शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने ढाई साल के शासनकाल में अपना चौथा प्रधान सचिव लगाया है. इसके अलावा दिसम्बर 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में टायर्ड, रिटायर्ड और हायर्ड के नाम पर सत्ता में आई भाजपा के मुख्यमंत्री को अपने प्रधान निजी सचिव के पद एक सेवानिवृत आइएएस अधिकारी को बिठाना पड़ा है.
आज 1991 बैच के आइएएस अधिकारी जगदीश चंद्र ने मुख्यमंत्री का प्रधान सचिव का पदभार संभाल लिया है. यह पद आइपीएस अधिकारी संजय कुंडू के पुलिस महानिदेशक बनने के बाद खाली हो गया था. इस पर अतिरिक्त मुख्य स्वास्थ्य आरडी धीमान की ताजपोशी का इंतजार किया जा रहा था, लेकिन बीच में स्वास्थ्य घोटाला उछला और उसकी आंच धीमान तक जा पहुंची.
जेसी शर्मा से पहले शुरू में आइएएस अधिकारी मनीषा नंदा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की प्रधान सचिव बनी. जयराम ने मनीषा नंदा को अपने प्रधान सचिव के पद से हटाने के बाद तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीकांत बाल्दी को इस पर बिठा दिया. बाल्दी मुख्य सचिव बनने तक इस पद पर रहे. जब बाल्दी मुख्य साचिव बन गए तो उनकी जगह पर आइपीएस अधिकारी संजय कुंडू को बिठाया गया.
दरअसल कुंडू को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से प्रदेश का डीजीपी बनाने लाया गया था, लेकिन इस बीच सुप्रीम कोर्ट का आदेश आ गया और डीजीपी मरड़ी को हटा कर कुंडू को डीजीपी नहीं बना पाए. ऐसे में जयराम ठाकुर ने कुंडू को आइएएस अधिकारियों को दिए जाने वाले विभागों को प्रधान सचिव बनाना शुरू कर उन्हें मजबूत करना शुरू कर दिया.
वह विजीलेंस, आबकारी और कराधान जैसे महत्वपूर्ण विभागों के प्रधान सचिव रहें. जैसे ही 30 मई को डीजीपी मरडी सेवानिवृत हुए कुंडू ने डीजीपी का पद हासिल करने में कतई देर नहीं की. ऐसे में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव का पद खाली हो गया और जगदीश शर्मा को इस पद पर बिठा दिया गया. जगदीश शर्मा जनवरी 2022 में सेवानिवृत होंगे.
विपक्ष में रहते हुए भाजपा सेवानिवृत अधिकारियों को पद पर बिठाने की घोर विरोधी रही है. पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल की कमान में पूरी विपक्षी पार्टी पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पर इस बात को लेकर तीखे हमले करती थी. भाजपा का वीरभद्र सिंह सरकार पर यही आरोप था कि सरकार को रिटायर्ड, टायर्ड और हायर्ड अधिकारी चला रहे हैं, लेकिन अब मुख्यमंत्री जयराम खुद अपनी ही पार्टी के स्टैंड के खिलाफ जाकर और वीरभद्र सिंह के नक्शे कदम पर चल कर सेवानिवृत अधिकारियों की ताजपोशी करने पर उतर गए है. 30 मई को सेवानिवृत हुए 2000 बैच के आइएएस अधिकारी आर एन बत्ता को बीती शाम को सरकार ने मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव के पद पर बिठा दिया.