शिमला: हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी में इस बार भी सभी छात्रों को हॉस्टल की सुविधा नहीं मिलेगी. प्रशासन की और से दावा किया गया था कि हॉस्टल की सुविधा सभी छात्रों को दी जाएगी. इसके लिए नए हॉस्टल बनाए जाएंगे, लेकिन अभी तक इस पर काम ही नहीं हुआ है. यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा वादे तो किए जाते हैं, लेकिन वो वादे सिर्फ वादे ही रह जाते हैं. विवि में कुल 15 हॉस्टल हैं, जिनमें 11 हॉस्टल लड़कियों के और 4 हॉस्टल लड़कों को दिए गए हैं. ऐसे में कुल 1647 स्टूडेंट ही इसमें रह सकते हैं, जबकि विवि में पढ़ाई करने वाले छात्रों की संख्या करीब 6 हजार है.
मंगलवार को छात्र संगठन SFI ने इस मुद्दे को लेकर कैंपस में प्रदर्शन किया. एसएफआई के कैंपस सह सचिव भानु ने विवि प्रशासन अभी तक नए छात्रावासों को बनाने में नाकाम रहा है. साल 1970 से यह विवि बना है, तब से लेकर 15 ही हॉस्टलों की सुविधा मिल रही है. यूनिवर्सिटी के केवल एक तिहाई छात्र-छात्राएं ही हॉस्टलों के अंदर रह पाते हैं. बाकी सभी छात्रों को सांगटी या टुटू जैसी जगहों में रहना पड़ता है, जहां पर किराए के कमरे महंगे मिलते हैं. SFI के कैंपस सह सचिव भानु ने कहा कि जो हॉस्टल हैं उनमें भी गुणवत्ता वाला खाना छात्रों को नहीं मिलता. हॉस्टलों में जो पानी साफ करने वाले प्यूरीफायर लगे हैं उनकी हालत काफी खस्ता है. जिसकी वजह से पानी सही से साफ नहीं हो पाता जिससे छात्रों को पथरी जैसे बीमारियों का भी सामना करना पड़ता है.
SFI का आरोप, यूजी-पीजी के रिजल्ट भी नहीं निकाले: एसएफआई कैंपस अध्यक्ष हरीश का कहना है कि प्रशासन अभी तक यूजी व पीजी के परीक्षा परिणाम निकालने में असफल रहा है. जिससे हजारों छात्रों के भविष्य पर तलवार लटकी है. लगभग 2 महीने हो चुके हैं और विश्वविद्यालय के अंदर एंट्रेंस भी हो चुके हैं, परंतु विश्वविद्यालय प्रशासन अभी तक यूजी रिजल्ट नहीं निकाल पाया. जिस कारण उनकी काउंसिलिंग प्रक्रिया में देरी हो रही है. पीजी के परीक्षा परिणाम भी अभी तक नहीं आए हैं, जिस कारण छात्रों को परीक्षा फॉर्म भरने में देरी हो रही है.
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