ETV Bharat / state

IGMC में पूरी तैयारी के बाद शुरू होगी किडनी ट्रांसप्लांट सुविधा, स्वास्थ्य मंत्री बोले- जल्दबाजी नहीं करेगी सरकार - विपिन परमार

हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र में मंगलवार को प्रश्नकाल के दौरान प्रदेश के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान आईजीएमसी अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट सुविधा का मामला गूंजा. विपक्ष के विधायक रामलाल ठाकुर ने आईजीएमसी अस्पताल में उपरोक्त सुविधा से जुड़ा सवाल किया था.

स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार
author img

By

Published : Feb 12, 2019, 5:50 PM IST

शिमलाः हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र में मंगलवार को प्रश्नकाल के दौरान प्रदेश के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान आईजीएमसी अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट सुविधा का मामला गूंजा. विपक्ष के विधायक रामलाल ठाकुर ने आईजीएमसी अस्पताल में उपरोक्त सुविधा से जुड़ा सवाल किया था.

स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार
स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार
undefined

जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने इस संदर्भ में सरकार की तैयारियों व ऑपरेशन थियेटर पर हुए खर्च सहित डॉक्टर्स व पेरामेडिकल स्टाफ की ट्रेनिंग का ब्यौरा दिया. साथ ही स्पष्ट किया कि सरकार जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाएगी और पूरी तैयारी के बाद ही किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा दी जाएगी.

रामलाल ठाकुर जानना चाहते थे कि सरकार 31 मार्च से ट्रांसप्लांट सेंटर शुरू करने का दावा कर रही थी, लेकिन अभी इसके लिए जरूरी प्रशिक्षित डॉक्टर्स मौजूद नहीं हैं. आईजीएमसी अस्पताल के सर्जरी विभाग के प्रोफेसर राकेश चौहान पीजीआई चंडीगढ़ में किडनी ट्रांसप्लांट में सुपर स्पेशेलाइजेशन कर रहे हैं. उनके प्रशिक्षण का अभी तीसरा साल शुरू होना है. ऐसे में आईजीएमसी अस्पताल में कैसे किडनी ट्रांसप्लांट किया जाएगा?

स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार
undefined

इस पर स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने जवाब दिया कि कुल आठ डॉक्टर्स प्रशिक्षण ले रहे हैं. एम्स दिल्ली के विशेषज्ञ चिकित्सक भी यहां आईजीएमसी अस्पताल में शुरूआती ऑपरेशन में सहयोग करेंगे. सरकार पूरी तैयारी कर रही है और जल्द ही किडनी ट्रांसप्लांट यहां आईजीएमसी में शुरू होगा.

दरअसल, यही सवाल दो अन्य विधायकों का भी था. भाजपा के राकेश पठानिया व कांग्रेस के अनिरुद्ध सिंह भी इसी से जुड़ी जानकारी चाहते थे.

स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने बताया कि आईजीएमसी में स्टेट ऑफ आर्ट लेवल का ऑपरेशन थियेटर करीब-करीब तैयार है. इस पर सरकार ने 1 करोड़ 8 लाख 96 हजार रूपये खर्च किए हैं. सरकार ने कुल 4 करोड़ रुपये का बजट रखा था. अभी स्वास्थ्य उपकरणों पर 2.91 करोड़ से अधिक खर्च हो चुका है. कुल 8 डॉक्टर्स पीजीआई चंडीगढ़ व एम्स दिल्ली में प्रशिक्षण ले रहे हैं.

पेरामेडिकल स्टाफ के 9 लोग भी प्रशिक्षण हासिल कर रहे हैं, ताकि मरीजों को पोस्ट ऑपरेटिव केयर दी जा सके. अकसर अपनी ही सरकार को घेरने वाले तेजतर्रार विधायक राकेश पठानिया ने इस मसले पर स्वास्थ्य मंत्री की पीठ थपथपाई.

undefined

पठानिया ने स्टेट ऑफ आर्ट ऑपरेशन थियेटर व डॉक्टर्स के प्रशिक्षण को लेकर किए गए प्रयासों को सराहा. वहीं अनिरुद्ध सिंह मंगलवार को सदन में नहीं थे. अनुपूरक सवाल में कांग्रेस विधायक रामलाल ठाकुर ने पूछा था कि बिना प्रशिक्षण पूरा हुए ऑपरेशन सुविधा 31 मार्च तक शुरू करने के पीछे सरकार का क्या आधार है? उन्होंने उस अधिसूचना का हवाला भी दिया, जिसके तहत ऐसी विशेषज्ञ स्वास्थ्य सुविधा के लिए एमसीएच (मास्टर ऑफ चेरीचुरी) यानी सुपर स्पेशेलाइजेशन डिग्री का होना जरूरी है.

जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पूरी तैयारी के बाद ही सुविधा दी जाएगी. इन प्रक्रियाओं को पूरा करने में समय लगता है. स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि सरकार ने डॉ. राकेश चौहान, पंपोष रैणा, डॉ. सुरेंद्र सिंह, डॉ. गिरीश, डॉ. दारा सिंह, डॉ. पूजा, डॉ. ललित नेगी व डॉ. कार्तिक स्याल को प्रशिक्षण दिलवाया है.

शिमलाः हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र में मंगलवार को प्रश्नकाल के दौरान प्रदेश के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान आईजीएमसी अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट सुविधा का मामला गूंजा. विपक्ष के विधायक रामलाल ठाकुर ने आईजीएमसी अस्पताल में उपरोक्त सुविधा से जुड़ा सवाल किया था.

स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार
स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार
undefined

जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने इस संदर्भ में सरकार की तैयारियों व ऑपरेशन थियेटर पर हुए खर्च सहित डॉक्टर्स व पेरामेडिकल स्टाफ की ट्रेनिंग का ब्यौरा दिया. साथ ही स्पष्ट किया कि सरकार जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाएगी और पूरी तैयारी के बाद ही किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा दी जाएगी.

रामलाल ठाकुर जानना चाहते थे कि सरकार 31 मार्च से ट्रांसप्लांट सेंटर शुरू करने का दावा कर रही थी, लेकिन अभी इसके लिए जरूरी प्रशिक्षित डॉक्टर्स मौजूद नहीं हैं. आईजीएमसी अस्पताल के सर्जरी विभाग के प्रोफेसर राकेश चौहान पीजीआई चंडीगढ़ में किडनी ट्रांसप्लांट में सुपर स्पेशेलाइजेशन कर रहे हैं. उनके प्रशिक्षण का अभी तीसरा साल शुरू होना है. ऐसे में आईजीएमसी अस्पताल में कैसे किडनी ट्रांसप्लांट किया जाएगा?

स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार
undefined

इस पर स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने जवाब दिया कि कुल आठ डॉक्टर्स प्रशिक्षण ले रहे हैं. एम्स दिल्ली के विशेषज्ञ चिकित्सक भी यहां आईजीएमसी अस्पताल में शुरूआती ऑपरेशन में सहयोग करेंगे. सरकार पूरी तैयारी कर रही है और जल्द ही किडनी ट्रांसप्लांट यहां आईजीएमसी में शुरू होगा.

दरअसल, यही सवाल दो अन्य विधायकों का भी था. भाजपा के राकेश पठानिया व कांग्रेस के अनिरुद्ध सिंह भी इसी से जुड़ी जानकारी चाहते थे.

स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने बताया कि आईजीएमसी में स्टेट ऑफ आर्ट लेवल का ऑपरेशन थियेटर करीब-करीब तैयार है. इस पर सरकार ने 1 करोड़ 8 लाख 96 हजार रूपये खर्च किए हैं. सरकार ने कुल 4 करोड़ रुपये का बजट रखा था. अभी स्वास्थ्य उपकरणों पर 2.91 करोड़ से अधिक खर्च हो चुका है. कुल 8 डॉक्टर्स पीजीआई चंडीगढ़ व एम्स दिल्ली में प्रशिक्षण ले रहे हैं.

पेरामेडिकल स्टाफ के 9 लोग भी प्रशिक्षण हासिल कर रहे हैं, ताकि मरीजों को पोस्ट ऑपरेटिव केयर दी जा सके. अकसर अपनी ही सरकार को घेरने वाले तेजतर्रार विधायक राकेश पठानिया ने इस मसले पर स्वास्थ्य मंत्री की पीठ थपथपाई.

undefined

पठानिया ने स्टेट ऑफ आर्ट ऑपरेशन थियेटर व डॉक्टर्स के प्रशिक्षण को लेकर किए गए प्रयासों को सराहा. वहीं अनिरुद्ध सिंह मंगलवार को सदन में नहीं थे. अनुपूरक सवाल में कांग्रेस विधायक रामलाल ठाकुर ने पूछा था कि बिना प्रशिक्षण पूरा हुए ऑपरेशन सुविधा 31 मार्च तक शुरू करने के पीछे सरकार का क्या आधार है? उन्होंने उस अधिसूचना का हवाला भी दिया, जिसके तहत ऐसी विशेषज्ञ स्वास्थ्य सुविधा के लिए एमसीएच (मास्टर ऑफ चेरीचुरी) यानी सुपर स्पेशेलाइजेशन डिग्री का होना जरूरी है.

जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पूरी तैयारी के बाद ही सुविधा दी जाएगी. इन प्रक्रियाओं को पूरा करने में समय लगता है. स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि सरकार ने डॉ. राकेश चौहान, पंपोष रैणा, डॉ. सुरेंद्र सिंह, डॉ. गिरीश, डॉ. दारा सिंह, डॉ. पूजा, डॉ. ललित नेगी व डॉ. कार्तिक स्याल को प्रशिक्षण दिलवाया है.

आईजीएमसी अस्पताल में पूरी तैयारी के बाद शुरू होगी किडनी ट्रांसप्लांट सुविधा, स्वास्थ्य मंत्री बोले, जल्दबाजी नहीं करेगी सरकार
शिमला। हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र में मंगलवार को प्रश्नकाल के दौरान प्रदेश के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान आईजीएमसी अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट सुविधा का मामला गूंजा। विपक्ष के विधायक रामलाल ठाकुर ने आईजीएमसी अस्पताल में उपरोक्त सुविधा से जुड़ा सवाल किया था। जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने इस संदर्भ में सरकार की तैयारियों व ऑपरेशन थियेटर पर हुए खर्च सहित डॉक्टर्स व पैरामेडिकल स्टाफ की ट्रेनिंग का ब्यौरा दिया। साथ ही स्पष्ट किया कि सरकार जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाएगी और पूरी तैयारी के बाद ही किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा दी जाएगी। रामलाल ठाकुर जानना चाहते थे कि सरकार 31 मार्च से ट्रांसप्लांट सेंटर शुरू करने का दावा कर रही थी, लेकिन अभी इसके लिए जरूरी प्रशिक्षित डॉक्टर्स मौजूद नहीं हैं। आईजीएमसी अस्पताल के सर्जरी विभाग के प्रोफेसर राकेश चौहान पीजीआई चंडीगढ़ में किडनी ट्रांसप्लांट में सुपर स्पेशेलाइजेशन कर रहे हैं। उनके प्रशिक्षण का अभी तीसरा साल शुरू होना है। ऐसे में आईजीएमसी अस्पताल में कैसे किडनी ट्रांसप्लांट किया जाएगा? इस पर स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने जवाब दिया कि कुल आठ डॉक्टर्स प्रशिक्षण ले रहे हैं। एम्स दिल्ली के विशेषज्ञ चिकित्सक भी यहां आईजीएमसी अस्पताल में शुरूआती ऑपरेशन में सहयोग करेंगे। सरकार पूरी तैयारी कर रही है और जल्द ही किडनी ट्रांसप्लांट यहां आईजीएमसी में शुरू होगा। दरअसल, यही सवाल दो अन्य विधायकों का भी था। भाजपा के राकेश पठानिया व कांग्रेस के अनिरुद्ध सिंह भी इसी से जुड़ी जानकारी चाहते थे। 
स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने बताया कि आईजीएमसी में स्टेट ऑफ आर्ट लेवल का ऑपरेशन थियेटर करीब-करीब तैयार है। इस पर सरकार ने 1 करोड़ 8 लाख 96 हजार रूपये खर्च किए हैं। सरकार ने कुल चार करोड़ रुपए का बजट रखा था। अभी स्वास्थ्य उपकरणों पर 2.91 करोड़ से अधिक खर्च हो चुका है। कुल 8 डॉक्टर्स पीजीआई चंडीगढ़ व एम्स दिल्ली में प्रशिक्षण ले रहे हैं। पैरामेडिकल स्टाफ के 9 लोग भी प्रशिक्षण हासिल कर रहे हैं, ताकि मरीजों को पोस्ट ऑपरेटिव केयर दी जा सके। अकसर अपनी ही सरकार को घेरने वाले तेजतर्रार विधायक राकेश पठानिया ने इस मसले पर स्वास्थ्य मंत्री की पीठ थपथपाई। पठानिया ने स्टेट ऑफ आर्ट ऑपरेशन थियेटर व डॉक्टर्स के प्रशिक्षण को लेकर किए गए प्रयासों को सराहा। अनिरुद्ध सिंह मंगलवार को सदन में नहीं थे। अनुपूरक सवाल में कांग्रेस विधायक रामलाल ठाकुर ने पूछा था कि बिना प्रशिक्षण पूरा हुए ऑपरेशन सुविधा 31 मार्च तक शुरू करने के पीछे सरकार का क्या आधार है? उन्होंने उस अधिसूचना का हवाला भी दिया, जिसके तहत ऐसी विशेषज्ञ स्वास्थ्य सुविधा के लिए एमसीएच (मास्टर ऑफ चेरीचुरी) यानी सुपर स्पेशेलाइजेशन डिग्री का होना जरूरी है। जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पूरी तैयारी के बाद ही सुविधा दी जाएगी। इन प्रक्रियाओं को पूरा करने में समय लगता है। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि सरकार ने डॉ. राकेश चौहान, पंपोष रैणा, डॉ. सुरेंद्र सिंह, डॉ. गिरीश, डॉ. दारा सिंह, डॉ. पूजा, डॉ. ललित नेगी व डॉ. कार्तिक स्याल को प्रशिक्षण दिलवाया है। 

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.