ETV Bharat / state

एचपी लोक सेवा आयोग की सदस्या के खिलाफ फेसबुक पोस्ट करने पर HC की रोक

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने देवाशीष भट्टाचार्य को लोक सेवा आयोग की सदस्य रचना गुप्ता व उनके परिवार के किसी भी सदस्य के खिलाफ फेसबुक व अन्य सोशल मीडिया पर  किसी भी तरह की पोस्ट डालने से रोकने के आदेश जारी किए हैं.

HC prohibits any Facebook post against  dr. rachna gupa
शिमला हाईकोर्ट.
author img

By

Published : Jan 3, 2020, 9:50 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने देवाशीष भट्टाचार्य को लोक सेवा आयोग की सदस्य रचना गुप्ता व उनके परिवार के किसी भी सदस्य के खिलाफ फेसबुक व अन्य सोशल मीडिया पलेटफॉर्म पर किसी भी तरह की पोस्ट डालने से रोकने के आदेश जारी किए हैं.

न्यायधीश चंद्र भूषन बारोवालिया ने प्रार्थी रचना गुप्ता द्वारा दायर आवेदन की सुनवाई के पश्चात उपरोक्त आदेश पारित किए. प्रार्थी ने देवाशीष भट्टाचार्य पर उनके व उनके परिवार के खिलाफ सोशल मीडिया के माध्यम से दुष्प्रचार करने पर रोक लगाने की गुहार लगाई थी जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया. गौरतलब है कि लोक सेवा आयोग की सदस्य रचना गुप्ता ने देवाशीष भट्टाचार्य पर फेसबुक व अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से अपने विरुद्ध झूठे व आधारहीन आरोप लगाने की शिकायत को लेकर हाईकोर्ट में मानहानि का मुकदमा दायर किया है.

वादी द्वारा प्रतिवादी के खिलाफ दायर मुकदमे में 1 करोड़ रुपये के मुआवजा की मांग की गई है. वादी डॉक्टर गुप्ता के अनुसार लोक सेवा आयोग में सदस्य के तौर पर नियुक्ति के तत्काल बाद लगातार उन पर फेसबुक व अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से गैरजिम्मेदाराना व अभद्र टिप्पणियां की गयी. कई महीनों तक फेसबुक पर इन टिप्पणियों का क्रम जारी रहा जिससे उनकी छवि को आघात पहुंचा.

वादी का आरोप है कि प्रतिवादी ने जानबूझ कर उनका व उनके पति का नाम बदनाम करने की कोशिश की. फेसबुक पर अपने ऊपर लिखे कमेंट पर डॉक्टर गुप्ता ने देवाशीष पर हाई कोर्ट में 1 करोड़ रुपये की मानहानि का मुकदमा कायम किया है. वादी के अनुसार वह प्रदेश की वरिष्ठ पत्रकार रही है और आयोग में नियुक्ति से पहले उन्होंने पत्रकारिता में कई इनाम प्राप्त किये. समाज में उनकी अच्छी खासी प्रतिष्ठा है. वादी के अनुसार देवाशीष भट्टाचार्य ने सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की इसलिए प्रतिवादी के खिलाफ 1 करोड़ रुपये की मानहानि का मुकदमा दायर किया गया है.

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने देवाशीष भट्टाचार्य को लोक सेवा आयोग की सदस्य रचना गुप्ता व उनके परिवार के किसी भी सदस्य के खिलाफ फेसबुक व अन्य सोशल मीडिया पलेटफॉर्म पर किसी भी तरह की पोस्ट डालने से रोकने के आदेश जारी किए हैं.

न्यायधीश चंद्र भूषन बारोवालिया ने प्रार्थी रचना गुप्ता द्वारा दायर आवेदन की सुनवाई के पश्चात उपरोक्त आदेश पारित किए. प्रार्थी ने देवाशीष भट्टाचार्य पर उनके व उनके परिवार के खिलाफ सोशल मीडिया के माध्यम से दुष्प्रचार करने पर रोक लगाने की गुहार लगाई थी जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया. गौरतलब है कि लोक सेवा आयोग की सदस्य रचना गुप्ता ने देवाशीष भट्टाचार्य पर फेसबुक व अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से अपने विरुद्ध झूठे व आधारहीन आरोप लगाने की शिकायत को लेकर हाईकोर्ट में मानहानि का मुकदमा दायर किया है.

वादी द्वारा प्रतिवादी के खिलाफ दायर मुकदमे में 1 करोड़ रुपये के मुआवजा की मांग की गई है. वादी डॉक्टर गुप्ता के अनुसार लोक सेवा आयोग में सदस्य के तौर पर नियुक्ति के तत्काल बाद लगातार उन पर फेसबुक व अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से गैरजिम्मेदाराना व अभद्र टिप्पणियां की गयी. कई महीनों तक फेसबुक पर इन टिप्पणियों का क्रम जारी रहा जिससे उनकी छवि को आघात पहुंचा.

वादी का आरोप है कि प्रतिवादी ने जानबूझ कर उनका व उनके पति का नाम बदनाम करने की कोशिश की. फेसबुक पर अपने ऊपर लिखे कमेंट पर डॉक्टर गुप्ता ने देवाशीष पर हाई कोर्ट में 1 करोड़ रुपये की मानहानि का मुकदमा कायम किया है. वादी के अनुसार वह प्रदेश की वरिष्ठ पत्रकार रही है और आयोग में नियुक्ति से पहले उन्होंने पत्रकारिता में कई इनाम प्राप्त किये. समाज में उनकी अच्छी खासी प्रतिष्ठा है. वादी के अनुसार देवाशीष भट्टाचार्य ने सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की इसलिए प्रतिवादी के खिलाफ 1 करोड़ रुपये की मानहानि का मुकदमा दायर किया गया है.

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने देवाशीष भट्टाचार्य को लोक सेवा आयोग की सदस्य रचना गुप्ता व उनके परिवार के किसी भी सदस्य के खिलाफ फेसबुक व अन्य सोशल मीडिया पर  किसी भी तरह की पोस्ट डालने से रोकने के आदेश जारी किए। न्यायधीश चंद्र भूषन बारोवालिया ने प्रार्थी रचना गुप्ता द्वारा दायर आवेदन की सुनवाई के पश्चात उपरोक्त आदेश पारित किए। प्रार्थी ने देवाशीष भट्टाचार्य पर उनके व उनके परिवार के खिलाफ सोशल मीडिया के माध्यम से दुष्प्रचार करने पर रोक लगाने की गुहार लगाई थी जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। गौरतलब है कि लोक सेवा आयोग की सदस्य रचना गुप्ता ने देवाशीष भट्टाचार्य पर फेसबुक व अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से अपने विरुद्ध झूठे व आधारहीन आरोप लगाने की शिकायत को लेकर हाईकोर्ट में मानहानि का मुकदमा दायर किया है। वादी द्वारा प्रतिवादी के खिलाफ दायर मुकदमे में 1 करोड़ रुपये के मुआवजा की मांग की गई है। वादी डॉक्टर गुप्ता के अनुसार लोक सेवा आयोग में सदस्य के तौर पर नियुक्ति के तत्काल बाद लगातार उन पर फेसबुक व अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से गैरजिम्मेदाराना व अभद्र टिप्पणियां की गयी। कई महीनों तक फेसबुक पर इन टिप्पणियों का क्रम जारी रहा जिससे उनकी छवि को आघात पहुंचा। वादी का आरोप है कि प्रतिवादी ने जानबूझ कर उनका व उनके पति का नाम बदनाम करने की कोशिश की। फेसबुक पर अपने ऊपर लिखे कमेंट पर डॉक्टर गुप्ता ने देवाशीष पर हाई कोर्ट में 1 करोड़ रुपये की मानहानि का मुकदमा कायम किया है। वादी के अनुसार वह प्रदेश की वरिष्ठ पत्रकार रही है और आयोग में नियुक्ति से पहले उन्होंने पत्रकारिता में कई इनाम प्राप्त किये। समाज में उनकी अच्छी खासी प्रतिष्ठा है। वादी के अनुसार देवाशीष भट्टाचार्य ने सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की इसलिए प्रतिवादी के खिलाफ 1 करोड़ रुपये की मानहानि का मुकदमा दायर किया गया है।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.