शिमला: हिमाचल में लोकसभा चुनाव से पूर्व सुखविंदर सिंह सुक्खू कैबिनेट का विस्तार करीब-करीब तय है. दिल्ली में मुख्यमंत्री की हाईकमान के साथ निरंतर बैठकों के बाद कम से कम दो नामों पर सहमति बन गई है. संभवत: एक सीट अभी खाली रखी जाए. मंगलवार को दिल्ली गए सीएम सुखविंदर सिंह के हाईकमान के साथ एक के बाद एक चर्चा के दौर चले. उसमें कैबिनेट विस्तार पर करीब-करीब सहमति बन गई है.
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के करीबी और घुमारवीं के विधायक राजेश धर्माणी का मंत्री पद लगभग पक्का है. वैसे तो राजेश धर्माणी का नाम शुरू से ही मंत्री पद के लिए आगे था, लेकिन तत्कालीन परिस्थितियां ऐसी बनीं कि उनकी दावेदारी वेट एंड वॉच में चली गई. उधर, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े चाहते हैं कि कैबिनेट में यादवेंद्र गोमा को शामिल किया जाए. कैबिनेट में अनुसूचित जाति से एक और पद की जरूरत बताई जा रही है.
अब पेंच ये है कि तीसरी झंडी किसे दी जाए. इसके लिए कई नाम कतार में हैं. कांगड़ा सबसे बड़ा जिला है और यहां से सुधीर शर्मा की दावेदारी आरंभ से ही चर्चा में थी. सियासी घटनाक्रम कुछ ऐसा घूमा कि सुधीर शर्मा की दावेदारी नेपथ्य में चली गई. वहीं, वीरभद्र सिंह परिवार के बहुत करीबी राजेंद्र राणा एक चुनाव में प्रेम कुमार धूमल को हरा चुके हैं. उनके नाम को नजर अंदाज करना भी मुमकिन नहीं है. इंद्रदत्त लखनपाल की दावेदारी भी अपनी जगह है. इसके अलावा भवानी सिंह पठानिया भी कतार में हैं. अब कैबिनेट मंत्री की कुर्सी के तौर पर तीन ही नाम कंसीडर किए जा सकते हैं. ऐसे में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू व हाईकमान के बीच ये बात भी चर्चा में रही कि अभी तीनों पद भर दिए जाएं या फिर इंतजार किया जाए, लेकिन ये तय है कि अभी दो नाम तो फाइनल कर ही दिए गए हैं.
हिमाचल में भाजपा अभी से लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है. कांग्रेस को भी पहलकदमी करने की जरूरत है. इससे पहले कांग्रेस को कांगड़ा जिला को साधने की जरूरत है. प्रदेश के सबसे बड़े जिला कांगड़ा से अभी एक ही कैबिनेट मंत्री है. यदि संसदीय क्षेत्रों के लिहाज से देखा जाए तो कांगड़ा संसदीय सीट के हिस्से एक मंत्री और विधानसभा अध्यक्ष हैं. हमीरपुर संसदीय सीट से डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री हैं.
शिमला संसदीय सीट से हर्षवर्धन चौहान, रोहित ठाकुर, अनिरुद्ध सिंह, विक्रमादित्य सिंह, कर्नल धनीराम शांडिल का नाम है. जनजातीय जिला से जगत सिंह नेगी हैं. अब यदि कांगड़ा से यादवेंद्र गोमा को फाइनल किया जाता है तो सुधीर शर्मा के लिए राह कठिन हो जाएगी. इस तरह कांग्रेस के लिए कांगड़ा में परेशानी का आलम पैदा हो जाएगा. राजेश धर्माणी को एडजस्ट करना सीएम के लिए अधिक जरूरी है. राजेश धर्माणी काम में यकीन रखने वाले मृदु स्वभाव के राजनेता हैं. वहीं, राजेंद्र राणा को भी नजर अंदाज करना आसान नहीं है.
ऐसे में किसी एक को डिप्टी स्पीकर के रूप में मनाने की जरूरत है. इसके अलावा अन्य दावेदारों को चीफ व्हिप व डिप्टी चीफ व्हिप के लिए मनाया जा सकता है. खैर, सीएम सुखविंदर सिंह दिल्ली दौरे से वापिस आ गए हैं. वे शुक्रवार को सोलन में मां शूलिनी मेले में शामिल हुए हैं. शनिवार को सचिवालय में हलचल होगी. इस बीच सीएम के दिल्ली दौरे के आउटकम से जुड़े सवाल पर कैबिनेट विस्तार का कोई पक्का संकेत जरूर सामने आएगा. अलबत्ता, ये जरूर है कि कैबिनेट विस्तार में किसी भी तरह की देरी न तो सीएम सुखविंदर सिंह के लिए सही है और न ही हाईकमान के लिए. आखिर, मिशन 2024 जो नजदीक आ रहा है.
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