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एचपीयू के भूतपूर्व केंद्रीय छात्र संघ के पदाधिकारियों ने राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन, JNU के कुलपति को हटाने की मांग - JNU कुलपति को हटाने की मांग

शिमला में आयोजित प्रेस वार्ता में संघ के सदस्यों ने कहा कि जेएनयू एक ऐसा प्रतिष्ठित संस्थान है जो नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क में देश के शिक्षण संस्थानों में दूसरे स्थान पर रहा है.

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भूतपूर्व केंद्रीय छात्र संघ की JNU कुलपति को हटाने की मांग
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Published : Jan 18, 2020, 6:15 PM IST

शिमला: जेएनयू में हुई हिंसा के खिलाफ एचपीयू के भूतपूर्व केंद्रीय छात्र संघ के पदाधिकारी एकजुट हो गए हैं. पदाधिकारियों ने राष्ट्रपति से जेएनयू के कुलपति को पद से हटाने की मांग की है. प्रतिनिधियों ने शिमला में राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा और इस मामले में हस्तक्षेप कर कुलपति को हटाने की मांग की है.

शिमला में आयोजित प्रेस वार्ता में संघ के सदस्यों ने कहा कि जेएनयू एक ऐसा प्रतिष्ठित संस्थान है जो नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क में देश के शिक्षण संस्थानों में दूसरे स्थान पर रहा है. वहीं, ठियोग के विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि जो हिंसा जेएनयू में हुई है वह उसका कड़ा विरोध करते हैं. उन्होंने कहा कि यह हिंसा इस विवि के कुलपति के इशारों पर और बीजेपी सरकार के संरक्षण पर की गई है.

वीडियो.

राकेश सिंघा ने कहा कि जानबूझकर छात्रों पर हमला किया गया है और यही वजह है कि वह जेएनयू के कुलपति को पद से हटाने की मांग राष्ट्रपति से कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस हिंसा को हुए इतने दिनों का समय बीत चुका है, लेकिन अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है. यहां तक कि कुछ हिंदू संगठन इस हमले की जिम्मेदारी भी ले रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी उन्हें हिरासत में नहीं लिया गया है. इस दौरान पदाधिकारियों ने बीजेपी सरकार पर भी निशाना साधा.

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शिमला: जेएनयू में हुई हिंसा के खिलाफ एचपीयू के भूतपूर्व केंद्रीय छात्र संघ के पदाधिकारी एकजुट हो गए हैं. पदाधिकारियों ने राष्ट्रपति से जेएनयू के कुलपति को पद से हटाने की मांग की है. प्रतिनिधियों ने शिमला में राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा और इस मामले में हस्तक्षेप कर कुलपति को हटाने की मांग की है.

शिमला में आयोजित प्रेस वार्ता में संघ के सदस्यों ने कहा कि जेएनयू एक ऐसा प्रतिष्ठित संस्थान है जो नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क में देश के शिक्षण संस्थानों में दूसरे स्थान पर रहा है. वहीं, ठियोग के विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि जो हिंसा जेएनयू में हुई है वह उसका कड़ा विरोध करते हैं. उन्होंने कहा कि यह हिंसा इस विवि के कुलपति के इशारों पर और बीजेपी सरकार के संरक्षण पर की गई है.

वीडियो.

राकेश सिंघा ने कहा कि जानबूझकर छात्रों पर हमला किया गया है और यही वजह है कि वह जेएनयू के कुलपति को पद से हटाने की मांग राष्ट्रपति से कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस हिंसा को हुए इतने दिनों का समय बीत चुका है, लेकिन अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है. यहां तक कि कुछ हिंदू संगठन इस हमले की जिम्मेदारी भी ले रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी उन्हें हिरासत में नहीं लिया गया है. इस दौरान पदाधिकारियों ने बीजेपी सरकार पर भी निशाना साधा.

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Intro:जेएनयू में हुई हिंसा के खिलाफ एचपीयू के भूतपूर्व केंद्रीय छात्र संघ के पदाधिकारी एकजुट हो गए और जेएनयू के कुलपति के पद से हटाने की मांग राष्ट्रपति से की है। प्रतिनिधियों ने शिमला में राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा ओर इस मामले में हस्तक्षेप कर कुलपति को हटाने की मांग की। शिमला में आयोजित प्रेस वार्ता में संघ के सदस्यों ने कहा कि जेएनयू एक ऐसा प्रतिष्ठित संस्थान है जो नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क में देश के शिक्षण संस्थानों में दूसरे स्थान पर रहा है। जिस विश्वविद्यालय का निर्माण ही ऐसे छात्रों को शिक्षा देने के लिए किया गया है जो गरीब है या सामाज से जिन्हें अलग किया जाता है और उस विश्वविद्यालय में पहले तो फ़ीस बढ़ोतरी कर छात्रों को शिक्षा से दूर किया जा रहा है ओर जब इस निर्णय के खिलाफ़ छात्र आवाज उठाते है तो उनकी आवाज को दबाने के लिए उन पर हमले करवाए जा रहे हैं। हमले को जो पदाधिकारी घायल है उनपर ही मुकदमे भी किए जा रहे है।


Body:प्रतिनिधि ओर विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि जो हिंसा जेएनयू में हुई है वह उसका कड़ा विरोध करते है। उन्होंने कहा कि यह हिंसा इस विवि के कुलपति के इशारों पर ही ओर बीजेपी सरकार के संरक्षण पर की गई है। जानबूझकर छात्रों पर हमला किया गया है और यही वजह है कि वह जेएनयू के कुलपति को पद से हटाने की मांग राष्ट्रपति से कर रहे है। उन्होंने कहा कि इस हिंसा को हुए इतने दिनों का समय बीत चुका है लेकिन अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। यहां तक कि कुछ हिंदू संगठन इस हमले की जिम्मेवारी भी ले रहे है लेकिन इसके बाद भी उन्हें हिरासत में नहीं लिया गया है। जब यह हमला छात्रों पर होता है तो उस समय जेएनयू के कुलपति ना तो छात्रों से ना ही शिक्षकों से किसी से भी नहीं मिलते है।


Conclusion:पूर्व प्रतिनिधियों ने राष्ट्रपति को कहा है कि अगर जेएनयू जैसे प्रतिष्ठित संस्थान को बचाना है तो इसके लिए कुलपति को पद से हटाना ही होगा। यह पूर्व प्रतिनिधि आगामी समय में जनता के बीच कर उन्हें जेएनयू के मामले पर जागरूक करेंगे। इस दौरान पदाधिकारियों ने बीजेपी सरकार पर भी निशाना साधा ओर कहा कि बीजेपी सरकार आरएसएस के लोगों को ही हर जगह भर रही है फिर चाहे बात सेना की ही क्यों ना हो । यह सरकार फासीवाद की शुरुवात कर लोकतंत्र को समाप्त करना चाहती है लेकिन लोग यह होने नहीं देंगे और इस तरह की सरकार को मुंहतोड़ जवाब देंगें।
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