शिमला: सुक्खू सरकार को बने हुए अभी 2 महीने का समय ही हुआ है लेकिन विपक्षी दल भाजपा ने सरकार पर ताबड़तोड़ हमले शुरू कर दिए हैं. पूर्व की भाजपा सरकार के कार्यकाल में खूले संस्थानों को बंद करने से लेकर कर्ज को लेकर सत्ता पक्ष एवं विपक्ष आमने-सामने हैं. शिमला में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने पत्रकार वार्ता की. उन्होंने प्रदेश की सुक्खू सरकार पर जोरदार हमला बोला. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने सत्ता में आने के लिए जो भी वादे प्रदेश की जनता के साथ किए थे वो अभी तक पूरे नहीं हुए. पहली कैबिनेट की बैठक में ओपीएस बहाल करने की बात कही थी लेकिन अभी तक कर्मचारी अधिसूचना का इंतजार कर रहे हैं. इसके साथ ही प्रदेश की महिलाओं और युवाओं के साथ इस सरकार ने धोखा किया है. पहले 30 लाख महिलाओं को 1500 रुपये प्रतिमाह देने की बात कही थी अब आठ लाख को देने की बात कही जा रही है. वहीं, एक लाख युवाओं को रोजगार देने का वादा किया लेकिन दो केबिनेट की बैठक में एक भी युवा को रोजगार देने की बात नहीं कही गई.
हिमाचल सरकार की दूसरी कैबिनेट से जनता को बहुत आस थी क्योंकि इन्होंने बड़े-बड़े वादे जनता से किए हैं. लेकिन कैबिनेट में कोई बड़ा कार्य नहीं हो पाया. कैबिनेट तो पूर्ण रूप से खाली निकली. कैबिनेट में केवल एक मामला पास हुआ कि सरकार दो हजार करोड़ का ऋण लेगी. हिमाचल प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कश्यप ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कबाड़ बिक्री की नई दरें तय हो चुकी हैं और अब तो क्रशर यूनियन भी बन चुकी है जिनके हर माह के दाम तय हो चुके हैं, इसका खुलासा हम जल्द करेंगे. उन्होंने कहा कि उद्योगपतियों के साथ लगातार सरकार के लोग बातचीत कर रहे हैं और उनके भी रेट तकरीबन तय हो चुके है. कांग्रेस इस मामले में टारगेट ओरिएंटेड सरकार है. 3 महीने होने को आए हैं और सरकार की कोई बड़ी उपलब्धि सामने नहीं आई. 25 जनवरी पर भी लोग और कर्मचारी घोषणाओं का इंतजार करते रहे पर सरकार ने कोई घोषणा नहीं की.
उन्होंने कहा कि सरकार के मुखिया केवल ऋण का रोना रो रहे हैं. इस सरकार के 3 महीने पूरे होने जा रहे हैं और अभी तक इस सरकार ने 4500 करोड़ का लोन ले लिया है. दिसंबर में 1000 करोड़, जनवरी में 1500 करोड़ और अब फरवरी में 2000 करोड़ का कर्ज सरकार लेने जा रही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार केवल भाजपा के किए हुए कामों की वाहवाही लूटने में लगी है. जितने भी प्रोजेक्ट कि बात कांग्रेस सरकार कर रही है वह सब भारतीय जनता पार्टी की सरकार के समय स्थापित किए गए थे. हाल ही में एफसीए और एफआरए का निर्णय सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिया गया है, इसमें हम स्पष्ट करना चाहेंगे कि भारतीय जनता पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को अच्छे से लड़ा, प्रधानमंत्री मोदी से तत्कालीन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर स्वयं मिले. एफसीए और एफआरए को हटाने की मांग उनके समक्ष रखी. आज जब फैसला सामने आया तो केवल समय का अभाव है कि कांग्रेसी सरकार सत्ता में थी पर परिश्रम तो भाजपा की सरकार ने ही किया था.
उन्होंने कहा कि हिमाचल में सीमेंट उद्योग 2 महीने से बंद पड़े हैं और हिमाचल सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रही है, इसमें भी सरकार की व्यवस्था पूरी तरह से फेल होती दिखाई दे रही है. उन्होंने कहा कि सरकार को इस मामले को सुलझाने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि ये सरकार ने बदला बदली की भावना से कार्य कर रही है. हिमाचल प्रदेश में 620 से अधिक सरकारी संस्थानों को कांग्रेस की सरकार ने बंद कर दिया गया. जिसका भाजपा मंडल स्तर पर विरोध कर रही है. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इस विरोध को और उग्र किया जाएगा.
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