शिमला: एचआरटीसी बसों में सेवाएं दे रहे परिचालकों ने अब बसों में 10 नंबर सीट मांगी है. मौजूदा समय में परिचालकों को दिन में अंतिम सीट व रात में 1 नंबर सीट दी गई है, लेकिन लगातार अंतिम सीट में बैठने पर परिचालकों को स्पाइन बीमारी सहित अन्य परेशानियां आ रही है. वहीं ,यदि गलती से दिन में पहली सीट पर कंडक्टर बैठते हैं तो निगम परिचालकों के चालान काट रही है.
13 समस्याओं के हल की मांग: इस समस्या सहित 13 मुख्य समस्याओं को लेकर स्टेट एचआरटीसी यूनियन हिमाचल प्रदेश का प्रतिनिधिमंडल यूनियन अध्यक्ष कृष्ण चंद की अध्यक्षता में एमडी संदीप कुमार से मिला और अपनी समस्याएं बताई. मांगों पर एमडी ने परिचालकों को आश्वस्त किया की परिचालकों की मांगों पर विचार विर्मश कर उन्हें जल्द पूरा किया जाएगा. इस मौके पर शिमला यूनियन के प्रधान सहित अन्य भी मौजूद रहे.
इन मांगों को रखा गया: यूनियन पदाधिकारियों ने एमडी एचआरटीसी को बताया कि छठे वेतमान में जो वेतन परिचालकों को दिया जा रहा वह इसके अनुरूप नहीं है. इसके अतिरिक्त निगम कर्मचारियों के लंबित पड़े वितीय लाभ डीए, अतिरिक्त समय व रात्रि भत्ता व एरियर तुरंत प्रभाव से जारी किया जाए. इसके अतिरिक्त हर बस अड्डे पर निरीक्षक व उप निरीक्षक या परिचालक की नियमित सेवा कम से कम 10 साल से ऊपर की जाए, और उसे ही बस अड्डे संचालन के लिए अधिकृत किया जाए.
टिकट नहीं मिलने पर परिचालक दोषी नहीं: परिचालकों ने निगम प्रबंधन के समक्ष मांग उठाई कि परिचालकों के स्थान पर किसी अन्य कर्मचारी को परिचालक पद पर कार्य करने के लिए अधिकृत न किया जाए. वहीं ,परिचालकों की वरिष्ठता सूची को तुरंत प्रभाव से दर्शाया जाए. इसके साथ ही निगम की बसों में टिकट लेने व न लेने और गुम होने की जिम्मेदारी सवारियों की सुनिश्चित की जाए. टिकट न होने पर परिचालकों को दोषी न माना जाना चाहिए.
ई-टिकटिंग मशीनें हो गई है खराब: परिचालकों ने एमडी को बताया कि परिचालकों की ई-टिकटिंग मशीनें खराब हो गई है. स्थिति यह है कि टिकट नहीं निकल पाता. ऐसे में जल्द परिचालकों को नई टिकट मशीनें उपलब्ध करवाई जाए. इसके साथ ही निगम के उड़नदस्तों की तरफ से परिचालकों को बिना वर्दी व फ्रंट सीट व फ्लाइओवर के ऊपर से जाने पर चालान किए जा रहे हैं.
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