शिमला: स्वास्थ्य विभाग कर्मचारी महासंघ की वर्चुअल बैठक प्रदेश महासचिव दिलीप सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में हुई. बैठक में स्वास्थ्य कर्मियों का क्वारंटाइन पीरियड खत्म करने का विरोध किया. दिलीप सिंह ठाकुर ने कहा कि सरकार ने दिल्ली एम्स के निर्णय को आधार बनाकर यह फैसला लिया है. ये फैसला दुर्भाग्य पूर्ण और हैरान करने वाला है.
दिलीप सिंह ठाकुर ने कहा कि एम्स की तुलना हिमाचल प्रदेश से नहीं की जा सकती है. दोनों जगह ही अलग-अलग परिस्थितियां हैं. स्वास्थ्य विभाग के तमाम कर्मचारी अपनी जान जोखिम में डालकर सेवाएं दे रहे हैं. इन आदेशों से स्वास्थ्य कर्मचारियों के परिवार की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है. सरकार का तर्क है कि स्वास्थ्य कर्मियो को वैक्सीन लग चुकी है, यह तथ्य तर्कहीन है क्योंकि अभी तक कर्मचारियों के बच्चों और परिवार के अन्य सदस्यों को वैक्सीन नहीं लगी है.
क्या सरकार देगी गारंटी?
दिलीप सिंह ठाकुर ने कहा कि क्या सरकार यह गारंटी देगी कि स्वास्थ्य कर्मियों और उनके परिजनों को वैक्सीन लगने के बाद कोरोना नहीं होगा. उन्होंने कहा कि सरकार के इस निर्णय से स्वास्थ्य कर्मियों में भय का माहौल है. एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने सरकार से इस निर्णय को तुरंत वापस लेने की मांग उठाई है.
सरकार ने खत्म किया क्वारंटाइन पीरियड
बता दें कि अब सरकार ने कोरोना वार्ड में ड्यूटी दे रहे कर्मचारियों का 14 दिन का क्वारंटाइन पीरियड खत्म कर दिया है. इससे पहले कोरोना वार्ड में ड्यूटी देने वाले कर्मचारियों को 14 दिन क्वारंटाइन किया जाता था. सरकार का तर्क है कि स्वास्थ्य कर्मियों को वैक्सीन लग चुकी है. ऐसे में क्वारंटाइन की जरूरत नहीं है.
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