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हाईकोर्ट पहुंचा रामपुर सीट का जाति प्रमाण पत्र मामला, अदालत का तहसीलदार को दो दिन में मामला निपटाने का आदेश - Rampur Assembly Seat

रामपुर से बीजेपी प्रत्याशी कौल नेगी के एससी सर्टिफिकेट का मामला तूल पकड़ते जा रहा है. कांग्रेस की शिकायत के बाद अब हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने तहसीलदार रामपुर को मामले का निपटारा करने के लिए दो दिन का समय दिया है. क्या है पूरा मामला जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर... (High Court on Kaul Negi caste certificate case) (BJP candidate from Rampur Kaul Negi)

High Court on Kaul Negi caste certificate case
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट पहुंचा कौल नेगी का जाति प्रमाण पत्र मामला
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Published : Oct 28, 2022, 8:42 PM IST

Updated : Oct 28, 2022, 9:51 PM IST

शिमला: हिमाचल विधानसभा चुनाव में जिला शिमला की रामपुर सीट को लेकर नया ही बवाल मचा है. यहां से चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी कौल नेगी के जाति प्रमाण पत्र का मामला हाईकोर्ट पहुंचा है. रामपुर विधानसभा सीट एससी के लिए आरक्षित है. इस सीट पर कौल नेगी बीजेपी प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने तहसीलदार रामपुर को मामले का निपटारा करने के लिए दो दिन का समय दिया है. हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संदीप शर्मा ने इस मामले से संबंधित याचिका की सुनवाई की. प्रीतम देव नामक व्यक्ति ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है. याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति संदीप शर्मा ने तहसीलदार रामपुर को उपयुक्त आदेश जारी किए. (High Court on Kaul Negi caste certificate case) (Himachal Assembly Elections 2022)

क्या है पूरा मामला: प्रीतम देव की तरफ से दाखिल याचिका में दिए गए तथ्यों के अनुसार कौल नेगी जिला किन्नौर के नास्पो गांव के रहने वाले हैं. केंद्र सरकार ने जिला किन्नौर को जनजातीय का दर्जा दिया है. याचिका में कहा गया है कि कौल नेगी के पिता ने प्रदेश सरकार में जनजातीय क्षेत्र के तहत मिलने वाले आरक्षण के आधार पर नौकरी ली थी. (BJP candidate from Rampur Kaul Negi)

जनजातीय क्षेत्र के आरक्षण के आधार पर स्नातक की उपाधि: यही नहीं, कौल नेगी ने अर्थशास्त्र में स्नातक की उपाधि भी जनजातीय क्षेत्र के आरक्षण के आधार पर ली है. याचिका में आगे कहा गया है कि कौल नेगी ने प्रशासन को गुमराह करके अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र हासिल किया है. वहीं, नियमानुसार उसे यह प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जा सकता है.

अदालत को बताया गया कि इस बारे में रामपुर में तहसीलदार को शिकायत की गई है, लेकिन इस पर कार्रवाई नहीं की जा रही है. प्रार्थी ने अदालत से गुहार लगाई गई है कि तहसीलदार को इस मामले का निपटारा करने के आदेश दिए जाएं. हाईकोर्ट ने मामले का निपटारा करते हुए स्पष्ट किया है कि तहसीलदार दो दिन के भीतर सभी पक्षकारों को सुनने के बाद इस मामले पर न्यायसंगत फैसला पारित करें.

रामपुर विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी के तौर पर कौल नेगी ने भरा है पर्चा: उल्लेखनीय है कि कौल नेगी ने रामपुर सीट से भाजपा प्रत्याशी के तौर पर पर्चा भरा है. कौल नेगी विगत में एबीवीपी से जुड़े रहे हैं. हालांकि उनकी शिक्षा रामपुर में हुई है, लेकिन अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र को लेकर वे विवादों में घिरते नजर आ रहे हैं. कांग्रेस ने इस बारे में चुनाव आयोग में भी शिकायत की है. वहीं, एक याचिका हाईकोर्ट में दाखिल की गई. इसी याचिका का निपटारा करते हुए हाईकोर्ट ने तहसीलदार रामपुर को दो दिन के अंदर उचित निर्णय लेने के आदेश जारी किए हैं. (Rampur Assembly Seat)

ये भी पढ़ें: BJP उम्मीदवार कौल नेगी के एससी सर्टिफिकेट पर उठे सवाल, कांग्रेस ने चुनाव आयोग से की शिकायत

ये भी पढ़ें: भाजपा नेता व पूर्व IAS प्रेम सिंह ड्रैक पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित, जानिए क्या है पूरा मामला

शिमला: हिमाचल विधानसभा चुनाव में जिला शिमला की रामपुर सीट को लेकर नया ही बवाल मचा है. यहां से चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी कौल नेगी के जाति प्रमाण पत्र का मामला हाईकोर्ट पहुंचा है. रामपुर विधानसभा सीट एससी के लिए आरक्षित है. इस सीट पर कौल नेगी बीजेपी प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने तहसीलदार रामपुर को मामले का निपटारा करने के लिए दो दिन का समय दिया है. हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संदीप शर्मा ने इस मामले से संबंधित याचिका की सुनवाई की. प्रीतम देव नामक व्यक्ति ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है. याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति संदीप शर्मा ने तहसीलदार रामपुर को उपयुक्त आदेश जारी किए. (High Court on Kaul Negi caste certificate case) (Himachal Assembly Elections 2022)

क्या है पूरा मामला: प्रीतम देव की तरफ से दाखिल याचिका में दिए गए तथ्यों के अनुसार कौल नेगी जिला किन्नौर के नास्पो गांव के रहने वाले हैं. केंद्र सरकार ने जिला किन्नौर को जनजातीय का दर्जा दिया है. याचिका में कहा गया है कि कौल नेगी के पिता ने प्रदेश सरकार में जनजातीय क्षेत्र के तहत मिलने वाले आरक्षण के आधार पर नौकरी ली थी. (BJP candidate from Rampur Kaul Negi)

जनजातीय क्षेत्र के आरक्षण के आधार पर स्नातक की उपाधि: यही नहीं, कौल नेगी ने अर्थशास्त्र में स्नातक की उपाधि भी जनजातीय क्षेत्र के आरक्षण के आधार पर ली है. याचिका में आगे कहा गया है कि कौल नेगी ने प्रशासन को गुमराह करके अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र हासिल किया है. वहीं, नियमानुसार उसे यह प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जा सकता है.

अदालत को बताया गया कि इस बारे में रामपुर में तहसीलदार को शिकायत की गई है, लेकिन इस पर कार्रवाई नहीं की जा रही है. प्रार्थी ने अदालत से गुहार लगाई गई है कि तहसीलदार को इस मामले का निपटारा करने के आदेश दिए जाएं. हाईकोर्ट ने मामले का निपटारा करते हुए स्पष्ट किया है कि तहसीलदार दो दिन के भीतर सभी पक्षकारों को सुनने के बाद इस मामले पर न्यायसंगत फैसला पारित करें.

रामपुर विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी के तौर पर कौल नेगी ने भरा है पर्चा: उल्लेखनीय है कि कौल नेगी ने रामपुर सीट से भाजपा प्रत्याशी के तौर पर पर्चा भरा है. कौल नेगी विगत में एबीवीपी से जुड़े रहे हैं. हालांकि उनकी शिक्षा रामपुर में हुई है, लेकिन अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र को लेकर वे विवादों में घिरते नजर आ रहे हैं. कांग्रेस ने इस बारे में चुनाव आयोग में भी शिकायत की है. वहीं, एक याचिका हाईकोर्ट में दाखिल की गई. इसी याचिका का निपटारा करते हुए हाईकोर्ट ने तहसीलदार रामपुर को दो दिन के अंदर उचित निर्णय लेने के आदेश जारी किए हैं. (Rampur Assembly Seat)

ये भी पढ़ें: BJP उम्मीदवार कौल नेगी के एससी सर्टिफिकेट पर उठे सवाल, कांग्रेस ने चुनाव आयोग से की शिकायत

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Last Updated : Oct 28, 2022, 9:51 PM IST
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