ETV Bharat / state

कंगना के कार्यालय में हुई तोड़फोड़ को लेकर आज होने वाली सुनवाई टली

author img

By

Published : Sep 23, 2020, 12:17 PM IST

Updated : Sep 23, 2020, 1:53 PM IST

बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के कार्यालय में बीएमसी द्वारा की गयी तोड़फोड़ के मामले में आज होने वाली बॉम्बे हाईकोर्ट की सुनवाई टल गई.

kangna ranaut vs BMC
कंगना बीएमसी विवाद

मुंबई: मुंबई में नौ सितंबर को बीएमसी ने बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के दफ्तर में अवैध निर्माण का आरोप लगाते हुए तोड़फोड़ की कार्रवाई की थी. कंगना रनौत ने इस पर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. जिसके बाद उसी दिन कोर्ट ने बीएमसी की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी. जिसके बाद आज बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई होनी थी, जो भारी बारिश के चलते टल गई.

मिली जानकारी के मुताबिक, अब इस मामले में शिवसेना नेता संजय राउत और मुंबई महानगर पालिका का वो अधिकारी भी पक्षकार बनेगा, जिसने कंगना का कार्यालय तोड़ने के आदेश दिए थे. वहीं बीएमसी के वकील ने कहा था कि कोर्ट के आदेश के बाद बीएमसी ने कार्रवाई को रोक दिया था.

वीडियो

संजय राउत को पक्षकार बनाने की बात
बॉलीवुड अभिनेत्री के ऑफिस को कुछ दिन पहले बीएमसी ने अवैध बताते हुए तोड़ दिया था. बांबे हाईकोर्ट में मंगलवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने इस मामले में जिस अधिकारी ने बुलडोजर चलाने का आदेश दिया था और उसके साथ ही शिव सेना नेता संजय राउत को पक्षकार बनाने की बात कही.

महाराष्ट्र सरकार और कंगना के बीच तनातनी बढ़ी
बता दें कि बीएमसी द्वारा कंगना के कार्यालय में की गयी तोड़फोड़ के बाद से महाराष्ट्र सरकार और कंगना के बीच तनातनी लगातार बढ़ती ही जा रही है. कंगना रनौत ने सोमवार को बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) के उन आरोपों से बंबई उच्च न्यायालय में इनकार किया कि उन्होंने अपने पाली हिल बंगले में अवैध ढांचागत बदलाव किये थे. इस बंगले के कुछ हिस्सों को नगर निकाय ने नौ सितंबर को तोड़ दिया था.

'याचिका कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग'
अपनी याचिका पर बीएमसी के जवाब के बाद अदालत में एक और हलफनामा देते हुए कंगना ने कहा कि उन्होंने अवैध रूप से कोई ढांचागत बदलाव या मरम्मत नहीं कराई थी. उन्होंने इस बात से भी इनकार किया कि तोड़फोड़ को अवैध घोषित करने और बीएमसी द्वारा मुआवजे के तौर पर दो करोड़ रुपये की मांग वाली उनकी याचिका कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है.

पीठ के समक्ष हलफनामा दायर
हलफनामे में उन्होंने कहा कि मैं इस बात से इनकार करती हूं कि मैंने गैरकानूनी रूप से कुछ जोड़ा या बदलाव किया जैसा कि आरोप लगाया गया है. बीएमसी ने पिछले हफ्ते अपने वकील जोएल कार्लोस के जरिये रनौत की याचिका के जवाब में न्यायमूर्ति एस जे कथावाला की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष हलफनामा दायर किया था.

उच्च न्यायालय से अनुरोध
नगर निकाय ने कहा था कि अभिनेत्री ने इमारत में बिना इजाजत अहम ढांचागत बदलाव किये थे. उसने कहा कि बीएमसी अधिकारी नौ सितंबर को उन बदलावों को तोड़ने के दौरान सिर्फ नियमों का पालन कर रहे थे. नगर निकाय ने उच्च न्यायालय से अनुरोध किया था कि वह रनौत की याचिका को रद्द कर दे और उन पर याचिका दायर करने का जुर्माना भी लगाए जो कि न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग थी.

'जल्दबाजी में जवाब खारिज'
वहीं रनौत ने बीएमसी के जवाब के बाद अपने हलफनामे में कहा कि नगर निकाय ने पर्याप्त समय दिये बिना उनकी संपत्ति के हिस्से को तोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर वैधानिक प्रक्रिया का दुरुपयोग किया है. उन्होंने पहले कहा था कि बीएमसी ने उन्हें तोड़फोड़ के नोटिस का जवाब देने के लिये सिर्फ 24 घंटे का वक्त दिया और उसके नोटिस पर उनके जवाब को जल्दबाजी में खारिज कर दिया.

'नोटिस के जवाब के लिए नहीं दिया वक्त'
रनौत ने कहा कि बीएमसी ने नौ सितंबर को उनके खिलाफ पक्षपातपूर्ण कार्रवाई की क्योंकि बीएमसी ने उनके बंगले के बगल में स्थिति फैशन डिजाइनर मनीष मल्होत्रा के बंगले में कथित अवैध बदलावों को लेकर उन्हें भी नोटिस जारी किया था, लेकिन मल्होत्रा को नोटिस का जवाब देने के लिये सात दिनों का वक्त दिया गया.

ये भी पढ़ें: एक छोटे बच्चे ने चुराया कंगना का दिल, एक्ट्रेस ने सोशल मीडिया पर शेयर की फोटो

मुंबई: मुंबई में नौ सितंबर को बीएमसी ने बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के दफ्तर में अवैध निर्माण का आरोप लगाते हुए तोड़फोड़ की कार्रवाई की थी. कंगना रनौत ने इस पर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. जिसके बाद उसी दिन कोर्ट ने बीएमसी की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी. जिसके बाद आज बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई होनी थी, जो भारी बारिश के चलते टल गई.

मिली जानकारी के मुताबिक, अब इस मामले में शिवसेना नेता संजय राउत और मुंबई महानगर पालिका का वो अधिकारी भी पक्षकार बनेगा, जिसने कंगना का कार्यालय तोड़ने के आदेश दिए थे. वहीं बीएमसी के वकील ने कहा था कि कोर्ट के आदेश के बाद बीएमसी ने कार्रवाई को रोक दिया था.

वीडियो

संजय राउत को पक्षकार बनाने की बात
बॉलीवुड अभिनेत्री के ऑफिस को कुछ दिन पहले बीएमसी ने अवैध बताते हुए तोड़ दिया था. बांबे हाईकोर्ट में मंगलवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने इस मामले में जिस अधिकारी ने बुलडोजर चलाने का आदेश दिया था और उसके साथ ही शिव सेना नेता संजय राउत को पक्षकार बनाने की बात कही.

महाराष्ट्र सरकार और कंगना के बीच तनातनी बढ़ी
बता दें कि बीएमसी द्वारा कंगना के कार्यालय में की गयी तोड़फोड़ के बाद से महाराष्ट्र सरकार और कंगना के बीच तनातनी लगातार बढ़ती ही जा रही है. कंगना रनौत ने सोमवार को बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) के उन आरोपों से बंबई उच्च न्यायालय में इनकार किया कि उन्होंने अपने पाली हिल बंगले में अवैध ढांचागत बदलाव किये थे. इस बंगले के कुछ हिस्सों को नगर निकाय ने नौ सितंबर को तोड़ दिया था.

'याचिका कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग'
अपनी याचिका पर बीएमसी के जवाब के बाद अदालत में एक और हलफनामा देते हुए कंगना ने कहा कि उन्होंने अवैध रूप से कोई ढांचागत बदलाव या मरम्मत नहीं कराई थी. उन्होंने इस बात से भी इनकार किया कि तोड़फोड़ को अवैध घोषित करने और बीएमसी द्वारा मुआवजे के तौर पर दो करोड़ रुपये की मांग वाली उनकी याचिका कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है.

पीठ के समक्ष हलफनामा दायर
हलफनामे में उन्होंने कहा कि मैं इस बात से इनकार करती हूं कि मैंने गैरकानूनी रूप से कुछ जोड़ा या बदलाव किया जैसा कि आरोप लगाया गया है. बीएमसी ने पिछले हफ्ते अपने वकील जोएल कार्लोस के जरिये रनौत की याचिका के जवाब में न्यायमूर्ति एस जे कथावाला की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष हलफनामा दायर किया था.

उच्च न्यायालय से अनुरोध
नगर निकाय ने कहा था कि अभिनेत्री ने इमारत में बिना इजाजत अहम ढांचागत बदलाव किये थे. उसने कहा कि बीएमसी अधिकारी नौ सितंबर को उन बदलावों को तोड़ने के दौरान सिर्फ नियमों का पालन कर रहे थे. नगर निकाय ने उच्च न्यायालय से अनुरोध किया था कि वह रनौत की याचिका को रद्द कर दे और उन पर याचिका दायर करने का जुर्माना भी लगाए जो कि न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग थी.

'जल्दबाजी में जवाब खारिज'
वहीं रनौत ने बीएमसी के जवाब के बाद अपने हलफनामे में कहा कि नगर निकाय ने पर्याप्त समय दिये बिना उनकी संपत्ति के हिस्से को तोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर वैधानिक प्रक्रिया का दुरुपयोग किया है. उन्होंने पहले कहा था कि बीएमसी ने उन्हें तोड़फोड़ के नोटिस का जवाब देने के लिये सिर्फ 24 घंटे का वक्त दिया और उसके नोटिस पर उनके जवाब को जल्दबाजी में खारिज कर दिया.

'नोटिस के जवाब के लिए नहीं दिया वक्त'
रनौत ने कहा कि बीएमसी ने नौ सितंबर को उनके खिलाफ पक्षपातपूर्ण कार्रवाई की क्योंकि बीएमसी ने उनके बंगले के बगल में स्थिति फैशन डिजाइनर मनीष मल्होत्रा के बंगले में कथित अवैध बदलावों को लेकर उन्हें भी नोटिस जारी किया था, लेकिन मल्होत्रा को नोटिस का जवाब देने के लिये सात दिनों का वक्त दिया गया.

ये भी पढ़ें: एक छोटे बच्चे ने चुराया कंगना का दिल, एक्ट्रेस ने सोशल मीडिया पर शेयर की फोटो

Last Updated : Sep 23, 2020, 1:53 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.