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कोरोना की दूसरी लहर में बढ़ाया गया इंफ्रास्ट्रक्चर, वर्चुअल माध्यम से 16,303 रोगी प्राप्त कर रहे स्वास्थ्य लाभ

कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान प्रदेश सरकार द्वारा आवश्यकता के अनुसार इंफ्रास्ट्रक्चर और विभिन्न स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाया गया है. प्रदेश में टेस्टिंग, आइसोलेशन और उपचार पर बल दिया जा रहा है. पहली लहर के दौरान कुल 10 लाख 63 हजार 922 टेस्ट के मुकाबले दूसरी लहर आने के बाद अब तक 8 लाख 895 टेस्ट किए जा चुके हैं. प्रदेश में इस संक्रमण से बचाव के लिए 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के 18 लाख 77 हजार 950 लोगों को कोविशील्ड की पहली खुराक दी जा चुकी है.

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Published : May 27, 2021, 10:21 PM IST

शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर ज्यादा घातक है. दूसरी लहर के दौरान 1,25,944 पाॅजिटिव मामले और 1,935 लोगों की मृत्यु दर्ज हो चुकी है. प्रदेश सरकार द्वारा दूसरी लहर के दौरान आवश्यकता के अनुसार इंफ्रास्ट्रक्चर और विभिन्न स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाया गया है. प्रदेश में टेस्टिंग, आइसोलेशन और उपचार पर बल दिया जा रहा है.

इंफ्रास्ट्रक्चर और स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाया गया

पहली लहर के दौरान कुल 10 लाख 63 हजार 922 टेस्ट के मुकाबले दूसरी लहर आने के बाद अब तक 8 लाख 895 टेस्ट किए जा चुके हैं. प्रदेश में इस संक्रमण से बचाव के लिए 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के 18 लाख 77 हजार 950 लोगों को कोविशील्ड की पहली खुराक दी जा चुकी है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में कोविड समर्पित स्वास्थ्य संस्थानों की संख्या में वृद्धि की है. प्रदेश में एक मार्च, 2021 को 11 ऐसे संस्थान थे जिनमें 440 बिस्तर और 32 आईसीयू बिस्तर उपलब्ध थे जबकि वर्तमान में प्रदेश में 56 कोविड समर्पित स्वास्थ्य संस्थानों में कुल 3,860 बिस्तर और 291 आईसीयू बिस्तरों की सुविधा प्रदान की जा रही है.

वीडियो.

इसके अलावा आधुनिक चिकित्सा पद्धति एलोपैथी और किसी न किसी रूप में जन-जन की जीवनशैली का अभिन्न अंग रही आयुष पद्धति ने कोविड-19 पाॅजिटिव रोगियों को पूर्ण रूप से स्वस्थ करने में विशिष्ट भूमिका निभाई. वर्तमान में प्रदेश में घर पर में रह रहे कोविड-19 पाॅजिटिव रोगियों की संख्या घटकर लगभग 16 हजार रह गई है. इन 16 हजार कोविड-19 पाॅजिटिव रोगियों को आयुष घर द्वार कार्यक्रम के माध्यम से लाभान्वित करने के लिए व्हाट्सऐप, जूम जैसे सोशल मीडिया ऐप पर प्रदेश में 985 वर्चुअल समूह बनाए गए हैं.

इन जिलों में इतने मरीज हो रहे हैं लाभान्वित

वर्चुअल समूहों के माध्यम से 16,303 रोगी स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर रहे हैं. आयुष घर द्वार के तहत कांगड़ा जिले में 249 वर्चुअल समूहों के माध्यम से 2,836 कोरोना संक्रमित, मंडी जिले में 138 वर्चुअल समूहों के माध्यम से 1,992 रोगी, चंबा जिले में 117 समूहों के माध्यम से 1,145 रोगी, हमीरपुर जिले में 83 वर्चुअल समूहों के माध्यम से 1,688 रोगी, सोलन जिले में 79 समूहों के माध्यम से 2,970 रोगी, बिलासपुर जिले में 70 समूहों के माध्यम से 1,222 रोगी, ऊना जिले में 67 समूहों के माध्यम से 1,262 रोगी, सिरमौर जिले में 65 वर्चुअल समूहों के माध्यम से 1,650 रोगी, शिमला जिले में 61 समूहों के माध्यम से 681 रोगी, कुल्लू जिले में 28 समूहों के माध्यम से 644 रोगी, किन्नौर जिले में 20 समूहों के माध्यम से 120 रोगी और लाहौल-स्पीति जिले में 8 वर्चुअल समूहों के माध्यम से 93 कोरोना पाॅजिटिव रोगी लाभान्वित हो रहे हैं.

आयुष घरद्वार कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य योग एवं आयुर्वेद के माध्यम से कोरोना संक्रमित रोगियों के स्वस्थ होने की दर को बढ़ाना, उनके जीवन स्तर में सुधार करना, मृत्यु दर को कम करना, संक्रमण दर को घटाना, कोविड के गंभीर दुष्प्रभावों को कम करना और तदोपरान्त रोगियों का बेहतर पुनर्वास सुनिश्चित बनाना है.

ये भी पढ़ें: आईआईटी मंडी के शोधकर्ताओं ने दिखाई कोरोना की प्रोटीन संरचना, वायरस के इलाज में होगी आसानी

शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर ज्यादा घातक है. दूसरी लहर के दौरान 1,25,944 पाॅजिटिव मामले और 1,935 लोगों की मृत्यु दर्ज हो चुकी है. प्रदेश सरकार द्वारा दूसरी लहर के दौरान आवश्यकता के अनुसार इंफ्रास्ट्रक्चर और विभिन्न स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाया गया है. प्रदेश में टेस्टिंग, आइसोलेशन और उपचार पर बल दिया जा रहा है.

इंफ्रास्ट्रक्चर और स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाया गया

पहली लहर के दौरान कुल 10 लाख 63 हजार 922 टेस्ट के मुकाबले दूसरी लहर आने के बाद अब तक 8 लाख 895 टेस्ट किए जा चुके हैं. प्रदेश में इस संक्रमण से बचाव के लिए 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के 18 लाख 77 हजार 950 लोगों को कोविशील्ड की पहली खुराक दी जा चुकी है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में कोविड समर्पित स्वास्थ्य संस्थानों की संख्या में वृद्धि की है. प्रदेश में एक मार्च, 2021 को 11 ऐसे संस्थान थे जिनमें 440 बिस्तर और 32 आईसीयू बिस्तर उपलब्ध थे जबकि वर्तमान में प्रदेश में 56 कोविड समर्पित स्वास्थ्य संस्थानों में कुल 3,860 बिस्तर और 291 आईसीयू बिस्तरों की सुविधा प्रदान की जा रही है.

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इसके अलावा आधुनिक चिकित्सा पद्धति एलोपैथी और किसी न किसी रूप में जन-जन की जीवनशैली का अभिन्न अंग रही आयुष पद्धति ने कोविड-19 पाॅजिटिव रोगियों को पूर्ण रूप से स्वस्थ करने में विशिष्ट भूमिका निभाई. वर्तमान में प्रदेश में घर पर में रह रहे कोविड-19 पाॅजिटिव रोगियों की संख्या घटकर लगभग 16 हजार रह गई है. इन 16 हजार कोविड-19 पाॅजिटिव रोगियों को आयुष घर द्वार कार्यक्रम के माध्यम से लाभान्वित करने के लिए व्हाट्सऐप, जूम जैसे सोशल मीडिया ऐप पर प्रदेश में 985 वर्चुअल समूह बनाए गए हैं.

इन जिलों में इतने मरीज हो रहे हैं लाभान्वित

वर्चुअल समूहों के माध्यम से 16,303 रोगी स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर रहे हैं. आयुष घर द्वार के तहत कांगड़ा जिले में 249 वर्चुअल समूहों के माध्यम से 2,836 कोरोना संक्रमित, मंडी जिले में 138 वर्चुअल समूहों के माध्यम से 1,992 रोगी, चंबा जिले में 117 समूहों के माध्यम से 1,145 रोगी, हमीरपुर जिले में 83 वर्चुअल समूहों के माध्यम से 1,688 रोगी, सोलन जिले में 79 समूहों के माध्यम से 2,970 रोगी, बिलासपुर जिले में 70 समूहों के माध्यम से 1,222 रोगी, ऊना जिले में 67 समूहों के माध्यम से 1,262 रोगी, सिरमौर जिले में 65 वर्चुअल समूहों के माध्यम से 1,650 रोगी, शिमला जिले में 61 समूहों के माध्यम से 681 रोगी, कुल्लू जिले में 28 समूहों के माध्यम से 644 रोगी, किन्नौर जिले में 20 समूहों के माध्यम से 120 रोगी और लाहौल-स्पीति जिले में 8 वर्चुअल समूहों के माध्यम से 93 कोरोना पाॅजिटिव रोगी लाभान्वित हो रहे हैं.

आयुष घरद्वार कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य योग एवं आयुर्वेद के माध्यम से कोरोना संक्रमित रोगियों के स्वस्थ होने की दर को बढ़ाना, उनके जीवन स्तर में सुधार करना, मृत्यु दर को कम करना, संक्रमण दर को घटाना, कोविड के गंभीर दुष्प्रभावों को कम करना और तदोपरान्त रोगियों का बेहतर पुनर्वास सुनिश्चित बनाना है.

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