शिमला: 22 अप्रैल को एपीएमसी शिमला के कार्यालय में किसान संघर्ष समिति महाधरने का आयोजन करेगा. ये धरना आढ़तियों द्वारा सेब उत्पादकों को कई साल बाद भी उनके सेब की बिक्री का पैसा समय पर नहीं मिलने के विरोध में किया जाएगा.
बता दें कि मंगलवार कोनारकंडा में किसान संघर्ष समिति की बैठक आयोजित की गई. बैठक में विभिन्न ब्लॉकों से लगभग 200 किसानों ने भाग लिया और किसानों-बागवानों के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की. इसमें बागवानों की विभिन्न मण्डियों में फसलों के बकाया भुगतान के बारे में खासतौर से चर्चा की गई.
किसानों ने मांग की है कि बागवानों द्वारा दोषी आढ़तियों के विरुद्ध की गई एफआईआर पर सरकार तुरंत कार्रवाई करें और एपीएमसी को दिशा निर्देश जारी करें कि जिन बागवानों की आढ़तियों से बकाया भुगतान तुरंत दिलवाया जाए. वहीं, भविष्य में प्रत्येक मंडी में एपीएमसी कानून, 2005 के प्रावधानों को तुरंत लागू करें ताकि आढ़तियों द्वारा इन मण्डियों में किसानों का शोषण रोका जाए. उन्होंने कहा कि अगर सरकार समय रहते इस बारे में कोई उचित कदम नहीं उठाया तो किसान संघर्ष समिति सरकार के विरुद्ध भी आंदोलन चलाएगी.
किसानों ने कहा कि एपीएमसी के पास जितने बागवानों के द्वारा बकाया भुगतान की शिकायतें की गई हैं, उन पर एपीएमसी द्वारा अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. जबकि अब तक एपीएमसी को दोषी आढ़तियों के खिलाफ मुकदमा दायर कर वसूली करने के लिए कार्रवाई करनी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि इससे एपीएमसी की दोषी आढ़तियों से मिलीभगत स्पष्ट होती है.
उनका कहना है कि अगर बागवान खुद एफआईआर कर अपना पैसा हासिल कर सकते हैं तो एपीएमसी बागवानों का पैसा क्यों नहीं वसूल करवा सकती है. उन्होंने कहा कि इलाके के किसानों का करोड़ों रुपये एपीएमसी के नकारात्मक रवैये के चलते आढ़ती डकार गए हैं. जिसके खिलाफ किसानों व बागवानों में कड़ा रोष है और इन्हें देखते हुए किसान संगठनों व सेब उत्पादकों द्वारा किसान संघर्ष समिति का गठन किया गया. किसान संघर्ष समिति में शामिल किसानों ने भारी दबाव के चलते आढ़तियों द्वारा की गई हेरा-फेरी के विरोध में इस भुगतान के लिए एफआईआर दर्ज करवाई.
किसान नेता और ठियोग से सीपीएम विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि विधानसभा में भी सरकार ने झूठे तथ्य पेश कर जवाब दिया, जिससे सरकार की किसानों के प्रति मंशा पर कई तरह के सवाल खड़े होते हैं. उन्होंने कहा कि आगामी दिनों में किसान संघर्ष समिति प्रत्येक ब्लॉक व तहसील स्तर पर किसान संघर्ष समिति की बैठक कर गठन करेगी. इसमें 24 मार्च को कोटखाई गुम्मा में बैठक का आयोजन किया जाएगा. इसके बाद लगातार, 2 अप्रैल को ठियोग, 3 अप्रैल ननखड़ी, 7 अप्रैल को जुब्बल, 8 अप्रैल को टिक्कर, 9 अप्रैल को रोहड़ू, 10 अप्रैल को नारकण्डा, 12 अप्रैल को रामपुर, 15 अप्रैल को आनी और 18 अप्रैल को निरमंड में बैठक का आयोजन किया जाएगा.