शिमला: हिमाचल प्रदेश में लंबे समय से हड़ताल पर बैठे जिला परिषद कैडर कर्मचारी अब काम पर लौट आए हैं. दरअसल, शनिवार को पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह के साथ बैठक के बाद कर्मचारियों ने हड़ताल खत्म करने का फैसला लिया था, इसके बाद आज पूरे प्रदेश में कर्मचारियों ने अपनी ड्यूटी ज्वाइन कर ली है. वहीं, कर्मचारियों के कामकाज संभालने के बाद प्रदेश के लोगों ने राहत की सांस ली है, क्योंकि हड़ताल पर जाने से लोगों के कामकाज रुक गए थे. ऐसे में लोगों के इतने दिनों से लंबित कार्य भी होंगे. जानकारी के अनुसार, अब कर्मचारियों की 30 अक्टूबर को पंचायतीराज मंत्री अनिरुद्ध सिंह के साथ बैठक होगी जिसमें इनकी विभिन्न मांगों पर चर्चा की जाएगी और इसके बाद सरकार इनकी मांगों को लेकर फैसला करेगी.
पंचायतों में कामकाज हुआ शुरू: बता दें कि प्रदेश की पंचायतों में आज से कामकाज सुचारू हो गया है. पिछले लंबे समय से हड़ताल पर चल रहे जिला परिषद के सभी करीब 4700 कर्मचारियों ने अपना कामकाज संभाल लिया है. दरअसल, जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से ग्रामीण इलाकों में कामकाज बुरी तरह से प्रभावित हो गया था. पंचायत सचिवों के हड़ताल पर जाने से पंचायतों से लोगों को सर्टिफिकेट नहीं मिल पा रहे थे. वहीं, तकनीकी कर्मचारियों के हड़ताल पर साथ में जाने से आपदा के बाद होने वाले पुनर्वास के कार्य भी प्रभावित हो गए थे.
आपदा प्रभावितों के लिए 4500 करोड़ का राहत पैकेज जारी: प्रदेश सरकार ने करीब 4500 करोड़ का राहत पैकेज जारी किया है, जिसके तहत प्रभावित परिवारों को मकानों के लिए मुआवजा दिया जाना है. इसके अलावा अन्य पुनर्वास कार्यों के लिए भी पंचायत सचिवों की भी रिपोर्ट ली जानी हैं. वहीं, मनरेगा के तहत करीब 1000 करोड़ के काम भी किए जाने हैं, इसमें लोगों के घरों के साथ धंसने वाली जगहों पर डंगे लगाए जाने हैं, इनकी शेल्फ भी पंचायतों के माध्यम से की तैयार की जानी हैं. पंचायत सचिवों और तकनीकी कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से ये सभी कार्य नहीं हो पा रहे थे.
मांगें मानने के आश्वासन के बाद की थी हड़ताल खत्म: ज्ञात हो की बीते शनिवार को कर्मचारियों ने राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह के साथ बैठक की थी. इसमें कर्मचारियों ने पंचायती राज विभाग में मर्ज करने के साथ ही संशोधित वेतन और डीए जारी करने की मांग की गई थी. वहीं, पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह की ओर से कर्मचारियों को आश्वासन दिया गया कि उनकी मांगों को सरकार पूरा करेगी. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की मांगों को चरणबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए सरकार गंभीर है.
30 अक्टूबर को होगी बैठक: जानकारी के अनुसार, बैठक में यह भी तय हुआ कि पंचायती राज मंत्री इन कर्मचारियों के साथ एक और बैठक करेंगे. यह बैठक 30 अक्टूबर को की जा रही है, जिसमें इन कर्मचारियों की प्रमुख मांग पंचायती राज विभाग मर्ज करने के अलावा संशोधित वेतनमान और डीए जारी करने सहित अन्य मांगों को लेकर विस्तृत चर्चा की जाएगी. इसके बाद इन मांगों को लेकर सरकार फैसला लेगी. इसके बाद कर्मचारियों ने हड़ताल वापस लेने का फैसला लिया और आज ड्यूटी भी ज्वाइन कर ली.
'जेई के टर्मिनेशन के आदेश वापस लेगी सरकार': बता दें कि जिला परिषद कैडर कर्मचारियों के काम संभालने के बाद अब सरकार जेई की बर्खास्तगी के आदेश वापस लेगी, सोमवार को अवकाश के कारण इस बारे में आदेश जारी नहीं किए जा सके. वीरवार को प्रदेश सरकार ने हड़ताल कर रहे जिला परिषद कैडर 167 जेई को टर्मिनेट करने के आदेश जारी किए थे. जिला परिषद कैडर कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा है कि उनके सभी कर्मचारी आज से काम संभाल लिया है. उन्होंने कहा कि हड़ताल के दौरान लोगों के कामकाज को प्राथमिकता के आधार पर पर निपटाया जाएगा. उन्होंने कहा कि महासंघ 30 अक्टूबर को पंचायतीराज मंत्री के साथ बैठक होगी, जिसमें कर्मचारियों के सभी मांगों पर विस्तृत चर्चा की जाएगी. उन्होंने उम्मीद जताई है कि इस बैठक के माध्यम से कर्मचारियों की कई मांगों और समस्याओं का हल होगा.
ये भी पढ़ें: Zilla Parishad Cadre Strike: जिला परिषद कैडर कर्मियों को लेकर हिटलर जैसा रवैया अपना रही सरकार- बलबीर वर्मा