शिमला: प्रदेश में प्रजनन दर की प्रतिशतता का आंकड़ा कुछ विदेशी देशों के साथ मिलता जुलता है. प्रजजन दर की प्रतिशतता का आंकड़ा 1.9 पर आ गया है, यानी प्रदेश में महिलाएं एक या फिर दो ही बच्चों को जन्म दे रही है. प्रजनन दर का ये आंकड़ा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के जनसंख्या अनुसंधान केंद्र की प्रदेश में किए गए स्वास्थ्य के सर्वे की रिपोर्ट में सामने आया है.
प्रजनन दर को नीचे लाने के साथ नवजात शिशु मृत्यु दर भी कम हो गई है. प्रदेश में नवजातों की सेहत में भी सुधार आया है और स्वास्थ्य सेवाएं भी बेहतर हुई है, जिससे की नवजात शिशु मृत्यु दर कम करने में भी मदद मिली है. एचपीयू के जनसंख्या अनुसंधान केंद्र के निदेशक प्रो.एनएस विष्ट ने कहा कि वर्ष 2016 में प्रदेश के सभी जिलों में किए गए राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण की रिपोर्ट में प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के संकेत मिले हैं.
प्रो.एनएस विष्ट ने कहा कि प्रदेश में भले ही प्रजनन दर ओर नवजात शिशु मृत्यु दर कम हो गई है, लेकिन अभी भी प्रदेश में महिलाएं कॉन्ट्रासेप्टिव का इस्तेमाल ज्यादा नहीं कर रही है, जिसे बढ़ाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि 76 फीसदी के करीब ही कॉन्ट्रासेप्टिव का इस्तेमाल महिलाएं कर रही है जो कि हिमाचल में पढ़ी-लिखी महिलाओं के हिसाब से कम है. ऐसे में इसे बढ़ाने के लिए महिलाओं को जागरूक करना जरूरी है.
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