शिमला: परवाह करेंगे, सुरक्षित रहेंगे. इसका मतलब अगर आप अपने व्यवहार में सावधानी और सतर्कता बढ़ाएंगे तो सड़क पर सुरक्षित रह सकते है. देशभर में हर साल रोड सेफ्टी को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए नेशनल रोड सेफ्टी वीक चलाया जाता है. 2025 का थीम 'बी अ रोड सेफ्टी हीरो' रखा गया है.
11 जनवरी से 17 जनवरी तक रोड सेफ्टी को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए ‘रोड सेफ्टी मंथ’ के रूप में मनाया जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य देश में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाना है. सड़क दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मौतों को कम करना है. आसान शब्दों में कहे तो नेशनल रोड सेफ्टी वीक का सिर्फ एक ही उद्देश्य है 'सुरक्षा'.
कहते है कि एक डॉक्टर लोगों की जान बचाने के लिए अपनी पूरी जिंदगी कुर्बान कर देते है, लेकिन ट्रैफिक पुलिस भी लोगों की जान बचाने के लिए हमेशा आगे रहती है. ट्रैफिक पुलिस कड़ी धूप में, सर्दी में और बारिश में भी अपनी ड्यूटी निभाती है. वो हमारी परवाह करती है. ताकि हम सुरक्षित घर पहुंच सके.
नेशनल रोड सेफ्टी वीक पर शिमला ट्रैफिक DSP संदीप शर्मा ने ETV भारत से खास बातचीत की. उन्होंने बताया कि रोड सेफ्टी क्या है? सड़क हादसों का मुख्य कारण क्या है? इससे बचाव के तरीके क्या हैं? ट्रैफिक डीएसपी संदीप शर्मा ने कहा कि रोड सेफ्टी सिर्फ नियमों का पालन करना ही नहीं ,बल्कि ये एक जिम्मेदारी भी है. सड़क पर चलते समय अपनी जिंदगी के साथ-साथ हमें दूसरों की जिंदगी का भी ख्याल रखना है.
सवाल: रोड सेफ्टी वीक पर हिमाचल पुलिस किस तरह से लोगों को जागरूक कर रही है?
जवाब: रोड सेफ्टी वीक के तहत अलग-अलग आयोजन चलाए जा रहे है. जिसमें पुलिस विभाग, स्वास्थ्य विभाग और ट्रांसपोर्ट मिलकर लोगों को जागरूक कर रहे है. ब्लड डोनेशन कैंप लगाए जा रहे है. चालकों की आंखों का चेकअप किया जा रहा है. आम जनता तक पहुंच कर उन्हें बताया जा रहा है कि कैसे एक्सीडेंट से बचा जा सकता है.
सवाल: हिमाचल प्रदेश में रोड एक्सिडेंट के क्या मुख्य कारण रहते है?
जवाब: हिमाचल प्रदेश की सड़कें थोड़ी कंजस्टेड हैं. जब यहां पर एक्सिडेंट होते है तो लापरवाही या ओवर स्पीड मुख्य कारण रहता है. कई जगह सड़कों पर ब्लाइंड कर्व होते है. कई बार गाड़ी के मैकेनिक कारण भी रहते है. जैसे जब सेब सीजन होता है तो लोड गाड़ी को काफी लंबे समय तक ब्रेक लगाते रहेंगे, तो बाद में ब्रेक लगती नहीं है. ये भी एक हिमाचल में सड़क दुर्घटना होने का अहम कारण है.
सवाल: हिमाचल प्रदेश में आने वाले बाहरी राज्य के लोगों का क्या एडवाइजरी देंगे?
जवाब: बाहरी राज्य के लोग जब भी हिल स्टेशन में आए तो आप रफ्तार धीमी रखे. शोघी बैरियर पर हम पर्यटकों को पैंप्लेट बांटते है. वहां लोगों को जागरूक करते है. जब भी हिमाचल में टूरिस्ट सीजन होता है तो इस तरह के प्रोग्राम हिमाचल में चलाए जाते है.
सवाल: सड़क सुरक्षा के वे कौन से नियम हैं, जिन्हें आमतौर पर लोग दरकिनार करते हैं?
जवाब: अक्सर लोग हर तरह के नियमों की अवहेलना करते है. वाहन चालक ओवर स्पीडिंग न करें. ड्राइवर को सिग्नल और स्पीड लिमिट का पालन करना चाहिए. वहीं, बाइक चलाते समय हेलमेट पहनना और कार चलाते समय सीट बेल्ट पहनना बहुत जरूरी है. शराब पीकर गाड़ी न चलाएं. कई बार हम सोचते हैं कि ‘थोड़ी दूर तक बिना हेलमेट के चलने से क्या फर्क पड़ता है’ या ‘सीटबेल्ट की क्या जरूरत, जब गाड़ी स्लो चल रही है.’ यही लापरवाही अक्सर बड़ी दुर्घटनाओं में बदल जाती है. साथ ही बाइक पर ट्रिपलिंग करना और बड़े वाहनों में ओवरलोडिंग करना भी दुर्घटना की बड़ी वजहों में से एक है.
सवाल: शिमला में कौन से नियम का उल्लंघन सबसे ज्यादा किया जाता है ?
जवाब: शिमला में 2000 से 3000 के करीब वाहनों के लिए पार्किंग है. आइडल पार्किंग का सबसे ज्यादा उल्लंघन शिमला में किया जाता है. लोग रोड साइड में गाड़ी लगाते है, जिस वजह से ट्रैफिक जाम भी लग जाता है. शिमला में 99 प्रतिशत लोग हेलमेट लगाते है. पार्किंग व्यवस्था न होने के कारण आइडल पार्किंग का उल्लंघन किया जाता है.
सवाल: कोहरे में ड्राइविंग से पहले किन बातों का ख्याल रखना चाहिए?
जवाब: कोहरे में जितना हो सके वाहन चलाने से बचे. जरूरी काम होने पर ही वाहन का उपयोग करें. अपनी गाड़ी को घर से बाहर निकालने से पहले कुछ चीजें चेक करना जरूरी है. इससे सड़क हादसों से काफी हद तक बचा जा सकता है. बर्फबारी के समय प्रशासन की ओर से पूरी तैयारी की जाती है. बर्फ पर मिट्टी डाली जाती है. कहीं दुर्घटना होने पर क्रेन का भी इंतजाम किया जाता है.
सवाल: क्या पुलिस कांस्टेबल चालान काट सकते है ?
जवाब: हमारा फोकस हमेशा से इस पर रहता है कि नियमों की अवहेलना न हो. हम लोगों को गाइड करते है कि सावधानी से वाहन चलाए.
वहीं, चालान को लेकर हमने हिमाचल हाईकोर्ट के अधिवक्ता नंदलाल से बातचीत की. उन्होंने बताया कि कांस्टेबल आपका चालान नहीं काट सकता, लेकिन हेड कांस्टेबल आपका चालान काट सकता है. वहीं, डीएसपी संदीप शर्मा ने कहा कि ग्रेजुएट कांस्टेबल को चालान काटने के लिए ऑथोराइज किया गया था.
सवाल: क्या चप्पल पहनकर गाड़ी चलाने पर हो सकता है चालान?
जवाब: चप्पल पहनकर ड्राइविंग करने पर कोई चालान नहीं होता है. हमारा इन चीजों पर फोक्स नहीं होता है. हमारा फोक्स होता है कि व्यक्ति अपनी और दूसरों की सुरक्षा में चूक न कर दे और ट्रैफिक में बाधा न पहुंचाएं.
सवाल: बच्चों को रोड सेफ्टी नियमों के बारे में बताना क्यों जरूरी है?
जवाब: बड़ों के साथ–साथ बच्चों को रोड सेफ्टी की ट्रेनिंग देना बेहद जरूरी है. स्कूल में ट्रैफिक सिग्नल, पैदल और साइकिल से चलने के नियमों के बारे में बताया जाना चाहिए.
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