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हिमाचल सरकार के खिलाफ जनाक्रोश, हर मोर्चे पर विफल हुई सरकार- जयराम ठाकुर

नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार के खिलाफ 1 साल में ही जनाक्रोश पैदा हो गया है. यही नहीं सरकार हर मोर्चे पर विफल हुई है. सुखविंदर सिंह सबसे ज्यादा लोन लेने वाले मुख्यमंत्री बनेंगे. पढ़ें पूरी खबर..

JAIRAM THAKUR Targeted SUKHU GOVT
जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार पर साधा निशाना
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 12, 2024, 9:04 PM IST

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर

शिमला: नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने शिमला में सुक्खू सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के खिलाफ 1 साल में ही बड़ा जनाक्रोश पैदा हो गया है. कर्मचारियों को OPS के नाम पर सरकार ने ठगा जिसके चलते हजारों बिजली बोर्ड के कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ बीते कल ही हल्ला बोला. सरकार ने एक साल में ही 13 हजार करोड़ रुपए का कर्ज ले लिया है लेकिन विकास कार्य फिर भी ठप है.

जयराम ठाकुर ने कहा कि सुखविंदर सिंह सबसे ज्यादा लोन लेने वाले मुख्यमंत्री बनेंगे. इसके अलावा प्रदेश में किसी विभाग में भर्तियां एक साल में एक भी नहीं हुईं हैं. युवा रोजगार की सरकार से गुहार लगा रहे हैं. सरकार हर मोर्चे पर फेल हो गई है. नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर ने कहा कि सरकार कर्ज पर कर्ज ले रही है, लेकिन कर्मचारियों को तनख्वाह नहीं मिल रही है. बिजली बोर्ड कर्मचारी वेतन और पेंशन न मिलने के कारण आज सड़कों पर आ गए हैं. कांग्रेस कर्ज के लिए भाजपा को कोसती थी, लेकिन आज उन्होंने कर्ज लेना की सारी हदें लांघ दी है.

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि दो नए मंत्रियों को अन्य मंत्रियों से छीन कर विभाग दिए गए हैं जिससे तीन मंत्रियों की कार्य क्षमता पर सवाल खड़े हो रहे हैं. हिमाचल से भ्रष्टाचार के कारण उद्याेग शिफ्ट हो रहे हैं. दुबई में उद्योगपतियों से मिलने के नाम पर मुख्यमंत्री शादियों में शामिल हो रहे हैं, तथ्य लोगों से छुपाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि बीते कल शिमला में निर्माण कार्य को लेकर आए सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से शिमला वासियों को बड़ी राहत मिली है, जिसका श्रेय लेने का कांग्रेस सरकार प्रयास कर रही है, जबकि भाजपा सरकार ने ही सुप्रीम कोर्ट में इसको लेकर याचिका दायर की थी जिसका अब निर्णय आया है. वहीं, जयराम ठाकुर ने हाई कोर्ट के सीपीएस को लेकर आए आदेशों को लेकर कहा कि हाई कोर्ट के आदेश स्पष्ट नहीं हैं. मामले को लटकाने का प्रयास प्रतीत हो रहा है, जबकि सुप्रीम कोर्ट के सीपीएस को लेकर स्पष्ट आदेश है कि सीपीएस को पद पर बने रहना असंवैधानिक है.

ये भी पढ़ें: क्या अपनी ही सरकार से नाराज हैं विक्रमादित्य सिंह, खेल विभाग वापिस लेने के बाद कैबिनेट मीटिंग में नहीं पहुंचे युवा मंत्री

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर

शिमला: नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने शिमला में सुक्खू सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के खिलाफ 1 साल में ही बड़ा जनाक्रोश पैदा हो गया है. कर्मचारियों को OPS के नाम पर सरकार ने ठगा जिसके चलते हजारों बिजली बोर्ड के कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ बीते कल ही हल्ला बोला. सरकार ने एक साल में ही 13 हजार करोड़ रुपए का कर्ज ले लिया है लेकिन विकास कार्य फिर भी ठप है.

जयराम ठाकुर ने कहा कि सुखविंदर सिंह सबसे ज्यादा लोन लेने वाले मुख्यमंत्री बनेंगे. इसके अलावा प्रदेश में किसी विभाग में भर्तियां एक साल में एक भी नहीं हुईं हैं. युवा रोजगार की सरकार से गुहार लगा रहे हैं. सरकार हर मोर्चे पर फेल हो गई है. नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर ने कहा कि सरकार कर्ज पर कर्ज ले रही है, लेकिन कर्मचारियों को तनख्वाह नहीं मिल रही है. बिजली बोर्ड कर्मचारी वेतन और पेंशन न मिलने के कारण आज सड़कों पर आ गए हैं. कांग्रेस कर्ज के लिए भाजपा को कोसती थी, लेकिन आज उन्होंने कर्ज लेना की सारी हदें लांघ दी है.

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि दो नए मंत्रियों को अन्य मंत्रियों से छीन कर विभाग दिए गए हैं जिससे तीन मंत्रियों की कार्य क्षमता पर सवाल खड़े हो रहे हैं. हिमाचल से भ्रष्टाचार के कारण उद्याेग शिफ्ट हो रहे हैं. दुबई में उद्योगपतियों से मिलने के नाम पर मुख्यमंत्री शादियों में शामिल हो रहे हैं, तथ्य लोगों से छुपाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि बीते कल शिमला में निर्माण कार्य को लेकर आए सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से शिमला वासियों को बड़ी राहत मिली है, जिसका श्रेय लेने का कांग्रेस सरकार प्रयास कर रही है, जबकि भाजपा सरकार ने ही सुप्रीम कोर्ट में इसको लेकर याचिका दायर की थी जिसका अब निर्णय आया है. वहीं, जयराम ठाकुर ने हाई कोर्ट के सीपीएस को लेकर आए आदेशों को लेकर कहा कि हाई कोर्ट के आदेश स्पष्ट नहीं हैं. मामले को लटकाने का प्रयास प्रतीत हो रहा है, जबकि सुप्रीम कोर्ट के सीपीएस को लेकर स्पष्ट आदेश है कि सीपीएस को पद पर बने रहना असंवैधानिक है.

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