शिमला: आईजीएमसी सुरक्षा कर्मचारियों व अस्पताल प्रबंधन के बीच बीते दिनों से चल रहा विवाद थमा नहीं है.अस्पताल प्रबंधन द्वारा मानसिक रूप से परेशान करने को लेकर, समय पर वेतन न देने सहित अन्य मामलों को लेकर सुरक्षा कर्मचारी यूनियन ने मुख्यमंत्री को गुरुवार को ज्ञापन सौंपा और इन मामलों पर हस्तक्षेपकरने की मांग की है.
समय पर नहीं दिया जा रहा वेतन: आईजीएमसी सुरक्षा कर्मचारी यूनियन के सलाहकार सुरेंद्र कुमार ने आईजीएमसी एम.एस व प्रबंधन पर आरोप लगाया है कि प्रबंधन सुरक्षा कर्मचारियों को समय पर वेतन उपलब्ध नहीं करवा रहा है. वहीं , प्रबंधन द्वारा नए टेंडर किए जाने और सुरक्षा कर्मचारियों को नौकरी से बाहर निकालने को लेकर प्रबंधन द्वारा मानिसक रूप से प्रताडि़त किया जा रहा है.
ऑफिस बुलाकर बाहर खड़ा रखा जाता: उन्होंने कहा कि सुरक्षा कर्मचारी गरीब घरों से संबध रखते हैं और अस्पताल में सुरक्षा कर्मचारी की नौकरी कर अपना जीवन निर्वाह कर रहे हैं ,लेकिन अस्पताल प्रबंधन बेवजह कर्मचारियों के परेशान कर रहा है. यही नहीं प्रबंधन द्वारा ऑफिस बुला कर 2 घंटे तक बाहर खड़ा करके इंतजार करवाया जाता और जब अंदर जाने की बारी आती है तब कहा जाता है कि कल आना एम.एस अभी व्यस्त है.
सीएम से हस्तक्षेप की मांग: उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मांग की वह इस मामले में हस्तक्षेप कर जल्द से जल्द कर्मचारियों के साथ की जा रही प्रताड़ना से राहत दिलाए और उचित कार्रवाई की जाए. वहीं ,कर्मचारियों को समय पर वेतन भी उपलब्ध करवाया जाए.बता दें कि आईजीएमसी सिक्योरिटी एमएस अपनी मांगों को लेकर आमने-सामने हैं.
फरवरी से लगाया जा रहा आरोप: आईजीएमसी सुरक्षा कर्मचारी बीते माह से आरोप लगा रहे हैं कि प्रशासन बदले की भावना से काम कर रहा है ,जिसके कारण उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सुरक्षाकर्मियों का आरोप है कि भेदभाव बढ़ने के चलते उनकी सैलरी नहीं दी जा रही और प्रशासन उन्हें निकालने की तैयारी कर रहा है. जिसको लेकर सुरक्षाकर्मियों ने अब सीएम से न्याय की गुहार लगाई है.
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