ETV Bharat / state

तय समय पर भू-अधिग्रहण का अवार्ड घोषित न करने पर मंडी के डिविजनल कमिश्नर को हाईकोर्ट की फटकार - डिविजनल कमिश्नर मंडी

हिमाचल हाईकोर्ट ने डिविजनल कमिश्नर मंडी को निर्धारित समय के भीतर भू-अधिग्रहण का अवार्ड घोषित ने करने पर फटकार लगाई है. हाईकोर्ट ने उक्त आर्बिट्रेटर के समक्ष लंबित रेफरेंस याचिकाओं में पारित आदेशों का अवलोकन करने पर पीड़ा जताई. पढ़ें पूरी खबर...

Himachal High Court
Himachal High Court
author img

By

Published : Dec 11, 2022, 11:25 AM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal High Court) ने डिविजनल कमिश्नर मंडी (Divisional Commissioner of Mandi) को निर्धारित समय के भीतर भू-अधिग्रहण का अवार्ड घोषित ने करने पर फटकार लगाई है. हाईकोर्ट ने उक्त आर्बिट्रेटर के समक्ष लंबित रेफरेंस याचिकाओं में पारित आदेशों का अवलोकन करने पर पीड़ा जताई. अदालत ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम के तहत नियुक्त आर्बिट्रेटर डिविजनल कमिश्नर मंडी ने आर्बिट्रेशन अधिनियम के प्रावधानों को दरकिनार करते हुए मामलों में कार्यवाही शुरू की.

हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल ने प्रार्थी राम चंद और अन्य याचिकाकर्ताओं के मामलों का निपटारा करते हुए डिविजनल कमिश्नर मंडी को आदेश दिए हैं कि वह आर्बिट्रल कार्यवाही पर 30 जून 2023 तक कानून के अनुसार फैसला ले. अदालत ने डिविजनल कमिश्नर मंडी को चेताया है कि आइंदा से यदि आर्बिट्रेटर डिविजनल कमिश्नर मंडी अपने कर्तव्यों के निर्वहन में कोताही बरतने में शामिल हुआ तो उसकी आर्बिट्रेशन की शक्तियां छीनने से कोर्ट नहीं हिचकिचाएगा.

उल्लेखनीय है कि आर्बिट्रेशन अधिनियम के तहत आर्बिट्रेटर को 1 साल के भीतर और पक्षकारों की सहमति से आगामी 6 महीनों के भीतर रेफरेंस याचिका का निपटारा करते हुए अवार्ड घोषित करना होता है. इस समय अवधि के भीतर ऐसा न कर पाने पर उसे हाईकोर्ट से समय बढ़ाने की मांग करते हुए आवेदन करना जरूरी है. प्रार्थियों के अनुसार डिविजनल कमिश्नर मंडी ने बिलासपुर में हुए भू-अधिग्रहण के उनके मामलों में 5 वर्षों तक कोई अवार्ड घोषित नहीं किया इसलिए उन्हें मजबूरन हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा.

ये भी पढे़ं: कांग्रेस में झंडी वाली कार के कितने तलबगार, पार्टी में एक से बढ़कर एक दावेदार

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal High Court) ने डिविजनल कमिश्नर मंडी (Divisional Commissioner of Mandi) को निर्धारित समय के भीतर भू-अधिग्रहण का अवार्ड घोषित ने करने पर फटकार लगाई है. हाईकोर्ट ने उक्त आर्बिट्रेटर के समक्ष लंबित रेफरेंस याचिकाओं में पारित आदेशों का अवलोकन करने पर पीड़ा जताई. अदालत ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम के तहत नियुक्त आर्बिट्रेटर डिविजनल कमिश्नर मंडी ने आर्बिट्रेशन अधिनियम के प्रावधानों को दरकिनार करते हुए मामलों में कार्यवाही शुरू की.

हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल ने प्रार्थी राम चंद और अन्य याचिकाकर्ताओं के मामलों का निपटारा करते हुए डिविजनल कमिश्नर मंडी को आदेश दिए हैं कि वह आर्बिट्रल कार्यवाही पर 30 जून 2023 तक कानून के अनुसार फैसला ले. अदालत ने डिविजनल कमिश्नर मंडी को चेताया है कि आइंदा से यदि आर्बिट्रेटर डिविजनल कमिश्नर मंडी अपने कर्तव्यों के निर्वहन में कोताही बरतने में शामिल हुआ तो उसकी आर्बिट्रेशन की शक्तियां छीनने से कोर्ट नहीं हिचकिचाएगा.

उल्लेखनीय है कि आर्बिट्रेशन अधिनियम के तहत आर्बिट्रेटर को 1 साल के भीतर और पक्षकारों की सहमति से आगामी 6 महीनों के भीतर रेफरेंस याचिका का निपटारा करते हुए अवार्ड घोषित करना होता है. इस समय अवधि के भीतर ऐसा न कर पाने पर उसे हाईकोर्ट से समय बढ़ाने की मांग करते हुए आवेदन करना जरूरी है. प्रार्थियों के अनुसार डिविजनल कमिश्नर मंडी ने बिलासपुर में हुए भू-अधिग्रहण के उनके मामलों में 5 वर्षों तक कोई अवार्ड घोषित नहीं किया इसलिए उन्हें मजबूरन हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा.

ये भी पढे़ं: कांग्रेस में झंडी वाली कार के कितने तलबगार, पार्टी में एक से बढ़कर एक दावेदार

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.