शिमला: शहर कि प्यास बुझाने के लिए प्रदेश सरकार ने केंद्र के साथ मिलकर विश्व बैंक के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. शुक्रवार को नई दिल्ली में आयोजित बैठक में ग्रेटर शिमला क्षेत्र में सीवरेज सेवाएं व जलापूर्ति में सुधार लाने के लिए कुल 986 करोड़ रूपये की समझौता ऋण राशि में से 292 करोड़ रूपये के विकास नीति ऋण-1 (डीपीएल-1) पर हस्ताक्षर किए गए हैं.
इस समझौते के तहत विभिन्न चरणों में शिमला जल आपूर्ति और सीवरेज परियोजना के तहत कवर किया जाएगा. इसके तहत सतलुज से जल आपूर्ति प्रणाली का निर्माण और 366 करोड़ रुपये की लागत से 107 एमएलडी की जलापूर्ति के लिए गिरी और गुम्मा पंपिग सिस्टम का पुनर्वास, 270 करोड़ रुपये की लागत से जल वितरण में सुधार और पर्यवेक्षी नियंत्रण और डेटा अधिग्रहण शामिल हैं. इसके अतिरिक्त 246 करोड़ रुपये की लागत से सीवेज और नेटवर्क का विस्तार, 104 करोड़ रुपये की लागत से सीवेज ट्रीटमैंट संयंत्रों का पुनर्वास और क्षमता वृद्धि की जाएगी. इस परियोजना से प्रति व्यक्ति पानी की आपूर्ति 135 लीटर प्रति दिन संभव हो सकेगी.
प्रधान सचिवए शहरी विकास प्रबोध सक्सेना ने राज्य सरकार की ओर से ऋण समझौते और कार्यक्रम समझौते पर हस्ताक्षर किए है. अतिरिक्त सचिव आर्थिक मामले विभाग डीईए समीर खरे, वित्त मंत्रालय भारत सरकार ने कानूनी और कार्यक्रम समझौते पर हस्ताक्षर किए.