शिमला: छोटा पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश विकास की रफ्तार में लगातार आगे बढ़ रहा है. हाल ही में गुड गवर्नेंस के लिए देश के टॉप राज्यों में शुमार होने के बाद हिमाचल के सिर पर एक और ताज सजा है. हिमाचल प्रदेश को सस्टेनेबल डवलपमेंट गोल्स इंडेक्स में राज्य को देश में दूसरा स्थान मिला है.
नीति आयोग की रिपोर्ट में सस्टेनेबल डेवलेपमेंट गोल्स इंडेक्स यानी सतत विकास के लक्ष्यों के सूचकांक 2019-20 में लक्ष्य हासिल करने में केरल के बाद हिमाचल देश का दूसरा सर्वश्रेष्ठ राज्य चुना गया है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि नीति आयोग ने वर्ष 2019-20 के लिए सतत विकास लक्ष्यों का सूचकांक जारी किया है. इसके अंतर्गत 16 सतत विकास के लक्ष्यों को शामिल किया गया है.
जयराम ठाकुर ने कहा कि रिपोर्ट के अनुसार हिमाचल प्रदेश ने जल एवं स्वच्छता, ऊर्जा, उद्योग और अन्य सामाजिक सेवा क्षेत्रों जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण और लिंग समानता में बेहतर प्रदर्शन किया है. यह सब प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई नीतियों एवं कार्यक्रमों के प्रभावी कार्यान्वयन के कारण संभव हो पाया है. उन्होंने कहा कि एसडीजी सूचकांक को पिछले वर्ष शुरू किया गया था. जिसके अंतर्गत राज्यों को 16 लक्ष्यों के आधार पर रैंकिग प्रदान की जाती है.
सूचकांक तैयार करते समय राज्यों के प्रदर्शन का 100 संकेतकों के आधार पर आंकलन किया जाता है. पिछले वर्ष की रिपोर्ट में केवल 13 लक्ष्यों और 39 संकेतकों को शामिल किया गया था. उल्लेखनीय है कि गुड गवर्नेंस के कई पहलुओं पर इस साल के लिए हिमाचल को पहला स्थान मिला है. गुड गवर्नेंस से आशय जनता को बेहतर प्रशासन उपलब्ध करवाने के साथ-साथ विकास योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करना है.
गुड गवर्नेंस के लिए उत्तर-पूर्व राज्यों के अलावा पहाड़ी राज्यों में हिमाचल प्रदेश उत्तराखंड, त्रिपुरा, मिजोरम, सिक्किम, असम, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश को शामिल किया गया था. बड़े राज्यों की श्रेणी में उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक अनुसार तमिलनाडु ने सुशासन सूचकांक (जीजीआई) के लिए बड़े राज्यों की रैंकिंग में पहला, महाराष्ट्र और कर्नाटक को क्रमश: दूसरा और तीसरा स्थान मिला है.
नॉर्थ-ईस्ट और पहाड़ी राज्यों की कैटेगरी में न्यायिक और सार्वजनिक सुरक्षा क्षेत्र की रैंकिंग के तहत हिमाचल को यह स्थान हासिल हुआ है. गौरतलब है कि सुशासन इंडेक्स 2019 में 10 क्षेत्रों पर फोकस किया गया. इसमें कृषि और इससे संबंधित मुद्दे, वाणिज्य और उद्योग, मानव संसाधन विकास, सार्वजनिक स्वास्थ्य, सार्वजनिक बुनियादी ढांचा, आर्थिक शासन, सामाजिक कल्याण व विकास, न्यायिक और सार्वजनिक सुरक्षा, पर्यावरण और नागरिक केंद्रित शासन शामिल हैं. उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश प्रति व्यक्ति आय में भी शानदार रिकार्ड वाला राज्य है. हिमाचल प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय 1 लाख, 76 हजार, 968 रुपए है. बैंकिंग सेवाओं को देखा जाए तो प्रदेश में 2139 बैंक शाखाएं हैं. औसत के लिहाज से हिमाचल में देश में सबसे अधिक बैंक शाखाएं हैं. राज्य में 38 हजार किलोमीटर से अधिक सड़कें हैं.
इसके अलावा प्रदेश में 15 हजार से अधिक प्राइमरी, मिडल, हाई व सीनियर सेकेंडरी स्कूल हैं. हिमाचल में एक साल में दो करोड़ सैलानी सैर को आते हैं. अपराध दर देश के अन्य राज्यों के मुकाबले बहुत कम है. यहां किसी किस्म के दंगों की कहीं से कोई खबर नहीं आती. स्वास्थ्य सेवाओं की दृष्टि से भी हिमाचल देश के राज्यों से बेहतर है. यहां प्रति व्यक्ति चिकित्सकों की औसत देश में सबसे अधिक है. हिमाचल को देश का उर्जा राज्य, फल राज्य भी कहा जाता है. सुशासन के लिए यही कारक कसौटी पर कसे जाते हैं.
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