ETV Bharat / state

स्कूली बच्चों को गुणात्मक शिक्षा नहीं दे पा रहा हिमाचल, नीति आयोग की नई रिपोर्ट में खुलासा - बच्चों को क्वालिटी एजुकेशन

नीति आयोग ने स्कूल एजुकेशन क्वालिटी इंडेक्स जारी किया है. ये इंडेक्स स्कूलों में छात्रों को मिलने वाली गुणात्मक शिक्षा को लेकर किया गया है. इस सूचि में हिमाचल को नौंवा स्थान मिला है.

Himachal failed to provide quality education
author img

By

Published : Oct 3, 2019, 7:57 PM IST

शिमला: देश का दूसरा सबसे साक्षर राज्य हिमाचल स्कूलों में बच्चों को क्वालिटी एजुकेशन देने में पिछड़ गया है. हिमाचल के स्कूलों में छात्रों को क्वालिटी एजुकेशन नहीं मिल पा रही है, यही वजह है कि देश भर के 20 राज्यों में हिमाचल गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने में नौवें स्थान पर रहा है.

सूचि में केरल ने पहला, राज्यस्थान ने दूसरा और कर्नाटक ने तीसरा स्थान शिक्षा से जुड़े हर क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन के लिए मिला है. नीति आयोग की ओर से जारी स्कूल एजुकेशन क्वालिटी इंडेक्स में इस बात का खुलासा हुआ है कि हिमाचल का गुणात्मक शिक्षा से जुड़े मानकों का आकड़ा कुल 56 फीसदी है, जबकि केरल का यह आंकड़ा 76.6 फीसदी है.

बता दें कि नीति आयोग की ओर से स्कूल एजुकेशन क्वालिटी इंडेक्स जारी किया गया है. जिसमें देशभर के 20 राज्यों की स्टडी की गई है. इसमें सभी राज्यों की सूची में हिमाचल को नौवां स्थान मिला है. आयोग की ओर से जारी इस इंडेक्स में हिमाचल गुणात्मक शिक्षा में तो पिछड़ा ही है, लेकिन इसके साथ ही हिमाचल के ओवरऑल परफॉर्मेंस रैंक में भी गिरावट आई है.

वर्ष 2015-16 में हिमाचल की ओवरऑल परफॉर्मेंस रैंक की प्रतिशतता 58.1 थी और वर्ष 2016-17 में इसमें 4 फीसदी की ही बढ़ोतरी हुई और यह 62.8 पर पहुंची थी, जिससे इंडेक्स में नीति आयोग ने डाउनफॉल के रूप में दर्शाया है.

वहीं, केरल गुणवत्ता इंडेक्स के सभी मानकों पर खरा उतरा है उसके रैंक में ना कमी आई है और ना ही बढ़ोतरी दर्ज हुई है. केरल ने अपनी रैंकिंग को स्थिर रखा है. यह वर्ष 2015-16 में रैंकिंग की प्रतिशतता 77.6 थी जिसके बाद वर्ष 2016-17 में यह बढ़कर 82.24 रही.

इसके अलावा हिमाचल में आउटकम कैटेगरी में 67 फीसदी,लर्निंग आउटकम डोमेन में 42 फ़ीसदी,एक्सेस आउटकम डोमेन में 88 फीसदी, इंफ्रास्ट्रक्चर एंड फैसिलिटी फॉर आउटकम डोमेन 69, इक्विटी आउटकम डोमेन में हिमाचल को 62 फीसदी पर आंका गया है.

वीडियो.

निति आयोग के इस स्कूल एजुकेशन क्वालिटी इंडेक्स को लेकर सर्व शिक्षा अभियान के परियोजना निदेशक आशीष कोहली का कहना है कि इस इंडेक्स में जिन-जिन मानकों पर हम पिछड़े हैं, उन पर नई-नई योजनाएं बनाकर काम किया जा रहा है.

लर्निंग आउटकम को बेहतर करने के लिए नई योजनाएं लाई जा रही है. वहीं, शिक्षा की गुणवत्ता के स्तर को बढ़ाने के लिए भी काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस इंडेक्स में हिमाचल कुछ एक मानकों पर सबसे आगे भी रहा है. जिसमें वोकेशनल शिक्षा शामिल है.

यहां रहा बेहतर प्रदर्शन
हिमाचल का नीति आयोग के स्कूल एजुकेशन क्वालिटी इंडेक्स में कुछ एक मानकों पर अन्य राज्यों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन रहा है. इसमें वोकेशनल एजुकेशन में हिमाचल वर्ष 2015-16 में 13.2 पर था वर्ष 2016-17 में यह आंकड़ा 20 फीसदी पर पहुंच गया है.

वहीं, हिमाचल में ऐसे स्कूलों की संख्या में भी कमी आई है जिनमें मात्र एक ही शिक्षक नियुक्त है. यह आंकड़ा 8.2 से 6.7 पर आ गया है. ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट में एकेडमिक पद भरने में हिमाचल का आंकड़ा शतप्रतिशत रहा है.

शिमला: देश का दूसरा सबसे साक्षर राज्य हिमाचल स्कूलों में बच्चों को क्वालिटी एजुकेशन देने में पिछड़ गया है. हिमाचल के स्कूलों में छात्रों को क्वालिटी एजुकेशन नहीं मिल पा रही है, यही वजह है कि देश भर के 20 राज्यों में हिमाचल गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने में नौवें स्थान पर रहा है.

सूचि में केरल ने पहला, राज्यस्थान ने दूसरा और कर्नाटक ने तीसरा स्थान शिक्षा से जुड़े हर क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन के लिए मिला है. नीति आयोग की ओर से जारी स्कूल एजुकेशन क्वालिटी इंडेक्स में इस बात का खुलासा हुआ है कि हिमाचल का गुणात्मक शिक्षा से जुड़े मानकों का आकड़ा कुल 56 फीसदी है, जबकि केरल का यह आंकड़ा 76.6 फीसदी है.

बता दें कि नीति आयोग की ओर से स्कूल एजुकेशन क्वालिटी इंडेक्स जारी किया गया है. जिसमें देशभर के 20 राज्यों की स्टडी की गई है. इसमें सभी राज्यों की सूची में हिमाचल को नौवां स्थान मिला है. आयोग की ओर से जारी इस इंडेक्स में हिमाचल गुणात्मक शिक्षा में तो पिछड़ा ही है, लेकिन इसके साथ ही हिमाचल के ओवरऑल परफॉर्मेंस रैंक में भी गिरावट आई है.

वर्ष 2015-16 में हिमाचल की ओवरऑल परफॉर्मेंस रैंक की प्रतिशतता 58.1 थी और वर्ष 2016-17 में इसमें 4 फीसदी की ही बढ़ोतरी हुई और यह 62.8 पर पहुंची थी, जिससे इंडेक्स में नीति आयोग ने डाउनफॉल के रूप में दर्शाया है.

वहीं, केरल गुणवत्ता इंडेक्स के सभी मानकों पर खरा उतरा है उसके रैंक में ना कमी आई है और ना ही बढ़ोतरी दर्ज हुई है. केरल ने अपनी रैंकिंग को स्थिर रखा है. यह वर्ष 2015-16 में रैंकिंग की प्रतिशतता 77.6 थी जिसके बाद वर्ष 2016-17 में यह बढ़कर 82.24 रही.

इसके अलावा हिमाचल में आउटकम कैटेगरी में 67 फीसदी,लर्निंग आउटकम डोमेन में 42 फ़ीसदी,एक्सेस आउटकम डोमेन में 88 फीसदी, इंफ्रास्ट्रक्चर एंड फैसिलिटी फॉर आउटकम डोमेन 69, इक्विटी आउटकम डोमेन में हिमाचल को 62 फीसदी पर आंका गया है.

वीडियो.

निति आयोग के इस स्कूल एजुकेशन क्वालिटी इंडेक्स को लेकर सर्व शिक्षा अभियान के परियोजना निदेशक आशीष कोहली का कहना है कि इस इंडेक्स में जिन-जिन मानकों पर हम पिछड़े हैं, उन पर नई-नई योजनाएं बनाकर काम किया जा रहा है.

लर्निंग आउटकम को बेहतर करने के लिए नई योजनाएं लाई जा रही है. वहीं, शिक्षा की गुणवत्ता के स्तर को बढ़ाने के लिए भी काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस इंडेक्स में हिमाचल कुछ एक मानकों पर सबसे आगे भी रहा है. जिसमें वोकेशनल शिक्षा शामिल है.

यहां रहा बेहतर प्रदर्शन
हिमाचल का नीति आयोग के स्कूल एजुकेशन क्वालिटी इंडेक्स में कुछ एक मानकों पर अन्य राज्यों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन रहा है. इसमें वोकेशनल एजुकेशन में हिमाचल वर्ष 2015-16 में 13.2 पर था वर्ष 2016-17 में यह आंकड़ा 20 फीसदी पर पहुंच गया है.

वहीं, हिमाचल में ऐसे स्कूलों की संख्या में भी कमी आई है जिनमें मात्र एक ही शिक्षक नियुक्त है. यह आंकड़ा 8.2 से 6.7 पर आ गया है. ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट में एकेडमिक पद भरने में हिमाचल का आंकड़ा शतप्रतिशत रहा है.

Intro:देश का दूसरा सबसे साक्षर राज्य स्कूलों में बच्चों को क़्वालिटी एजुकेशन देने में पिछड़ गया हैं । हिमाचल के स्कूलों में छात्रों को क्वालिटी एजुकेशन नहीं मिल पा रही है यही वजह है कि देश भर के 20 राज्यों में हिमाचल गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने में नौवें स्थान पर रहा है जबकि केरल ने पहला, राज्यस्थान ने दूसरा ओर कर्नाटक ने तीसरा स्थान शिक्षा से जुड़े हर क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन के लिए मिला है। नीति आयोग की ओर से जारी स्कूल एजुकेशन क्वालिटी इंडेक्स में इस बात का खुलासा हुआ है कि हिमाचल का गुणात्मक शिक्षा से जुड़े मानकों का आकड़ा कुल 56 फीसदी है जबकि केरल का यह आंकड़ा 76.6 फीसदी है।


Body:बता दे की नीति आयोग की ओर से स्कूल एजुकेशन क्वालिटी इंडेक्स जारी किया गया हैं,जिसमें देशभर के 20 राज्यों की स्टडी की गई है। इसमें सभी राज्यों की सूची में हिमाचल को नौवां स्थान मिला है। आयोग की ओर से जारी इस इंडेक्स में हिमाचल गुणात्मक शिक्षा में तो पिछड़ा ही है लेकिन इसके साथ ही हिमाचल के ओवरऑल परफॉर्मेंस रैंक में भी गिरावट आई है। वर्ष 2015-16 में हिमाचल का ओवरऑल परफॉर्मेंस रैंक की प्रतिशतता 58.1 थी और वर्ष 2016-17 में इसमें 4 फीसदी की ही बढ़ोतरी हुई और यह 62.8 पर पहुंची जिससे इंडेक्स में नीति आयोग ने डाउनफॉल के रूप में दर्शाया है। वहीं केरल को गुणवत्ता इंडेक्स के सभी मानकों पर खरा उतरा है उसके रैंक में ना कमी आई है और ना ही भारी बढ़ोतरी दर्ज हुई है। केरल ने अपनी रैंकिंग को स्थिर रखा है। यह वर्ष 2015-16 में रैंकिंग की प्रतिशतता 77.6 थी जिसके बाद वर्ष 2016-17 में यह बढ़कर 82.24 रही यानी । इसके अलावा हिमाचल में आउटकम कैटेगरी में 67 फीसदी,लर्निंग आउटकम डोमेन में 42 फ़ीसदी,एक्सेस आउटकम डोमेन में 88 फीसदी,इंफ्रास्ट्रक्चर एंड फैसिलिटी फ़ॉर आउटकम डोमेन 69, इक्विटी आउटकम डोमेन में हिमाचल को 62 फीसदी पर आंका गया है।


Conclusion:निति आयोग के इस स्कूल एजुकेशन क्वालिटी इंडेक्स को लेकर सर्व शिक्षा अभियान के परियोजना निदेशक आशीष कोहली का कहना है कि इस इंडेक्स में जिन- जिन मानकों पर हम पिछड़े है उन पर नई-नई योजनाएं बनाकर काम किया जा रहा है। लर्निंग आउटकम को बेहतर करने के लिए नई-नई योजनाएं लाई जा रही है। वहीं शिक्षा की गुणवत्ता के स्तर को बढ़ाने के लिए भी काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस इंडेक्स में हिमाचल कुछ एक मानकों पर सबसे आगे भी रहा है। जिसमें वोकेशनल शिक्षा शामिल है।वोकेशनल शिक्षा को अधिक से अधिक स्कूलों में शुरु करने में हिमाचल सबसे बेहतर काम कर रहा है। इस इंडेक्स के लिए वर्ष 2015-16 ओर 2016-17 के डाटा को आधार बनाया गया हैं।

यहां रहा बेहतर प्रदर्शन

हिमाचल का नीति आयोग के स्कूल एजुकेशन क्वालिटी इंडेक्स में कुछ एक मानकों पर अनये5 राज्यों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन रहा है। इसमें वोकेशनल एजुकेशन में हिमाचल वर्ष 2015-16 में 13.2 पर था वर्ष 2016-17 में यह आंकड़ा 20 फीसदी पर पहुंच गया है। वहीं हिमाचल में ऐसे स्कूलो की संख्या में भी कमी आई है जिनमें मात्र एक ही शिक्षक नियुक्त है। यह आंकड़ा 8.2 से 6.7 पर आ गया है। ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट में एकेडमिक पद भरने में हिमाचल का आंकड़ा शतप्रतिशत रहा है।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.