शिमला: हिमाचल सरकार द्वारा बनाए गए सीपीएस मामले में अब 16 अक्टूबर को सुनवाई होगी. वहीं, इसको लेकर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सरकार पर निशाना साधा है और अपने विधायकों के साथ विश्वासघात करने के आरोप लगाए हैं. जयराम ठाकुर ने कहा है कि CPS को लेकर पहले ही सुप्रीम कोर्ट का जजमेंट आई है और हाई कोर्ट में ये मामला विचाराधीन है. कांग्रेस को पता था बावजूद इसके प्रदेश में CPS बनाकर उनके साथ विश्वासघात किया गया. इसमे सीपीएस की कुर्सी तो जाएगी साथ ही विधानसभा की सदस्यता भी रद्द होगी.
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कोविड वॉरियर को निकालने पर भी निशाना साधा और कहा कि जिन्होंने कोविड जैसी महामारी में अपने जान की परवाह किए बिना कोरोना पीड़ितों की सेवा की, आज वह अपने बच्चों के दो जून की रोटी के लिए सड़कों पर हैं. इससे ज्यादा अमानवीय और शर्मनाक कुछ भी नहीं हो सकता है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि छह महीने का वेतन दिए बिना 30 सितंबर को लगभग दो हजार कोविड वॉरियर को सरकार ने बर्खास्त कर दिया. क्या कोविड वॉरियर का परिवार नहीं है. क्या उन्हें अपने बच्चे नहीं पालने हैं? इस तरह की अमानवीयता की उम्मीद किसी भी सरकार से नहीं की जा सकती है.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार को बने मात्र 10 महीने ही हुए हैं, लेकिन आज प्रदेश भर के लोग सड़कों पर हैं. ऐसी परिस्थिति सरकार की नाकामी के कारण बनी है. उन्होंने कहा कि आज जिला पंचायत के लोग सड़कों पर हैं. एसएमसी के शिक्षक सड़कों पर हैं, सफाई कर्मचारी सड़कों पर हैं, सुरक्षा गार्ड सड़कों पर हैं, परीक्षा परिणाम न जारी करने से युवा सड़कों पर हैं. प्रदेश के विभिन्न वर्गों से जुड़े लोग आज सड़कों पर अपनी मांगों को लेकर सचिवालय, चौड़ा मैदान, रिज मैदान पर धरना दे रहे हैं. जिला मुख्यालयों से लेकर तहसील और ब्लॉक तक लोग सरकार खिलाफ सड़कों पर हैं.
जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा राहत पैकेज जारी किया गया है, इसका फायदा सही लोगों को मिलेगा इसकी कोई गारंटी नहीं है. इससे पहले भी आपदा प्रभावितों को केवल 5 हजार रुपये दिए गए हैं. वहीं, उन्होंने तंबू और तिरपाल को लेकर सवाल खड़े किए और कहा कि जिला स्तर पर बिना टेंडर के तंबू खरीदे गए हैं और ये घटिया क्वालिटी के हैं, एक महीने में ये फट गए हैं.