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एसएमसी शिक्षकों की भर्ती के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई, HC ने SMC अध्यापकों को बनाया प्रतिवादी

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Published : Jun 12, 2020, 10:13 PM IST

एसएमसी शिक्षकों की भर्ती के खिलाफ दायर याचिका में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने एसएमसी अध्यापकों को प्रतिवादी बनाते हुए उनसे 2 सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया है. अब इस मामले पर हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 26 जून को होगी.

Himachal High Court summoned
Himachal High Court summoned

शिमलाः एसएमसी शिक्षकों की भर्ती के खिलाफ दायर याचिका में हाईकोर्ट ने एसएमसी अध्यापकों को प्रतिवादी बनाते हुए उनसे 2 सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया है. न्यायाधीश सुरेश्वर ठाकुर व न्यायाधीश सीबी वारोवालिया की खंडपीठ ने इस मामले पर सुनवाई की है.

गौरतलब है कि पिछली सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से हाईकोर्ट को आश्वासन दिया गया था कि कोर्ट के अगले आदेशों तक प्रदेश के सरकारी स्कूलों में किसी भी नए एसएमसी अध्यापक की नियुक्ति या चयन नहीं किया जाएगा.

प्रार्थी कुलदीप कुमार व अन्यों के अनुसार सरकार स्टॉप गैप अरेंजमेंट के नाम पर एसएमसी भर्तियां करने जा रही है, जबकि एसएमसी शिक्षकों की नियुक्ति गैर कानूनी है. यह सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की सरासर अवहेलना है.

प्रार्थियों की यह दलील है कि एसएमसी शिक्षकों की भर्तियां भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के विपरीत है. इससे सभी को समान अवसर जैसे मौलिक अधिकार का उल्लंघन हो रहा है. यह भर्तियां शिक्षा का अधिकार अधिनियम के प्रावधानों के भी विपरीत है.

दूसरी तरफ एसएमसी अध्यापकों का कहना है कि वे साल 2012 से हिमाचल के अति दुर्गम क्षेत्रों में बिना किसी रूकावट के अपनी सेवाएं दे रहे हैं और उनका चयन प्रदेश सरकार की ओर से नियमों के तहत किया गया है. अब इस मामले पर हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 26 जून को होगी.

ये भी पढ़ें- CM जयराम ने धर्मशाला के पत्रकारों को किया संबोधित, मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर लगाया ये आरोप

ये भी पढ़ें- लाहौल में पाए जाने वाले छरमा से बनेगी कोरोना से लड़ने वाली दवा, इम्यूनिटी होगी बूस्ट

शिमलाः एसएमसी शिक्षकों की भर्ती के खिलाफ दायर याचिका में हाईकोर्ट ने एसएमसी अध्यापकों को प्रतिवादी बनाते हुए उनसे 2 सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया है. न्यायाधीश सुरेश्वर ठाकुर व न्यायाधीश सीबी वारोवालिया की खंडपीठ ने इस मामले पर सुनवाई की है.

गौरतलब है कि पिछली सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से हाईकोर्ट को आश्वासन दिया गया था कि कोर्ट के अगले आदेशों तक प्रदेश के सरकारी स्कूलों में किसी भी नए एसएमसी अध्यापक की नियुक्ति या चयन नहीं किया जाएगा.

प्रार्थी कुलदीप कुमार व अन्यों के अनुसार सरकार स्टॉप गैप अरेंजमेंट के नाम पर एसएमसी भर्तियां करने जा रही है, जबकि एसएमसी शिक्षकों की नियुक्ति गैर कानूनी है. यह सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की सरासर अवहेलना है.

प्रार्थियों की यह दलील है कि एसएमसी शिक्षकों की भर्तियां भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के विपरीत है. इससे सभी को समान अवसर जैसे मौलिक अधिकार का उल्लंघन हो रहा है. यह भर्तियां शिक्षा का अधिकार अधिनियम के प्रावधानों के भी विपरीत है.

दूसरी तरफ एसएमसी अध्यापकों का कहना है कि वे साल 2012 से हिमाचल के अति दुर्गम क्षेत्रों में बिना किसी रूकावट के अपनी सेवाएं दे रहे हैं और उनका चयन प्रदेश सरकार की ओर से नियमों के तहत किया गया है. अब इस मामले पर हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 26 जून को होगी.

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