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'लखपति खेती योजना' से किसानों की आय में होगी वृद्धि, 4 विभागों ने शुरू की ये योजना - Agriculture Minister Virender Kanwar

कृषि विभाग लखपति खेती मॉडल शुरू करने जा रहा है. कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि इस योजना का सबसे अधिक लाभ उन किसानों को होगा जिनके पास कम जमीन है. कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि लखपति खेती मॉडल लागू होने के बाद प्रदेश के प्रतीक किसान की साल भर में कम से कम एक लाख से अधिक आमदनी हो सकेगी.

Lakhpati farming scheme will increase farmers' income
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Published : Sep 4, 2020, 10:44 PM IST

शिमला: किसानों की आय को दोगुना करने के लिए कृषि विभाग लखपति खेती मॉडल शुरू करने जा रहा है. इस योजना के तहत प्रदेश में किसानों के लिए चलाई जा रही सभी योजनाओं को एक साथ जोड़ कर लागू किया जाएगा. कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि इस योजना का सबसे अधिक लाभ उन किसानों को होगा जिनके पास कम जमीन है.

कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि लखपति खेती मॉडल लागू होने के बाद प्रदेश के प्रतीक किसान की साल भर में कम से कम एक लाख से अधिक आमदनी हो सकेगी. योजना के तहत पशुपालन, भेड़-बकरी पालन, मत्स्य पालन क्षेत्र में चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं जैसी तमाम योजनाओं को कृषि क्षेत्र में दी जा रही योजनाओं के साथ जोड़ा जाएगा. इन सभी योजनाओं के एकीकृत रूप में लागू होने से किसानों को आर्थिक रूप से बहुत लाभ होगा.

सरकार किसानों को विभिन्न योजनाओं के तहत उपदान भी मुहैया कराएगी. किसानों की आमदनी के आकलन के लिए उन्हें किसान आमदनी योजना कार्ड दिए जाएंगे. कार्ड में किसान की मॉडल से पहले और बाद दोनों की आय का जिक्र होगा.

वीडियो रिपोर्ट.

कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि विभाग की बैठक के बाद अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं. कि चारों विभागों को मिलाकर किसानों को इंटीग्रेटेड स्कीम दी जाए. क्योंकि हिमाचल प्रदेश में किसानों के पास बहुत कम जमीन है और आय का कोई अधिक साधन नहीं है. इसलिए एक कमर्शियल मॉडल किसानों को दिया जाए. जिससे किसान नेचुरल फार्मिंग के साथ दूसरी फार्मिंग भी कर सके और अन्य विभागों की योजनाओं का लाभ भी उठा सके.

कंवर ने कहा कि इस योजना के लागू हो जाने से किसानों की न्यूनतम आय एक लाख तक आने की पूरी उम्मीद है. उन्होंने कहा कि विभाग पहली से अधिकतर योजनाएं किसानों को दे रहा है, लेकिन इनको एकरूपता प्रदान करने की आवश्यकता है. जिस पर अब विभाग में कार्य करना शुरू कर दिया है.

प्रदेश में 90 प्रतिशत के करीब आबादी गांवों में रहती है. ग्रामीण इलाकों में रहने वाली अधिकतर आबादी खेती पर निर्भर करती है. हालांकि प्रदेश में किसानों को कृषि से सीमित आए हो पाती है. इसके अलावा बंदरों वह जंगली जानवरों के आतंक से भी किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है.

प्रदेश में अधिकतर खेती वर्षा जल पर निर्भर करती है. यहां सिंचाई के साधन उपलब्ध नहीं है. जानवरों से बचाव के लिए सरकार ने सोलर फेंसिंग जैसी योजनाएं प्रारंभ की है. इसके अलावा सिंचाई के लिए भी अनेक योजनाएं हैं. कृषि के क्षेत्र में जायका के तहत चेक डैम बना कर किसानों को पानी मुहैया करवाया जा रहा है, लेकिन ग्रामीण विकास विभाग ग्रामीण स्तर पर खेती के लिए आधारभूत ढांचा उपलब्ध करवाने के लिए अब इस लखपति खेती मॉडल को शुरू करने जा रहा है.

शिमला: किसानों की आय को दोगुना करने के लिए कृषि विभाग लखपति खेती मॉडल शुरू करने जा रहा है. इस योजना के तहत प्रदेश में किसानों के लिए चलाई जा रही सभी योजनाओं को एक साथ जोड़ कर लागू किया जाएगा. कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि इस योजना का सबसे अधिक लाभ उन किसानों को होगा जिनके पास कम जमीन है.

कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि लखपति खेती मॉडल लागू होने के बाद प्रदेश के प्रतीक किसान की साल भर में कम से कम एक लाख से अधिक आमदनी हो सकेगी. योजना के तहत पशुपालन, भेड़-बकरी पालन, मत्स्य पालन क्षेत्र में चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं जैसी तमाम योजनाओं को कृषि क्षेत्र में दी जा रही योजनाओं के साथ जोड़ा जाएगा. इन सभी योजनाओं के एकीकृत रूप में लागू होने से किसानों को आर्थिक रूप से बहुत लाभ होगा.

सरकार किसानों को विभिन्न योजनाओं के तहत उपदान भी मुहैया कराएगी. किसानों की आमदनी के आकलन के लिए उन्हें किसान आमदनी योजना कार्ड दिए जाएंगे. कार्ड में किसान की मॉडल से पहले और बाद दोनों की आय का जिक्र होगा.

वीडियो रिपोर्ट.

कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि विभाग की बैठक के बाद अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं. कि चारों विभागों को मिलाकर किसानों को इंटीग्रेटेड स्कीम दी जाए. क्योंकि हिमाचल प्रदेश में किसानों के पास बहुत कम जमीन है और आय का कोई अधिक साधन नहीं है. इसलिए एक कमर्शियल मॉडल किसानों को दिया जाए. जिससे किसान नेचुरल फार्मिंग के साथ दूसरी फार्मिंग भी कर सके और अन्य विभागों की योजनाओं का लाभ भी उठा सके.

कंवर ने कहा कि इस योजना के लागू हो जाने से किसानों की न्यूनतम आय एक लाख तक आने की पूरी उम्मीद है. उन्होंने कहा कि विभाग पहली से अधिकतर योजनाएं किसानों को दे रहा है, लेकिन इनको एकरूपता प्रदान करने की आवश्यकता है. जिस पर अब विभाग में कार्य करना शुरू कर दिया है.

प्रदेश में 90 प्रतिशत के करीब आबादी गांवों में रहती है. ग्रामीण इलाकों में रहने वाली अधिकतर आबादी खेती पर निर्भर करती है. हालांकि प्रदेश में किसानों को कृषि से सीमित आए हो पाती है. इसके अलावा बंदरों वह जंगली जानवरों के आतंक से भी किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है.

प्रदेश में अधिकतर खेती वर्षा जल पर निर्भर करती है. यहां सिंचाई के साधन उपलब्ध नहीं है. जानवरों से बचाव के लिए सरकार ने सोलर फेंसिंग जैसी योजनाएं प्रारंभ की है. इसके अलावा सिंचाई के लिए भी अनेक योजनाएं हैं. कृषि के क्षेत्र में जायका के तहत चेक डैम बना कर किसानों को पानी मुहैया करवाया जा रहा है, लेकिन ग्रामीण विकास विभाग ग्रामीण स्तर पर खेती के लिए आधारभूत ढांचा उपलब्ध करवाने के लिए अब इस लखपति खेती मॉडल को शुरू करने जा रहा है.

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