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प्रदेश के कॉलेजों को MHRD की ओर से बड़ा झटका, RUSA के तहत सिर्फ एक कॉलेज को मिली ग्रांट - रूसा का बजट

प्रदेश को इस बार राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा के तहत मात्र दो करोड़ का बजट मिल पाया है. केंद्र सरकार की ओर से पहले जहां एक साथ कई कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को रूसा के तहत करोड़ों की ग्रांट जारी की जाती रही है. वहीं, इस बार सिर्फ एक कॉलेज को दो करोड़ की ग्रांट जारी की गई है.

RUSA के तहत सिर्फ एक कॉलेज को मिली ग्रांट.
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Published : Sep 11, 2019, 1:09 AM IST

शिमला: एमएचआरडी से ग्रांट के रूप में करोड़ों की आस लगाए बैठे कॉलेज प्रशासनों को कम ग्रांट मिलने से बड़ा झटका लगा है. प्रदेश के कुछ एक कॉलेज ऐसे थे जो कॉलेजों में विकासात्मक कार्यों के लिए रूसा की ग्रांट का इंतजार कर रहे थे, लेकिन मात्र एक ही कॉलेज को इस बार यह ग्रांट जारी की गई है.

Grant issued by MHRD to colleges
RUSA के तहत सिर्फ एक कॉलेज को मिली ग्रांट.

सोमवार को दिल्ली में आयोजित रूसा की पैब की बैठक में प्रदेश के शिक्षण संस्थानों को राशि मंजूर की गई है. बैठक में शिमला जिला के ठियोग कॉलेज के लिए दो करोड़ की ग्रांट जारी की गई है. इस बार प्रदेश के कॉलेजों को ग्रांट जारी न होने का मुख्य कारण नैक की एक्रीडेशन भी बताई जा रही है. प्रदेश में बहुत से कॉलेज नैक से मान्यता प्राप्त नहीं है. ऐसे में नियमों के तहत इन कॉलेजों को रूसा की ग्रांट जारी नहीं की गई है. वहीं, कुछ कॉलेजों द्वार रूसा के तहत पहले जारी की गई ग्रांट का सही तरीके से इस्तेमाल न करने के चलते भी एमएचआरडी की ओर से आगामी ग्रांट भी जारी नहीं की गई है.

Grant issued by MHRD to colleges
RUSA के तहत सिर्फ एक कॉलेज को मिली ग्रांट.

जानकारी के तहत प्रदेश के 60 से अधिक कॉलेजों को इस बार रूसा से ग्रांट मिलनी थी. इनमें नैक से मान्यता प्राप्त कॉलेज भी शामिल थे. बताया जा रहा है कि प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की बैठक में रूसा का बजट सही तरीके से खर्च न करने पर प्रदेश शिक्षा विभाग को फटकार भी लगाई गई है. बैठक में समय से ग्रांट का यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट भेजने के निर्देश जारी किए गए हैं, जिससे कि आगामी ग्रांट समय से जारी की जा सके.

बता दें कि रूसा के दो चरणों में अभी तक प्रदेश को 300 करोड़ के करीब ग्रांट जारी की जा चुकी है. इस बजट से प्रदेश के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ अन्य विकास कार्य किए गए हैं. अब जब वर्ष 2020 में रूसा का तीसरा चरण शुरू होने पर शिक्षा विभाग को अच्छे बजट की उम्मीद थी, लेकिन बजट न मिलने से शिक्षा विभाग और कॉलेजों को झटका लगा है. वहीं शिक्षा विभाग के अधिकारियों का तर्क है कि एमएचआरडी ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही प्रदेश के कॉलेजों को रूसा के तहत बजट जारी किया जाएगा.

शिमला: एमएचआरडी से ग्रांट के रूप में करोड़ों की आस लगाए बैठे कॉलेज प्रशासनों को कम ग्रांट मिलने से बड़ा झटका लगा है. प्रदेश के कुछ एक कॉलेज ऐसे थे जो कॉलेजों में विकासात्मक कार्यों के लिए रूसा की ग्रांट का इंतजार कर रहे थे, लेकिन मात्र एक ही कॉलेज को इस बार यह ग्रांट जारी की गई है.

Grant issued by MHRD to colleges
RUSA के तहत सिर्फ एक कॉलेज को मिली ग्रांट.

सोमवार को दिल्ली में आयोजित रूसा की पैब की बैठक में प्रदेश के शिक्षण संस्थानों को राशि मंजूर की गई है. बैठक में शिमला जिला के ठियोग कॉलेज के लिए दो करोड़ की ग्रांट जारी की गई है. इस बार प्रदेश के कॉलेजों को ग्रांट जारी न होने का मुख्य कारण नैक की एक्रीडेशन भी बताई जा रही है. प्रदेश में बहुत से कॉलेज नैक से मान्यता प्राप्त नहीं है. ऐसे में नियमों के तहत इन कॉलेजों को रूसा की ग्रांट जारी नहीं की गई है. वहीं, कुछ कॉलेजों द्वार रूसा के तहत पहले जारी की गई ग्रांट का सही तरीके से इस्तेमाल न करने के चलते भी एमएचआरडी की ओर से आगामी ग्रांट भी जारी नहीं की गई है.

Grant issued by MHRD to colleges
RUSA के तहत सिर्फ एक कॉलेज को मिली ग्रांट.

जानकारी के तहत प्रदेश के 60 से अधिक कॉलेजों को इस बार रूसा से ग्रांट मिलनी थी. इनमें नैक से मान्यता प्राप्त कॉलेज भी शामिल थे. बताया जा रहा है कि प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की बैठक में रूसा का बजट सही तरीके से खर्च न करने पर प्रदेश शिक्षा विभाग को फटकार भी लगाई गई है. बैठक में समय से ग्रांट का यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट भेजने के निर्देश जारी किए गए हैं, जिससे कि आगामी ग्रांट समय से जारी की जा सके.

बता दें कि रूसा के दो चरणों में अभी तक प्रदेश को 300 करोड़ के करीब ग्रांट जारी की जा चुकी है. इस बजट से प्रदेश के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ अन्य विकास कार्य किए गए हैं. अब जब वर्ष 2020 में रूसा का तीसरा चरण शुरू होने पर शिक्षा विभाग को अच्छे बजट की उम्मीद थी, लेकिन बजट न मिलने से शिक्षा विभाग और कॉलेजों को झटका लगा है. वहीं शिक्षा विभाग के अधिकारियों का तर्क है कि एमएचआरडी ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही प्रदेश के कॉलेजों को रूसा के तहत बजट जारी किया जाएगा.

Intro:इस बार प्रदेश को राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा के तहत मात्र 2 करोड़ का बजट मिल पाया है। केंद्र सरकार की ओर से पहले जहां एक साथ क़ई कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को रूसा की करोड़ो की ग्रांट जारी की जाती रही है वहीं इस बार मात्र एक ही कॉलेज को रूसा की यह दो करोड़ की ग्रांट जारी की गई है। ग्रांट के रूप में मात्र 2 करोड़ मिलने से प्रदेश के उन कॉलेजों को बढ़ा झटका लगा है जिन्हें उम्मीद थी कि रूसा के तहत इस बार उन्हें करोड़ो की ग्रांट जारी की जाएगी। प्रदेश के कुछ एक कॉलेज ऐसे थे जो कॉलेजों में विकासात्मक कार्यों के लिए रूसा की ग्रांट का इंतजार कर रहे थे लेकिन एमएचआरडी से मात्र एक ही कॉलेज को इस बार यह ग्रांट जारी की गई है।


Body:सोमवार को दिल्ली में आयोजित रूसा की पेब की बैठक में पहली बार इतनी कम राशि प्रदेश के शिक्षण संस्थानों को देनी मंजूर की गई है। शिमला जिला के ठियोग कॉलेज के लिए यह ग्रांट जारी की गई है। इस बार प्रदेश के कॉलेजों को ग्रांट जारी ना होने के पीछे नैक की एक्रीडेशन भी बाधा बनी है। प्रदेश में बहुत से कॉलेज नैक से मान्यता प्राप्त नहीं है ऐसे में नियमों के तहत इन कॉलेजों को रूसा की ग्रांट जारी नहीं की गई है। वहीं कुछ कॉलेजों को रूसा के तहत पहले जारी की गई ग्रांट का सही तरीके से इस्तेमाल ना करने के चलते भी एमएचआरडी की ओर से आगामी ग्रांट भी जारी नहीं की गईं है।


Conclusion:जानकारी के तहत प्रदेश के 60 से अधिक कॉलेजों को इस बार रूसा से ग्रांट मिलनी थी। इसमें कुछ ऐसे कॉलेज भी शामिल थे जिन्होंने नैक से मान्यता भी ले ली थी लेकिन उन्हें भी बजट नहीं मिल पाया। बताया जा रहा है कि प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की बैठक में रूसा का बजट सही तरीके से खर्च ना करने पर प्रदेश शिक्षा विभाग को फटकार भी लगाई गई है। निर्देश जारी किए गए है कि समय से ग्रांट का यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट भेजे जिससे कि आगामी ग्रांट समय से जारी की जा सके। बता दे की रूसा के दो चरणों में अभी तक प्रदेश को 300 करोड़ के करीब ग्रांट जारी की जा चुकी है। इस बजट से प्रदेश के कॉलेजों के साथ ही विश्वविद्यालयों में भी इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ ही अन्य विकास कार्य किए गए है। अब जब वर्ष 2020 में रूसा का तीसरा चरण शुरू होना था तो ऐसे में शिक्षा विभाग को यह उम्मीद थी कि रूसा के दूसरे चरण की ग्रांट एमएचआरडी की ओर से जारी की जाएगी,लेकिन बजट ना मिलने से शिक्षा विभाग और कॉलेजों को झटका लगा है। वहीं शिक्षा विभाग के अधिकारियों का तर्क है कि एमएचआरडी ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही प्रदेश के कॉलेजों को रूसा के तहत बजट जारी किया जाएगा।
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