शिमला: प्रदेश में कोरोना संक्रमण का खतरा अभी थमा नही है. मामलों में कमी आने के बाद कोरोना कर्फ्यू में कुछ ढील दी गई है. ढील के साथ सरकार ने नियमों का पालन करने की हिदायत दी है. भले ही सरकार ने अस्पताल, बाजारों समेत सार्वजनिक स्थानों पर भीड़ जमा ना करने के निर्देश दिए है, लेकिन लोग जमकर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ा रहे हैं.
वहीं, प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में मरीजों और तीमारदारों की संख्या रोजाना बढ़ रही है. आईजीएमसी में सबसे ज्यादा भीड़ पर्ची काउंटर पर रहती है. यहां पर सुबह ही लाेग कताराें में लग जाते हैं. ओपीडी के बाहर खासकर मेडिसन और ऑर्थाे ओपीडी, टेस्ट लैब के बाहर का भी कुछ यही हाल है. कई लोग यहां बिना मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग की अवहेलना करते हुए नजर आते हैं. इससे कोरोना संक्रमण के फैलने का खतरा बढ़ता जाता है.
तीन गुणा बढ़ी ओपीडी
भले ही अस्पताल प्रशासन ने यहां पर सुरक्षा कर्मचारी तैनात किए हैं, लेकिन भीड़ को काबू करना मुश्किल हो रहा है. आईजीएसी में बीते एक सप्ताह में ओपीडी में भीड़ तीन गुणा तक बढ़ गई है. जहां काेराेना कर्फ्यू की बंदिशाें में ओपीडी मात्र 500 से 600 तक ही पहुंच रही थी, अनलाॅक हाेते ही यह अब 1800 से 2000 तक पहुंच गई है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि आईजीएमसी में काेराेना काे हल्के में लेना कितना भारी पड़ सकता है. यहां पर मरीजाें के साथ-साथ उनके साथ आए तीमारदाराें के संक्रमित हाेने का भी डर बना हुआ है.
नियमों का पालन करने की हिदायत
आईजीएमसी के एमएस डॉ जनक राज ने बताया की अस्पताल में ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. कई जगह मरीजों तीमारदारों की भीड़ लगी रहती है. लापरवाही से कोरोना के मामले फिर बढ़ सकते हैं. उन्होंने हिदायत देते हुए कहा कि अस्पताल आने वाले लोग नियमों का पालन करें, मास्क लगा कर रखें, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें तभी कोरोना महामारी से बचा जा सकता है.
ये भी पढ़ें- बोथुआं गांव की महिला ने पहाड़ी से कूदकर दी जान, पति के साथ हुई थी कहासुनी