शिमला: केंद्र सरकार द्वारा सेब बागवानों को बड़ी राहत देते हुए बाहरी देशों से आयात होने वाले सेब की न्यूनतम कीमत 50 रुपये कर दी गई है. जिसका सबसे ज्यादा फायदा हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के सेब बागवानों को होगा. बाहरी देशों से आयात सेब के सस्ता होने के कारण बाजार में विदेशी सेब की डिमांड ज्यादा होती है. जिस कारण देश में सेब उत्पादकों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है, क्योंकि उन्हें भी फिर अपने सेब के कम दाम मिलते हैं. केंद्र सरकार के इस फैसले से देश के सेब उत्पादकों को अब सेब के उचित दाम मिलने की उम्मीद है.
'आयात सेब शुल्क 50 से बढ़ाकर 100 फीसदी करे सरकार': वहीं, कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता कुलदीप सिंह राठौर ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार को बागवानों के हक और हितों की रक्षा के लिए सेब के आयात शुल्क को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत करना चाहिए. गौरतलब है कि हाल ही में केंद्र सरकार ने आयात सेब का न्यूनतम मूल्य 50 रुपये प्रति किलोग्राम कर दिया है और उससे कम मूल्य के आयात सेब पर प्रतिबंध लगाने की बात कही है.
'PM से आग्रह करें भाजपा नेता': राष्ट्रीय प्रवक्ता कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि देश के सेब उत्पादकों को उनके सेब का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है, क्योंकि दूसरे देशों से बड़ी मात्रा में सस्ते सेब का आयात किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं को प्रधानमंत्री से आग्रह करना चाहिए कि सेब पर आयात शुल्क को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत किया जाए.
भाजपा ने किया फैसले का स्वागत: बता दें कि हिमाचल प्रदेश भाजपा ने मंगलवार को सेब के आयात पर प्रतिबंध लगाने के केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए इसकी सराहना की थी. भाजपा का कहना है कि अगर आयात सेब का मूल्य 50 रुपये प्रति किलोग्राम है, तो इससे हिमाचल प्रदेश के सेब उत्पादकों को बहुत लाभ मिलेगा. पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता जयराम ठाकुर ने कहा कि भाजपा ने प्रमुखता के साथ कई बार केंद्र के सामने इस मुद्दे को उठाया और अब आखिरकार सरकार ने प्रदेश भाजपा का सुझाव स्वीकार कर लिया है.
हिमाचल में 94 हजार हेक्टेयर पर सेब का उत्पादन: भारत में आयात किए गए सेब का मूल्य 385 मिलियन अमरीकी डालर था और सेब के भारी आयात के कारण यहां के सेब उत्पादकों को भारी नुकसान झेलना पड़ता है. हिमाचल प्रदेश में 94 हजार हेक्टेयर से ज्यादा भूमि पर सेब उगाए जाते हैं. हिमाचल प्रदेश में 4500 से 5000 करोड़ की अर्थव्यवस्था सेब की है. फल सब्जी एवं फूल उत्पादक संघ के अध्यक्ष हरीश चौहान ने बताया कि लगभग 1.75 लाख से दो लाख परिवार प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से हिमाचल प्रदेश में सेब की खेती से जुड़े हैं.
(पीटीआई)
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