शिमला: हिमाचल की सुक्खू सरकार ने सत्ता में आते ही कई सरकारी संस्थानों को डिनोटिफाइ करने का फैसले लिया था. जिसके चलते विपक्ष ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. प्रदेश में हर विधानसभा क्षेत्र में हस्ताक्षर अभियान के माध्यम से इसका विरोध किया जा रहा है. वहीं, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री से फोन पर विस्तृत चर्चा की है. नेता प्रतिपक्ष ने सरकार को संस्थानों बंद करने की जगह काम करने की नसीहत दी है.
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा है कि पहले से चले हुए कामों को बंद करने के बजाय अब सरकार को काम करना शुरू करना चाहिए. उन्होंने कहा कि मैंने आज स्वयं टेलीफोन माध्यम से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से बात की और प्रदेश सरकार द्वारा सरकारी संस्थानों को बंद करने के फैसले पर विस्तृत रूप से चर्चा की. उन्होंने कहा कि आज भी सरकार ने प्रदेश में 20 कॉलेजों को बंद करने का फैसला लिया है, जो निराशाजनक है. इसमें मेरी क्षेत्र का छतरी कॉलेज भी शामिल है.
उन्होंने कहा कि इस कॉलेज के भवन का निर्माण हो चुका है और शिलान्यास भी कर दिया गया है. इसके लिए बजट का प्रावधान भी किया गया था और सभी औपचारिकताएं भी पूरी कर ली गई थी. यह कॉलेज पिछले 1 साल से चल रहा था और इसमें 60 विद्यार्थी भी पढ़ भी रहे थे. लेकिन, इसके बावजूद भी संस्था को बंद कर दिया गया. जो गलत है. उन्होंने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि सरकार इन निर्णयों को रिव्यु करें और इन्हें तुरंत रद्द करे. क्योंकि जनता में इन जनविरोधी निर्णयों को लेकर बहुत रोष है.
उन्होंने कहा कि यह सभी कार्यालय जनता की मांग पर खोले गए थे और जनता की भावनाओं का अनादर करना ठीक नहीं है. अगर जनता को लगता है कि यह निर्णय गलत है तो लोग अपना रास्ता खुद ढूंढ लेंगे और कोर्ट भी जाएंगे. यह निश्चित है. वहीं, तीसरे दिन कैबिनेट बैठक को लेकर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पहले 3 महीने में एक कैबिनेट हुआ करती थी. अब हर दूसरे दिन कैबिनेट होती है. कैबिनेट में जनता को परेशान करने वाले निर्णय नहीं लिए जाने चाहिए. कैबिनेट में जनहित के कार्यों पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए.
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