शिमलाः कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए सरकार की ओर से लगाए गए कोरोना कर्फ्यू से कांग्रेस ने असहमति जताई है और सरकार को लॉकडाउन लगाने की सलाह दी है. कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने कहा है कि जयराम कैबिनेट में जो फैसले लिए हैं. वह अपने आप में विरोधाभास पैदा करते हैं.
कुलदीप राठौर ने कहा कि जब कोरोना कर्फ्यू लगाया तो धारा 144 लगाने का क्या मतलब है. एक तरफ बसें चल चल रही हैं, क्या उनमें कोरोना कर्फ्यू और धारा 144 लागू नहीं होगी, जबकि धारा 144 लगाने के बाद किसी जगह 5 या इससे ज्यादा लोग एकत्रित नहीं हो सकते हैं. कोरोना कर्फ्यू के लिए कांग्रेस की सहमति नहीं थी.
कोरोना को लेकर सरकार को कड़े कदम उठाने की जरूरत
कुलदीप राठौर ने कहा कि यह कोरोना की लहर नहीं बल्कि सुनामी है. इसलिए सरकार को जो कड़े कदम उठाने की जरूरत है. वो उठाए जाने चाहिए. साथ में सरकार प्रदेश के मजदूरों का भी ध्यान रखें व उनके लिए कुछ आर्थिक पैकेज दें. राठौर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी सम्पूर्ण लॉकडाउन के पक्ष में हैं. इसलिए देश में सम्पूर्ण लॉकडाउन लगना चाहिए.
पश्चिम बंगाल के चुनावों में बीजेपी ने बड़ी रैलियां करवाकर कोरोना को बढ़ाया है. देश के कई राज्य ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस अव्यवस्था के लिए केवल मोदी सरकार ही जिम्मेदार है. यहां तक कि सर्वोच्च न्यायालय ने भी इस पर टिप्पणियां की हैं. इसलिए पीएम नरेंद्र मोदी को इसकी जिम्मेदारी लेकर पद से इस्तीफा देना चाहिए था.
सरकार कोरोना से निपटने के लिए उठाए जल्द कदम
राठौर का कहना है कि देश में टीकाकरण अभियान चल रहा है, लेकिन वैक्सीन की कमी बनी हुई है. इसके चलते भी वायरस फैल रहा है. बीजेपी सरकारों ने फिजूलखर्ची की है. बीजेपी को 3000 करोड़ की मूर्ति बनाने की क्या जरूरत थी, जबकि कोरोना जैसी महामारी से निपटने के लिए आपके पास नीति नहीं है. राठौर ने जयराम सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार कोरोना से निपटने के लिए जल्द कदम उठाए.
वहीं, राठौर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने कोरोना हेल्पलाइन जारी किए हैं और इस मुश्किल वक्त में कांग्रेस पार्टी जनता के साथ है. उन्होंने फिर दोहराया कि कोरोना कर्फ्यू के लिए कांग्रेस की सहमति नहीं थी.
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