शिमलाः हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की रैंकिंग में सुधार के लिए एचपीयू अब एक्सपर्ट की मदद लेगा. एचपीयू प्रशासन इस बार पहले से रैंकिंग को बेहतर करने की तैयारी कर रहा है. प्रशासन का प्रयास है कि नैक से ए-प्लस ग्रेड हासिल करने के साथ ही एमएचआरडी की नेशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क में एचपीयू टॉप 100 विश्वविद्यालयों में शामिल हो सके. एचपीयू प्रशासन ने इन दोनों ही रैंकिंग में सुधार के लिए पहले ही कमेटियां गठित कर दी है.
वहीं, अब किस तरह से रैंकिंग में सुधार किया जा सकता है इसके लिए एचपीयू को क्या कार्य करने होंगे, इसमे एक्सपर्ट की राय ली जाएगी. नैक की रैंकिंग करने वाले एक्सपर्ट की मदद ले कर एचपीयू उन सब खामियों को दूर करेगा जो बेहतर रैंकिंग लाने में बाधा बन रही है.
बता दें कि एचपीयू की नैक से रैंकिंग जहां पांच साल बाद होती है वहीं, नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग हर साल एमएचआरडी की ओर से करवाई जा रही है. एचपीयू को नैक से वर्ष 2016 में ए ग्रेड मिला है तो वहीं, इस साल हुई नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग में एचपीयू देश भर के विश्वविद्यालयों में 164वें स्थान पर है. वर्ष 2018 में हुई नेशनल रैंकिंग में एचपीयू को 171 स्थान मिला था. जिसमें सुधार हुआ है और अब एचपीयू का प्रयास है कि वो देश भर के टॉप 100 विश्वविद्यालयों में शामिल हो सकें.
एचपीयू कुलपति का कहना है नैक और नेशनल इंस्टिट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क में एचपीयू की रैंकिंग में सुधार हो सके इसके लिए एचपीयू पहले से ही प्रयास कर रहा है. उन्होंने कहा कि अब कमेटियों का गठन किया गया है कि जो नैक और नेशनल रैकिंग में सुधार के लिए कार्य कर रही है. कुलपति ने बताया कि एचपीयू की रैंकिंग में सुधार हो सके इसके लिए एचपीयू एक्सपर्ट की भी मदद लेगा, जिससे एचपीयू अपनी कमियों को दूर कर सकें.
उन्होंने कहा कि इससे पहले शिक्षकों के खाली पद और इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी नैक की रैंकिंग में बाधा बनी थी, लेकिन इस बार इसे भी दूर किया जा रहा है.