शिमला: हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी शिमला में सुरक्षा कर्मियों और अस्पताल प्रशासन के बीच विवाद बढ़ता ही जा रहा है. दरअसल, आईजीएमसी में कार्यरत 34 कोरोना वॉरियर्स को नौकरी से निकाल दिया गया है, लेकिन जिनके नाम नई लिस्ट में शामिल है, उनके लिए अस्पताल प्रबंधन द्वारा नया फरमान जारी कर दिया गया है. इसमें यह लिखा गया है कि जिनका लिस्ट में नाम है वह अपनी ड्यूटी पर वापस आ जाएं.अगर वह ड्यूटी पर वापस नहीं आते हैं अस्पताल प्रबंधन द्वारा यह समझा जाएगा कि वह अपनी मर्जी से नौकरी छोड़ रहे हैं और इन कर्मियों की जगह किसी अन्य कर्मचारियों को नौकरी पर रखा जाएगा.
दरअसल, इनके हड़ताल पर जाने से अस्पताल की कार्यप्रणाली प्रभावित हो रही है. जिस कारण मरीजों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, अस्पताल प्रबंधन ने लिस्ट में शामिल कर्मियों से ड्यूटी पर तैनात होने का आग्रह किया है. बता दें, आईजीएमसी में सुरक्षा का जिम्मा अब नई कंपनी ने संभाल लिया है. जिसके बाद 34 सुरक्षाकर्मियों को नौकरी से निकाल दिया गया है. इसी फैसले के खिलाफ सुरक्षाकर्मियों ने सोमवार को उपायुक्त कार्यालय के बाहर जमकर प्रदर्शन किया. वहीं, मंगलवार को सुरक्षाकर्मियों के समर्थन में प्रदर्शन करने सीटू और एसएफआई भी आएगी.
आईजीएमसी के डिप्टी एमएस डॉ. अमन ने बताया कि अगर कोई सुरक्षाकर्मी काम पर नहीं आएगा तो इसके लिए कंपनी से इसकी जानकारी ली जाएगी. यहां किसी सुरक्षाकर्मी को क्यों तैनात नहीं किया गया है. इसके लिए कंपनी को नोटिस जारी किया जाएगा. अस्पताल प्रशासन ने कंपनी को काम सौंप दिया है. सुरक्षा कर्मचारियों की तैनाती उनकी जिम्मेवारी है. वहीं, निकाले गए गार्ड बबलू ने बताया कि अस्पताल में नौकरी करने के लिए कंपनी की तरफ से किसी भी तरह का ज्वाइनिंग लेटर नहीं मिला है.