्थिति बिल्कुल साफ नहीं हो पा रही है. पुलिस अब फॉरैंसिक रिपोर्ट का इंतजार करेगी. फॉरैसिंक लैब से रिपोर्ट आने के बाद स्थिति साफ हो पाएगी.

Intro:

मैजिस्ट्रियल जांच की सरकार को नहीं सौंपी रिपोर्ट

लक्क ड़ बाजार चौकी पुलिस पर लगे है लापरवाही के  आरोप


मुखयमंत्री ने दिए है मैजिस्ट्रियल जांच के आदेश

पुलिस ने चार के करीब संदिग्धों से फिर की पूछताछ
शिमला।
शिमला में 19 वर्षीय युवती के साथ सामने आए दुष्कर्म के मामले की जांच को लेकर अभी तक जांच पूरी नहीं हो पाई है। हालांकि मुख्यमंत्री ने लक्कड़ बाजार पुलिस चौकी पर लग रहे कथित लापरवाही के आरोपों की मैजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए थे और 24 घंटे के अंदर जांच की रिपोर्ट सरकार को सौंपने को कहा था। बताया जा रहा है कि अधिकारी ने सरकार को रिपोर्ट नहीं सौंपी है। अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी शिमला प्रभा राजीव की अध्यक्षता में यह जांच हो रही है। बताया जा रहा है कि पुलिस चौकी में पीडि़ता की एफ.आई.आर. दर्ज न करने के मामले की मैजिस्ट्रियल जांच में पुलिस वालों के ब्यान कमलबद्ध हुए। एक दिन के अंदर अधिकारी मैजिस्ट्रियल जांच की रिपोर्ट को सरकार को सौंप सकती है।


Body:
मैजिस्ट्रियल जांच की सरकार को नहीं सौंपी रिपोर्ट


 

युवती के साथ हुए कथित दुष्कर्म का मामला पुलिस के लिए सिरदर्द बन गया है। वारदात के चार दिन बाद भी पुलिस न तो आरोपियों तक पहुंच पाई है और न ही इस मामले को सुलझा पाई है।  पुलिस खुलासा कर चुकी है कि चलती कार में पीडि़ता के अपहरण को लेकर कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं। इस मामले की तह तक जाने के लिए पुलिस मु यालय द्वारा गठित एस.आई.टी. मामले की जांच कर रही है। गुरूवार को पुलिस ने 4 के करीब संदिग्धों से पूछताछ की है। इस सिलसिले में पुलिस ने अब तक 8 से अधिक संदिग्धों से पूछताछ कर चुकी है। बताया जा रहा है कि पीडि़ता के ब्यान को आधार बनाते हुए एस.आई.टी. अब आरोपित का स्कैच तैयार कर रही है। चुनावी बेला में एस.आई.टी. के लिए यह मामला सुलझाना बेहद चुनौतीपुर्ण बन गया है।  विभाग ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रवीर ठाकुर की अध्यक्षता में 7 सदस्यीय एस.आई.टी. का गठन किया गया है। जो की मामले की जांच कर रहे है। हालांकि अभी तक पुलिस ने किसी को भी हिरासत में नहीं लिया है।


 


पीडि़त युवती को उपलब्ध करवाई सुरक्षा


पीडि़त युवती को सुरक्षा उपलबध करवाया गया है। बताया जा रहा है कि तीन से चार महिला पुलिस कर्मी को युवति के साथ रखा गया है। यह सुरक्षा इसलिए दी गई है कि पीडि़त युवती को किसी भी तरह की कोई दिक्कतें न आए। यह सुरक्षा युवती को तब तक मिलेंगी जब तक मामले को लेकर पूरी कार्रवाई नहीं होती है। पुलिस का दावा है कि सुरक्षा में किसी भी प्रकार की चुक नहीं होगी।


 




Conclusion:
दुष्कर्म की फाइनल रिपोर्ट पर फिर उलझी पुलिस


बताया जा रहा है कि युवती से हुए दुष्कर्म मामले की फाईनल रिपोर्ट आ गई है, लेकिन इससे भी कुछ प्रतिशत स्थिति क्लीयर नहीं हो पाई। रिपोर्ट को लेकर भी पुलिस उलझ रही है। जो सबसे पहले मैडिकल रिपोर्ट आई थी उसे कुछ अधिकारी संतुष्ट नहीं थे। ऐसे में फाइनल रिपोर्ट फिर से मांगी गई थी, लेकिन इस रिपोर्ट से भी स्थिति बिल्कुल क्लीयर नहीं हो पा रही है। पुलिस अब फॉरैंसिक रिपोर्ट का इंतजार करेंगी। फॉरैसिंक लैब से जो रिपोर्ट आएगी तभी स्थिति क्लीयर हो पाएगी।

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