ETV Bharat / state

प्रदेश में प्रजजन दर 1.9 फीसदी, आंकड़ों में नवजात शिशु मृत्यु दर में कमी

प्रजजन दर की प्रतिशतता का आंकड़ा 1.9 पर आ गया है. प्रजनन दर का ये आंकड़ा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के जनसंख्या अनुसंधान केंद्र की प्रदेश में किए गए स्वास्थ्य के सर्वे की रिपोर्ट में सामने आया है.

प्रदेश में प्रजजन दर 1.9 फीसदी
author img

By

Published : Aug 3, 2019, 6:29 PM IST

शिमला: प्रदेश में प्रजनन दर की प्रतिशतता का आंकड़ा कुछ विदेशी देशों के साथ मिलता जुलता है. प्रजजन दर की प्रतिशतता का आंकड़ा 1.9 पर आ गया है, यानी प्रदेश में महिलाएं एक या फिर दो ही बच्चों को जन्म दे रही है. प्रजनन दर का ये आंकड़ा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के जनसंख्या अनुसंधान केंद्र की प्रदेश में किए गए स्वास्थ्य के सर्वे की रिपोर्ट में सामने आया है.

वीडियो

प्रजनन दर को नीचे लाने के साथ नवजात शिशु मृत्यु दर भी कम हो गई है. प्रदेश में नवजातों की सेहत में भी सुधार आया है और स्वास्थ्य सेवाएं भी बेहतर हुई है, जिससे की नवजात शिशु मृत्यु दर कम करने में भी मदद मिली है. एचपीयू के जनसंख्या अनुसंधान केंद्र के निदेशक प्रो.एनएस विष्ट ने कहा कि वर्ष 2016 में प्रदेश के सभी जिलों में किए गए राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण की रिपोर्ट में प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के संकेत मिले हैं.

प्रो.एनएस विष्ट ने कहा कि प्रदेश में भले ही प्रजनन दर ओर नवजात शिशु मृत्यु दर कम हो गई है, लेकिन अभी भी प्रदेश में महिलाएं कॉन्ट्रासेप्टिव का इस्तेमाल ज्यादा नहीं कर रही है, जिसे बढ़ाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि 76 फीसदी के करीब ही कॉन्ट्रासेप्टिव का इस्तेमाल महिलाएं कर रही है जो कि हिमाचल में पढ़ी-लिखी महिलाओं के हिसाब से कम है. ऐसे में इसे बढ़ाने के लिए महिलाओं को जागरूक करना जरूरी है.

ये भी पढ़े: सोलन में चिट्टे की बड़ी खेप बरामद, तीन युवक गिरफ्तार

शिमला: प्रदेश में प्रजनन दर की प्रतिशतता का आंकड़ा कुछ विदेशी देशों के साथ मिलता जुलता है. प्रजजन दर की प्रतिशतता का आंकड़ा 1.9 पर आ गया है, यानी प्रदेश में महिलाएं एक या फिर दो ही बच्चों को जन्म दे रही है. प्रजनन दर का ये आंकड़ा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के जनसंख्या अनुसंधान केंद्र की प्रदेश में किए गए स्वास्थ्य के सर्वे की रिपोर्ट में सामने आया है.

वीडियो

प्रजनन दर को नीचे लाने के साथ नवजात शिशु मृत्यु दर भी कम हो गई है. प्रदेश में नवजातों की सेहत में भी सुधार आया है और स्वास्थ्य सेवाएं भी बेहतर हुई है, जिससे की नवजात शिशु मृत्यु दर कम करने में भी मदद मिली है. एचपीयू के जनसंख्या अनुसंधान केंद्र के निदेशक प्रो.एनएस विष्ट ने कहा कि वर्ष 2016 में प्रदेश के सभी जिलों में किए गए राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण की रिपोर्ट में प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के संकेत मिले हैं.

प्रो.एनएस विष्ट ने कहा कि प्रदेश में भले ही प्रजनन दर ओर नवजात शिशु मृत्यु दर कम हो गई है, लेकिन अभी भी प्रदेश में महिलाएं कॉन्ट्रासेप्टिव का इस्तेमाल ज्यादा नहीं कर रही है, जिसे बढ़ाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि 76 फीसदी के करीब ही कॉन्ट्रासेप्टिव का इस्तेमाल महिलाएं कर रही है जो कि हिमाचल में पढ़ी-लिखी महिलाओं के हिसाब से कम है. ऐसे में इसे बढ़ाने के लिए महिलाओं को जागरूक करना जरूरी है.

ये भी पढ़े: सोलन में चिट्टे की बड़ी खेप बरामद, तीन युवक गिरफ्तार

Intro:प्रदेश में महिलाएं अपने स्वास्थ्य को लेकर जागरूक हो गई है। इस बात का अंदेशा इसी से लगाया जा सकता है कि प्रदेश में प्रजनन दर की प्रतिशतता का आंकड़ा कुछ विदेशी देशों के साथ मिलता जुलता हैं। प्रदेश में प्रजजन दर की प्रतिशतता का आंकड़ा 1.9 पर आ गया है। यानी प्रदेश में महिलाएं एक या फिर दो ही बच्चों को जन्म दे रही है। यही आंकड़ा कुछ एक विदेशी देशों में भी बराबर ही है। प्रदेश ने प्रजनन दर का यह आंकड़ा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के जनसंख्या अनुसंधान केंद्र की प्रदेश में किए गए सवास्थ्य के सर्वे की रिपोर्ट में सामने आया है।


Body:रिपोर्ट से साफ हो गया है कि महिलाएं अब अपनी सोच को बदल रही है और अब अधिक बच्चों को जन्म ना दे कर एक या दो ही बच्चों के परिवार को प्राथमिकता दे रहे है जिससे प्रजनन दर का यह आंकड़ा 1.9 पर पहुंचा है। प्रजनन दर को नीचे लाने के साथ नवजात शिशु मृत्यु दर भी कम हो गई है। यह दर जहां पहले अधिक थी वहीं अब यह 34 पर थाउजेंड हो गई है । यानी प्रदेश में नवजातों की सेहत में भी सुधार आया है और सवास्थ्य सेवाएं भी बेहतर हुई है जिससे की यह नवजात शिशु मृत्यु दर कम करने में मदद मिली है। एचपीयू के जनसंख्या अनुसंधान केंद्र के निदेशक प्रो.एन.एस विष्ट ने कहा कि वर्ष 2016 में प्रदेश के सभी जिलों में किए गए राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 4 की रिपोर्ट में प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के संकेत मिल है।


Conclusion:उन्होंने कहा कि प्रदेश में भले ही प्रजनन दर ओर नवजात शिशु मृत्यु दर कम हो गई है लेकिन अभी भी प्रदेश में महिलाएं कॉन्ट्रासेप्टिव का इस्तेमाल ज्यादा नहीं कर रही है जिसे बढ़ाने की जरूरत है। 76 फीसदी के करीब ही कॉन्ट्रासेप्टिव का इस्तेमाल महिलाएं कर रही है जो कि हिमाचल में पढ़ी-लिखी महिलाओं के हिसाब से कम है। ऐसे में इसे बढ़ाने के लिए महिलाओं को जागरूक करना जरूरी है। इसके साथ ही मातृ-शिशु मृत्यु दर को ओर भी कम करने की आवश्यकता प्रदेश में है जिसके लिए हमें स्वास्थ्य सुविधाओं को ओर बेहतर करना होगा। प्रदेश के रिमोट क्षेत्रों में जिसमें पांगी,चंबा,किन्नौर ओर स्पीति शामिल है इन क्षेत्रों में महिलाओं को स्वास्थ्य सेवाएं अभी उस स्तर की नहीं मिल पा रही है जिसपर काम होना जरुरी है। उन्होंने कहा कि अभी इसी वर्ष केंद्र की ओर से अपना 5वां सर्वे किए जाना है जिसमें इन पहलुओं पर काम किया जाएगा।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.