शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal High court) ने शिमला जिले के कुमारसैन के 48 सेब बागवानों के करोड़ों रुपए हड़पने के आरोपी कमीशन एजेंट को सशर्त अग्रिम जमानत प्रदान करने के आदेश जारी किए हैं. न्यायाधीश सत्येन वैद्य ने एसएएस नगर मोहाली पंजाब निवासी याचिकाकर्ता सागर चावला की अग्रिम जमानत याचिका को मंजूर करते हुए कहा कि सरकार जमानत याचिका के विरोध को न्यायोचित ठहराने में असमर्थ रही. प्रार्थी को केवल इस आधार पर अग्रिम जमानत देने से इंकार नहीं किया जा सकता कि वह जैसे तथ्य पुलिस चाहती है, वैसे तथ्य उजागर नहीं कर रहा है या शिकायतकर्ता को भुगतान नहीं कर रहा है.
मामले के अनुसार सारथी तहसील कुमारसैन निवासी मंजीत वर्मा ने एडीजी स्टेट सीआईडी शिमला के समक्ष कमीशन एजेंटों द्वारा सेब बागवानों के करोड़ों रुपए हड़पने से जुड़ी शिकायत दर्ज करवाई थी. न्यू गुरु नानक वेजिटेबल कंपनी के नाम से वर्ष 2019 में प्रार्थी सागर चावला और उसके पिता मोहन चावला बतौर कमीशन एजेंट काम कर रहे थे. सेब बागवानों से सेब खरीदने के लिए प्रार्थी ने दो लोकल एजेंट भी रखे थे. आरोप है कि बागवानों द्वारा सेब बेचने के बावजूद उन्हें पैसे नहीं दिए गए. बल्कि आरोपी उल्टा पैसा मांगने वालों को जान से मारने की धमकियां देने लगा. (Case of fraud with apple growers).
प्रार्थी पर एक करोड़ 70 लाख रुपए से अधिक की ठगी का आरोप है. जांच के दौरान पाया गया कि आरोपी ने साल 2019 में डेढ़ करोड़ रुपए के सेब खरीदे और अभी भी कुमारसैन के 48 सेब बागवानों के एक करोड़ 19 लाख 82 हजार रुपए बकाया हैं. इन सभी आरोपों को लेकर सागर चावला के खिलाफ पुलिस स्टेशन स्टेट सीआईडी शिमला के समक्ष भारतीय दंड संहिता की धारा 420 और 406 के तहत बागवानों से करोड़ों रुपए लेने की धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज कराई गई है.
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