शिमलाः हिमाचल में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद अस्पतालों में बेड कम पड़ने लगे हैं. ऐसे में सरकार कोविड संक्रमितों के इलाज के लिए बड़े कोविड केयर सेंटर तैयार कर रही है. दावा है कि यहां पर अस्पताल से भी ज्यादा तेजी से रिकवर होंगे कोविड संक्रमित. फिलहाल प्रदेश में स्थिति ठीक नहीं है.
किस जिला में कितने बेड
जिला | स्थान | भर्ती मरीज | कुल बेड |
बिलासपुर | सिविल अस्पताल घुमारवीं | 23 | 29 |
हमीरपुर | आयुर्वेदिक अस्पताल | 72 | 60 |
कांगड़ा | जोनल अस्पताल धर्मशाला | 161 | 161 |
कांगड़ा | मेडिकल कॉलेज टांडा | 97 | 108 |
शिमला | जिला अस्पताल शिमला (डीडीयू) | 111 | 115 |
शिमला | मेडिकल कॉलेज शिमला(आईजीएमसी) | 139 | 147 |
सोलन | एमएमयू कुमारहट्टी | 35 | 40 |
ऊना | सिविल अस्पताल हरोली | 38 | 45 |
प्रदेश सरकार ने शुरू की तैयारियां
लगातार बढ़ रही मरीजों की संख्या को देखते हुए प्रदेश सरकार ने तैयारियां शुरू की कर दी हैं. मुख्यमंत्री ने पिछले कल कांगड़ा जिला का दौरा किया और आज मंडी जिला के दौरे पर रहे. जिसके बाद बेड क्षमता को बढ़ाया जा रहा है. अभी तक कोरोना मरीजों के लिए प्रदेश में 1686 बेड हैं. इनमें 980 मरीज भर्ती हैं.
बिस्तरों की संख्या 5 हजार करने का लक्ष्य
प्रदेश सरकार ने आने वाले दिनों में कोविड पॉजिटिव लोगों के लिए बिस्तरों की संख्या 5 हजार करने का लक्ष्य रखा है. मंडी जिला में अगले 4 से 5 दिनों में नेरचौक मेडिकल कॉलेज के साथ ही 100 बिस्तरों का मेकशिफ्ट अस्पताल, राधा स्वामी कॉम्प्लेक्स परौर में एक हजार बेड, मंडी एमसीएच का भवन एक महीने में तैयार हो जाएगा. इसमें कोरोना मरीजों को रखा जाएगा. रत्ती अस्पताल सुंदरनगर में अधिकतम 50 बेड की सुविधा है.
कांगड़ा जिला बिस्तरों की संख्या
कांगड़ा जिला की बात करें तो सिटी सेंटर मल्टी स्पेशिलिटी हॉस्पिटल गग्गल में 50 बेड, राधा स्वामी कॉम्प्लेक्स खलियारा में भी 200 बेड का प्री फ्रैब्रिकेटिड स्ट्रक्चर बनाया जा सकता है, राजीव गांधी कॉलेज पपरोला में 100 बेड की क्षमता जल्द तैयार होगी.
कोविड-19 मरीजों के लिए बिस्तरों की क्षमता में तीन हजार तक वृद्धि
जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार कोविड-19 मरीजों के लिए बिस्तरों की क्षमता में तीन हजार तक वृद्धि करने के लक्ष्य को लगभग पूरा कर चुकी है और किसी भी आपातकालीन स्थिति का सामना करने के लिए बिस्तरों की क्षमता को पांच हजार तक बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में दवाइयों, चिकित्सा उपकरणों और ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है. प्रदेश सरकार ने एहतियाती तौर पर अतिरिक्त तीन हजार डी-टाइप ऑक्सीजन सिलेण्डरों का भण्डारण किया है ताकि खाली सिलेण्डरों की कोई कमी न हो.
डाक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ का आत्मविश्वास बढ़ाने के लिये संपर्क सुनिश्चित
मुख्यमंत्री ने कहा कि डाक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को अस्पताल में कोविड-19 रोगियों के साथ प्रभावी सम्पर्क सुनिश्चित करना चाहिए ताकि उनका आत्मविश्वास बढ़े और वे शीघ्र स्वास्थ्य लाभ कर सकें. वरिष्ठ चिकित्सकों को कोविड वार्डाें का नियमित दौरा कर मरीजों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अस्पतालों में उचित साफ-सफाई सुनिश्चित की जानी चाहिए.
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