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आसमान छूने लगे सब्जियों के दाम, रसोई का बजट गड़बड़ाने से गृहणियां परेशान - effect on corona on farmers

कोरोना की वजह से अर्थव्यवस्था और किसानों को हुए नुकसान का असर अब रसोई पर भी दिखना शुरू हो गया है. खाने की थाली से हरी सब्जियां गायब हो रही हैं और किचन का बजट गड़बड़ाने से गृहणियों की चिंता बढ़ गई है. आलू, प्याज, टमाटर के बिना हर रसोई अधूरी है और इनके दाम आसमान छू रहे हैं.

increase in vegetables prices
डिजाइन फोटो.
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Published : Oct 27, 2020, 8:44 PM IST

शिमला: प्रदेश में आलू और प्याज की कीमतों में तो पहले से ही बढ़ोतरी हो रही थी, लेकिन अब सब्जियों के दाम भी बढ़ गए हैं. बाजारों में जो सब्जियां दो हफ्ते पहले 20 से 40 रुपये प्रतिकिलो बिक रही थी, वो अब दोगुने दामों पर खरीदनी पड़ रही हैं. कई सब्जियों के दाम अब 80 रुपये से बढ़कर 120 तक चले गए हैं. दामों में हुई इस बढ़ोतरी के बाद गृहणियों को खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है.

महज दो हफ्ते में ही कीमतों में यह बढ़ोतरी हुई है, जिसने किचन के पूरे बजट को बिगाड़ दिया है. दामों की बात की जाए तो प्याज,टमाटर की कीमतों में काफी बढ़ोतरी हुई है. इनके दाम बढ़कर 80 रुपये तक चले गए हैं. किचन में लगभग हर सब्जी में इस्तेमाल होने वाला आलू भी कीमतों को लेकर पीछे नहीं है और इसकी कीमत 60 रुपये किलो तक पहुंच चुकी है. वहीं, सब्जियों के दामों में भी उछाल आया है और फूलगोभी, शिमला मिर्च के दाम 80 रुपये पहुंच गए हैं, जबकि हरी मटर के दाम 120, घीया 40 और बीन की कीमत 80 रुपये प्रतिकिलो हो चुकी है .

वीडियो.

सब्जियों के दाम बढ़ने से परेशान गृहणियों का कहना है कि दालों की कीमतें पहले ही बढ़ी हुईं हैं और अब सब्जियों की कीमतें बढ़ने से भी समझ नहीं आ रहा कि क्या खरीदें और क्या खाएं. बढ़ी हुई कीमतों के चलते बाजार में सब्जियां खरीदने पहुंच रहे ग्राहक एक किलो सब्जी बजाय 20 और 30 रुपये में सब्जी खरीदकर वापिस लौट रहे हैं.

व्यापारियों और कारोबारियों का कहना है कि दामों में लगातार बढ़ोतरी की सबसे बड़ी वजह सब्जी मंडियों में सप्लाई का न पहुंचना है. दरअसल, लॉकडाउन के चलते किसानों की सब्जियां बर्बाद हुईं और उन्हें अच्छे दाम नहीं मिल पाए. इस वजह से उन्होंने हालात को देखते हुए आगामी फसलों की बिजाई ही नहीं की. ऐसे में अब सब्जियों की डिमांड बढ़ गई है, लेकिन सप्लाई नहीं आ रही है.

कोरोना की वजह से नुकसान होने के आसार को देखते हुए किसानों ने पहले ही कम सब्जियां उगाई और इसके बाद मौसम की मार से हालात और बिगड़ गए. ऐसे में हिमाचल के साथ-साथ अन्य राज्यों में भी सब्जियों की बढ़ती कीमतों से आम आदमी को परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं.

शिमला: प्रदेश में आलू और प्याज की कीमतों में तो पहले से ही बढ़ोतरी हो रही थी, लेकिन अब सब्जियों के दाम भी बढ़ गए हैं. बाजारों में जो सब्जियां दो हफ्ते पहले 20 से 40 रुपये प्रतिकिलो बिक रही थी, वो अब दोगुने दामों पर खरीदनी पड़ रही हैं. कई सब्जियों के दाम अब 80 रुपये से बढ़कर 120 तक चले गए हैं. दामों में हुई इस बढ़ोतरी के बाद गृहणियों को खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है.

महज दो हफ्ते में ही कीमतों में यह बढ़ोतरी हुई है, जिसने किचन के पूरे बजट को बिगाड़ दिया है. दामों की बात की जाए तो प्याज,टमाटर की कीमतों में काफी बढ़ोतरी हुई है. इनके दाम बढ़कर 80 रुपये तक चले गए हैं. किचन में लगभग हर सब्जी में इस्तेमाल होने वाला आलू भी कीमतों को लेकर पीछे नहीं है और इसकी कीमत 60 रुपये किलो तक पहुंच चुकी है. वहीं, सब्जियों के दामों में भी उछाल आया है और फूलगोभी, शिमला मिर्च के दाम 80 रुपये पहुंच गए हैं, जबकि हरी मटर के दाम 120, घीया 40 और बीन की कीमत 80 रुपये प्रतिकिलो हो चुकी है .

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सब्जियों के दाम बढ़ने से परेशान गृहणियों का कहना है कि दालों की कीमतें पहले ही बढ़ी हुईं हैं और अब सब्जियों की कीमतें बढ़ने से भी समझ नहीं आ रहा कि क्या खरीदें और क्या खाएं. बढ़ी हुई कीमतों के चलते बाजार में सब्जियां खरीदने पहुंच रहे ग्राहक एक किलो सब्जी बजाय 20 और 30 रुपये में सब्जी खरीदकर वापिस लौट रहे हैं.

व्यापारियों और कारोबारियों का कहना है कि दामों में लगातार बढ़ोतरी की सबसे बड़ी वजह सब्जी मंडियों में सप्लाई का न पहुंचना है. दरअसल, लॉकडाउन के चलते किसानों की सब्जियां बर्बाद हुईं और उन्हें अच्छे दाम नहीं मिल पाए. इस वजह से उन्होंने हालात को देखते हुए आगामी फसलों की बिजाई ही नहीं की. ऐसे में अब सब्जियों की डिमांड बढ़ गई है, लेकिन सप्लाई नहीं आ रही है.

कोरोना की वजह से नुकसान होने के आसार को देखते हुए किसानों ने पहले ही कम सब्जियां उगाई और इसके बाद मौसम की मार से हालात और बिगड़ गए. ऐसे में हिमाचल के साथ-साथ अन्य राज्यों में भी सब्जियों की बढ़ती कीमतों से आम आदमी को परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं.

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