शिमला: इस बार हिमाचल प्रदेश में मानसून तबाही बनकर आया है. लगातार हो रही बारिश से पूरे प्रदेश में हजारों करोड़ों का नुकसान हुआ है. वहीं, इस आपदा ने कई लोगों की जान ले ली. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार हिमाचल प्रदेश में मानसून की शुरुआत के बाद से पिछले 41 दिनों के दौरान करीब 200 लोगों की भारी बारिश की वजह से मौत हो गई. जबकि 31 लोग अभी भी लापता हो गए.
41 दिनों में 199 लोगों की मौत: हिमाचल में भारी बारिश से 41 दिनों में 199 लोगों की मौत हो गई. इनमें 57 लोगों की मौत भूस्खलन और बाढ़ के कारण हुईं. जबकि 142 लोगों की मौत बारिश के दौरान सड़क दुर्घटनाओं या अन्य कारणों से हुई है. हिमाचल प्रदेश में 31 लोग अभी लापता हैं. वहीं, 229 मानसून में हुए हादसे में घायल हुए. राज्य आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव ओंकार चंद शर्मा ने कहा जैसे-जैसे राज्य बारिश और बाढ़ से उबर रहा है, हर दिन जानमाल का नुकसान बढ़ रहा है. उन्होंने कहा बारिश के कारण बुनियादी ढांचे को नुकसान का अनुमान हर दिन बढ़ता जा रहा है.
₹6563 करोड़ से ज्यादा का नुकसान: उन्होंने कहा आंकड़ों के मुताबिक, इसी मानसून अवधि में बुनियादी ढांचे को अनुमानित नुकसान अब तक ₹6563.58 करोड़ रुपये रहा है. बारिश के कारण आई बाढ़ से राज्य में 774 घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं. जबकि 7317 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं. 254 दुकानें और 2337 गौशालाएं क्षतिग्रस्त हुई है. भारी बारिश से राज्य में 79 भूस्खलन और 53 अचानक बाढ़ की घटनाएं देखी गईं. राज्य में करीब 300 सड़कें अभी बंद हैं. 274 बिजली और 42 जलापूर्ति योजनाएं अब भी बाधित हैं.
भारी बारिश को लेकर अलर्ट जारी: राज्य में अगले दो दिनों तक मौसम विभाग ने भारी बारिश की चेतावनी जारी किया है. जिसको लेकर राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने भी गुरुवार को अलर्ट जारी किया. भारी बारिश की वजह से शिमला में पर्यटन उद्योग को एक विनाशकारी झटका लगा है. क्योंकि सोलन जिले में कालका-शिमला फोरलेन राष्ट्रीय राजमार्ग 5 भूस्खलन में बह गया. पर्यटन पुनरुद्धार की उम्मीदें बहुत अधिक थीं, लेकिन इस आपदा ने राज्य की राजधानी में व्यवसायों के भविष्य को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं.
हिमाचल प्रदेश टूरिज्म स्टेकहोल्डर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहिंदर सेठ ने कहा हाल की बारिश और बाढ़ से उबरने के बाद, सितंबर और अक्टूबर में पर्यटकों के दौरे की उम्मीदें अधिक हैं. हालाँकि, सड़कें क्षतिग्रस्त होने के कारण, अचानक बाढ़ और भूस्खलन के डर से पर्यटकों ने अपनी यात्राएं रोक दी हैं.
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(सौजन्य ANI)