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सेब उत्पादकों की मदद के लिए आढ़तियों के खिलाफ उतरी किसान संघर्ष समिति, 22 अप्रैल को शिमला में करेगी महाधरना

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Published : Mar 20, 2019, 8:50 AM IST

22 अप्रैल को एपीएमसी शिमला के कार्यालय में किसान संघर्ष समिति महाधरने का आयोजन करेगा. ये धरना आढ़तियों द्वारा सेब उत्पादकों को कई साल बाद भी उनके सेब की बिक्री का पैसा समय पर नहीं मिलने के विरोध में किया जाएगा.

सेब उत्पादकों की मदद के लिए आढ़तियों के खिलाफ उतरी किसान संघर्ष समिति

शिमला: 22 अप्रैल को एपीएमसी शिमला के कार्यालय में किसान संघर्ष समिति महाधरने का आयोजन करेगा. ये धरना आढ़तियों द्वारा सेब उत्पादकों को कई साल बाद भी उनके सेब की बिक्री का पैसा समय पर नहीं मिलने के विरोध में किया जाएगा.

बता दें कि मंगलवार कोनारकंडा में किसान संघर्ष समिति की बैठक आयोजित की गई. बैठक में विभिन्न ब्लॉकों से लगभग 200 किसानों ने भाग लिया और किसानों-बागवानों के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की. इसमें बागवानों की विभिन्न मण्डियों में फसलों के बकाया भुगतान के बारे में खासतौर से चर्चा की गई.

kisan sangharsh samiti will protest in shimla soon
सेब उत्पादकों की मदद के लिए आढ़तियों के खिलाफ उतरी किसान संघर्ष समिति

किसानों ने मांग की है कि बागवानों द्वारा दोषी आढ़तियों के विरुद्ध की गई एफआईआर पर सरकार तुरंत कार्रवाई करें और एपीएमसी को दिशा निर्देश जारी करें कि जिन बागवानों की आढ़तियों से बकाया भुगतान तुरंत दिलवाया जाए. वहीं, भविष्य में प्रत्येक मंडी में एपीएमसी कानून, 2005 के प्रावधानों को तुरंत लागू करें ताकि आढ़तियों द्वारा इन मण्डियों में किसानों का शोषण रोका जाए. उन्होंने कहा कि अगर सरकार समय रहते इस बारे में कोई उचित कदम नहीं उठाया तो किसान संघर्ष समिति सरकार के विरुद्ध भी आंदोलन चलाएगी.

किसानों ने कहा कि एपीएमसी के पास जितने बागवानों के द्वारा बकाया भुगतान की शिकायतें की गई हैं, उन पर एपीएमसी द्वारा अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. जबकि अब तक एपीएमसी को दोषी आढ़तियों के खिलाफ मुकदमा दायर कर वसूली करने के लिए कार्रवाई करनी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि इससे एपीएमसी की दोषी आढ़तियों से मिलीभगत स्पष्ट होती है.

kisan sangharsh samiti will protest in shimla soon
सेब उत्पादकों की मदद के लिए आढ़तियों के खिलाफ उतरी किसान संघर्ष समिति

उनका कहना है कि अगर बागवान खुद एफआईआर कर अपना पैसा हासिल कर सकते हैं तो एपीएमसी बागवानों का पैसा क्यों नहीं वसूल करवा सकती है. उन्होंने कहा कि इलाके के किसानों का करोड़ों रुपये एपीएमसी के नकारात्मक रवैये के चलते आढ़ती डकार गए हैं. जिसके खिलाफ किसानों व बागवानों में कड़ा रोष है और इन्हें देखते हुए किसान संगठनों व सेब उत्पादकों द्वारा किसान संघर्ष समिति का गठन किया गया. किसान संघर्ष समिति में शामिल किसानों ने भारी दबाव के चलते आढ़तियों द्वारा की गई हेरा-फेरी के विरोध में इस भुगतान के लिए एफआईआर दर्ज करवाई.

सेब उत्पादकों की मदद के लिए आढ़तियों के खिलाफ उतरी किसान संघर्ष समिति

किसान नेता और ठियोग से सीपीएम विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि विधानसभा में भी सरकार ने झूठे तथ्य पेश कर जवाब दिया, जिससे सरकार की किसानों के प्रति मंशा पर कई तरह के सवाल खड़े होते हैं. उन्होंने कहा कि आगामी दिनों में किसान संघर्ष समिति प्रत्येक ब्लॉक व तहसील स्तर पर किसान संघर्ष समिति की बैठक कर गठन करेगी. इसमें 24 मार्च को कोटखाई गुम्मा में बैठक का आयोजन किया जाएगा. इसके बाद लगातार, 2 अप्रैल को ठियोग, 3 अप्रैल ननखड़ी, 7 अप्रैल को जुब्बल, 8 अप्रैल को टिक्कर, 9 अप्रैल को रोहड़ू, 10 अप्रैल को नारकण्डा, 12 अप्रैल को रामपुर, 15 अप्रैल को आनी और 18 अप्रैल को निरमंड में बैठक का आयोजन किया जाएगा.

शिमला: 22 अप्रैल को एपीएमसी शिमला के कार्यालय में किसान संघर्ष समिति महाधरने का आयोजन करेगा. ये धरना आढ़तियों द्वारा सेब उत्पादकों को कई साल बाद भी उनके सेब की बिक्री का पैसा समय पर नहीं मिलने के विरोध में किया जाएगा.

बता दें कि मंगलवार कोनारकंडा में किसान संघर्ष समिति की बैठक आयोजित की गई. बैठक में विभिन्न ब्लॉकों से लगभग 200 किसानों ने भाग लिया और किसानों-बागवानों के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की. इसमें बागवानों की विभिन्न मण्डियों में फसलों के बकाया भुगतान के बारे में खासतौर से चर्चा की गई.

kisan sangharsh samiti will protest in shimla soon
सेब उत्पादकों की मदद के लिए आढ़तियों के खिलाफ उतरी किसान संघर्ष समिति

किसानों ने मांग की है कि बागवानों द्वारा दोषी आढ़तियों के विरुद्ध की गई एफआईआर पर सरकार तुरंत कार्रवाई करें और एपीएमसी को दिशा निर्देश जारी करें कि जिन बागवानों की आढ़तियों से बकाया भुगतान तुरंत दिलवाया जाए. वहीं, भविष्य में प्रत्येक मंडी में एपीएमसी कानून, 2005 के प्रावधानों को तुरंत लागू करें ताकि आढ़तियों द्वारा इन मण्डियों में किसानों का शोषण रोका जाए. उन्होंने कहा कि अगर सरकार समय रहते इस बारे में कोई उचित कदम नहीं उठाया तो किसान संघर्ष समिति सरकार के विरुद्ध भी आंदोलन चलाएगी.

किसानों ने कहा कि एपीएमसी के पास जितने बागवानों के द्वारा बकाया भुगतान की शिकायतें की गई हैं, उन पर एपीएमसी द्वारा अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. जबकि अब तक एपीएमसी को दोषी आढ़तियों के खिलाफ मुकदमा दायर कर वसूली करने के लिए कार्रवाई करनी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि इससे एपीएमसी की दोषी आढ़तियों से मिलीभगत स्पष्ट होती है.

kisan sangharsh samiti will protest in shimla soon
सेब उत्पादकों की मदद के लिए आढ़तियों के खिलाफ उतरी किसान संघर्ष समिति

उनका कहना है कि अगर बागवान खुद एफआईआर कर अपना पैसा हासिल कर सकते हैं तो एपीएमसी बागवानों का पैसा क्यों नहीं वसूल करवा सकती है. उन्होंने कहा कि इलाके के किसानों का करोड़ों रुपये एपीएमसी के नकारात्मक रवैये के चलते आढ़ती डकार गए हैं. जिसके खिलाफ किसानों व बागवानों में कड़ा रोष है और इन्हें देखते हुए किसान संगठनों व सेब उत्पादकों द्वारा किसान संघर्ष समिति का गठन किया गया. किसान संघर्ष समिति में शामिल किसानों ने भारी दबाव के चलते आढ़तियों द्वारा की गई हेरा-फेरी के विरोध में इस भुगतान के लिए एफआईआर दर्ज करवाई.

सेब उत्पादकों की मदद के लिए आढ़तियों के खिलाफ उतरी किसान संघर्ष समिति

किसान नेता और ठियोग से सीपीएम विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि विधानसभा में भी सरकार ने झूठे तथ्य पेश कर जवाब दिया, जिससे सरकार की किसानों के प्रति मंशा पर कई तरह के सवाल खड़े होते हैं. उन्होंने कहा कि आगामी दिनों में किसान संघर्ष समिति प्रत्येक ब्लॉक व तहसील स्तर पर किसान संघर्ष समिति की बैठक कर गठन करेगी. इसमें 24 मार्च को कोटखाई गुम्मा में बैठक का आयोजन किया जाएगा. इसके बाद लगातार, 2 अप्रैल को ठियोग, 3 अप्रैल ननखड़ी, 7 अप्रैल को जुब्बल, 8 अप्रैल को टिक्कर, 9 अप्रैल को रोहड़ू, 10 अप्रैल को नारकण्डा, 12 अप्रैल को रामपुर, 15 अप्रैल को आनी और 18 अप्रैल को निरमंड में बैठक का आयोजन किया जाएगा.

आढ़तियों द्वारा सेब उत्पादकों का बकाया न देने पर मुखर हुई किसान संघर्ष समिति , 22 अप्रैल को शिमला में  'किसान संघर्ष समिति' करेगी महाधरना

 शिमला !  बागवानो का आढतियों का बकाया न देने पर किसान संघर्ष  समिति ने आन्दोलन का ऐलान कर दिया है !  22 अप्रैल को 'किसान संघर्ष समिति' एपीएमसी शिमला के कार्यालय पर किसान संघर्ष समिति  महाधरने का आयोजन करेगा। ये धरना आढ़तियों द्वारा सेब उत्पादकों को उनके सेब की बिक्री का पैसा समय पर नही मिलने व कई वर्ष बीतने के बाद भी नही देने पर एपीएमसी के नकारात्मक रवैये के विरोध में किया जाएगा।
किसान संघर्ष समिति की बैठक मंगलवार को  नारकंडा में आयोजित की गई। इसमे विभिन्न ब्लॉकों से लगभग 200 किसानों ने भाग लिया। बैठक में किसानों- बागवानों के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। इसमें बागवानों की विभिन्न मण्डियों में बागवानों के फसलों के बकाया भुगतान के बारे में विशेष रूप से चर्चा की गई।

किसानों ने मांग की है कि बागवानों द्वारा दोषी आढ़तियों के विरुद्ध की गई FIR पर सरकार तुरन्त कार्यवाही करें और एपीएमसी को दिशा निर्देश जारी करे कि जिन बागवानों की आढ़तियों से बकाया भुगतान तुरंत दिलवाया जाए। वहीं, भविष्य में प्रत्येक मंडी में एपीएमसी कानून, 2005 के प्रावधानों को तुरंत लागू करे ताकि आढ़तियों द्वारा इन मण्डियों में किसानों का शोषण रोका जाए। यदि सरकार समय रहते क़दम नहीं उठाती है तो किसान संघर्ष समिति सरकार के विरुद्ध भी आंदोलन चलाएगी।
       
बैठक में तय किया गया कि एपीएमसी के पास जितने बागवानों के द्वारा बकाया भुगतान की शिकायतें की गई है उन पर एपीएमसी कोई कार्यवाही नहीं कर रहीं है। अब तक एपीएमसी को दोषी आढ़तियों के विरुद्ध मुकदमा दायर कर वसूली करने के लिए कार्यवाही करनी चाहिए थी परंतु नहीं की। इससे एपीएमसी की दोषी आढ़तियों से मिली भगत स्पष्ट होती है। क्योंकि अगर बागवान स्वंय FIR कर अपना पैसा हासिल कर सकते है तो एपीएमसी बागवानों का पैसा क्यों नहीं वसूल करवा सकती हैं।

 इलाके के किसानों का करोड़ों रूपये एपीएमसी के नकारात्मक रवैये के चलते आढ़ती डकार गए है। जिसके खिलाफ किसानों व बागवानों में कड़ा रोष है । इसी सब को देखते हुए किसान संघर्ष समिति का गठन, किसान संगठनों, सेब उत्पादकों के द्वारा किया गया। किसानों के भारी दबाव के चलते आढ़तियों द्वारा की गई हेरा-फेरी के विरोध में किसान संघर्ष समिति में शामिल किसानों ने इस भुगतान के लिए FIR दर्ज करवाई।

किसान नेता औऱ ठियोग से सीपीएम विधायक राकेश सिंघा ने कहा  विधानसभा में भी सरकार ने झूठे तथ्य पेश कर जवाब दिया गया जिससे सरकार की किसानों के प्रति मंशा पर प्रश्नचिन्ह लगाती हैं। आगामी दिनों में किसान संघर्ष समिति प्रत्येक ब्लॉक व तहसील स्तर पर किसान संघर्ष समिति की बैठक कर गठन करेगी। इसमें 24 मार्च को कोटखाई गुम्मा में बैठक का आयोजन किया जाएगा। इसके बाद लगातार, 2 अप्रैल को ठियोग, 3 अप्रैल ननखड़ी, 7 अप्रैल को जुब्बल, 8 अप्रैल को टिककर, 9 अप्रैल को रोहड़ू, 10 अप्रैल को नारकण्डा, 12 अप्रैल को रामपुर, 15 अप्रैल को आनी व 18 अप्रैल को निरमंड में किसान बागवानों की बैठक का आयोजन किया जाएगा।
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