शिमला: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग नें ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से निजी सेवा प्रदाताओं की सहभागिता और निवेश को बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य में सहभागिता योजना शुरू की है.
इन योजनाओं के अंतर्गत सरकारी क्षेत्रीय अस्पताल और आंचलिक अस्पताल अथवा योजना के तहत खोले गए अन्य निजी अस्पताल के 10 किलोमीटर के दायरे से बाहर कोई भी निजी स्वास्थ्य संस्थान खोला जा सकता है.
बहु विशेषज्ञ अस्पताल खोलने के लिए दी जाने वाली अनुवृत्ति दो करोड़ के निवेश पर 25 फीसदी देने का प्रावधान है. जिसके साथ ही डेढ़ करोड़ रुपये पर पांच फीसदी ऋण तीन साल के लिए दिए जाएगा.
सीएमओ शिमला डॉ. नीरज मित्तल ने बताया कि सुपर स्पेशलिस्ट अस्पताल कहीं पर भी खोले जा सकते हैं. अब इसमें 10 किलोमीटर की शर्त लागू नहीं होगी. उन्होंने बताया कि इसके लिए 25 फीसदी सब्सिडी का प्रावधान है जो करोड़ रुपये के निवेश तक प्रदान की जाएगी.
डॉ. मित्तल ने बताया कि सुपर स्पेशलिस्ट अस्पताल के लिए 5 फीसदी सब्सिडी 3 करोड़ रुपए के लिए तीन साल के लिए दी जाएगी. सीएमओ ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य प्रदेशवासियों को उनके घर-द्वार अच्छी और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवाना है. जिससे मरीजों को इलाज के भटकना ना पड़े.