शिमला: हिमाचल प्रदेश में आसमान से बारिश आफत बनकर बरस रही है. अभी भी प्रदेश में बरसात का कहर थमा नहीं है. भारी बारिश से सड़कों, पुलों और पानी की परियोजनाओं सहित प्रदेश में निजी संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा है. हिमाचल सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार मानसून से अब तक हिमाचल प्रदेश को 6600 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है. लैंडस्लाइड और फ्लैश फ्लड के कारण प्रदेश में 8233 मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं. सड़कें और पानी की परियोजनाएं भी भारी बारिश के कारण बुरी तरह से प्रभावित हो रही हैं. अभी भी प्रदेश में 317 सड़कें बंद हैं.
हिमाचल में आफत के बादल: हिमाचल प्रदेश में अब तक मानसून से करीब 6649 करोड़ का नुकसान आंका गया है. जिसमें पीडब्ल्यूडी को सबसे ज्यादा करीब 2054 करोड़ का नुकसान आंका गया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार बरसात में सैकड़ों सड़कों के साथ करीब 90 पुलों को क्षतिग्रस्त हुए हैं. जबकि 19 पुल इस बार बाढ़ में बह गए हैं. पीडब्ल्यूडी द्वारा क्षतिग्रस्त सड़कों को बहाल किया जा रहा है, हालांकि कई जगह बारिश से सड़कों की बहाली में बाधा आ रही है.
लैंडस्लाइड से बंद हो रही सड़कें: प्रदेश में कई जगह बारिश के कारण लगातार लैंडस्लाइड हो रहे हैं. जिससे बहाल की गई सड़कें फिर से बंद हो रही हैं. विभागीय आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में करीब 317 सड़कें अभी भी बंद हैं. इनमें 169 सड़कें पीडब्ल्यूडी शिमला जोन, 107 सड़कें मंडी जोन, कांगड़ा जोन में 23 और हमीरपुर जोन के तहत 17 सड़कें बंद हो गई है. सड़कें बंद होने से यातायात बुरी तरह से प्रभावित है.
जल परियोजनाओं पर भारी पड़ी बरसात: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण बड़ी संख्या में जल परियोजनाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं. लैंडस्लाइड और बाढ़ ने पानी की परियोजनाओं को बुरी तरह से प्रभावित किया है. जल शक्ति विभाग के आंकड़ों के अनुसार करीब 15,389 परियोजनाओं को बरसात से नुकसान पहुंचा है. इनमें 7829 पेयजल परियोजनाएं हैं. जिनमें से लगभग 7687 जल परियोजनाएं को जल शक्ति विभाग द्वारा अस्थाई तौर पर बहाल कर दिया गया है. वहीं, सिंचाई की 2074 परियोजनाएं, फ्लड कंट्रोल की 198 और सीवरेज की 122 परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. इसके अतिरिक्त करीब 5166 हैंडपंपों को भी नुकसान पहुंचा है.
बरसात में करोड़ों का नुकसान: प्रदेश में भारी बारिश से जल शक्ति विभाग को करीब अब तक 1629 करोड़ का नुकसान आंका गया है. इसके अलावा प्रदेश बिजली बोर्ड को भी करीब 1505 करोड़, कृषि को करीब 167 करोड़ और बागवानी को करीब 144 करोड़ का नुकसान का आकलन किया गया है. ग्रामीण विकास विभाग को 369 करोड़, शिक्षा विभाग को 118 करोड़ नुकसान की आशंका है. वहीं, प्रदेश सरकार के आंकड़ों के अनुसार स्वास्थ्य विभाग को 44 करोड़ और अन्य विभागों को 82 करोड़ का नुकसान आंका गया है.
आपदा की भेंट चढ़े आशियाने: मानसून में बड़ी संख्या में रिहायशी और अन्य भवन भूस्खलन व फ्लड की चपेट में आ गए. मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के विभिन्न जिलों में अब तक 8233 परिवारों के आशियाने बारिश से क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 832 मकान पूरी तरह बर्बाद हो गए हैं. इसके अलावा 260 दुकानों को भी नुकसान पहुंचा है. 2399 गौशालाएं भी बारिश में ढह गई. इसके अलावा भारी बरसात के कारण करीब दो सौ लोगों की मौत हुई हैं.
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