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प्रदेश में अब ग्रेजुएट कॉन्स्टेबल निभाएंगे इन्वेस्टीगेशन ऑफिसर की भूमिका, अधिसूचना जारी

हिमाचल प्रदेश में अब ग्रेजुएट कॉन्स्टेबल भी आईओ यानी इन्वेस्टीगेशन ऑफिसर बन गए हैं. ग्रेजुएट डिग्री वाले कांस्टेबल मामले की जांच कर सकते हैं. इसके लिए सरकार ने अधिसूचना भी जारी कर दी है.

प्रदेश में अब ग्रेजुएट कॉन्स्टेबल निभाएंगे इन्वेस्टीगेशन ऑफिसर की भूमिका
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Published : Feb 22, 2019, 11:42 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में अब ग्रेजुएट कॉन्स्टेबल भी आईओ यानी इन्वेस्टीगेशन ऑफिसर बन गए हैं. ग्रेजुएट डिग्री वाले कांस्टेबल मामले की जांच कर सकते हैं. इसके लिए सरकार ने अधिसूचना भी जारी कर दी है.

graduate constables will be appointed as IO in hp
प्रदेश में अब ग्रेजुएट कॉन्स्टेबल निभाएंगे इन्वेस्टीगेशन ऑफिसर की भूमिका

बता दें कि इससे पहले एएसआई, एसएचओ समेत इससे ऊपर के रैंक के अधिकारी ही मामले की जांच करते थे. अब ग्रेजुएट डिग्री वाले कॉन्स्टेबल भी मामले की जांच कर सकेंगे. सरकार द्वारा लिए गए इस निर्णय अब सभी थाने व चौकियों में काम करना भी आसान हो जाएगा. इसके लिए सरकार ने शर्तें भी रखी हैं कि ये कॉन्स्टेबल सिर्फ 3 साल से कम की सजा वाले मामलों में ही जांच करेंगे, जबकि बड़े मामले थाना प्रभारी और चौकी प्रभारी समेत बड़े अधिकारियों को खुद ही देखने होंगे.

गौरतलब है कि हिमाचल में कार्यरत अधिकतर पुलिस कॉन्स्टेबल उच्च शिक्षा प्राप्त हैं. ऐसे में अब पुलिस फोर्स को प्रोफेशनल बनाया गया है. इससे कॉन्स्टेबलों का सशक्तिकरण होगा.

शिमला: हिमाचल प्रदेश में अब ग्रेजुएट कॉन्स्टेबल भी आईओ यानी इन्वेस्टीगेशन ऑफिसर बन गए हैं. ग्रेजुएट डिग्री वाले कांस्टेबल मामले की जांच कर सकते हैं. इसके लिए सरकार ने अधिसूचना भी जारी कर दी है.

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प्रदेश में अब ग्रेजुएट कॉन्स्टेबल निभाएंगे इन्वेस्टीगेशन ऑफिसर की भूमिका

बता दें कि इससे पहले एएसआई, एसएचओ समेत इससे ऊपर के रैंक के अधिकारी ही मामले की जांच करते थे. अब ग्रेजुएट डिग्री वाले कॉन्स्टेबल भी मामले की जांच कर सकेंगे. सरकार द्वारा लिए गए इस निर्णय अब सभी थाने व चौकियों में काम करना भी आसान हो जाएगा. इसके लिए सरकार ने शर्तें भी रखी हैं कि ये कॉन्स्टेबल सिर्फ 3 साल से कम की सजा वाले मामलों में ही जांच करेंगे, जबकि बड़े मामले थाना प्रभारी और चौकी प्रभारी समेत बड़े अधिकारियों को खुद ही देखने होंगे.

गौरतलब है कि हिमाचल में कार्यरत अधिकतर पुलिस कॉन्स्टेबल उच्च शिक्षा प्राप्त हैं. ऐसे में अब पुलिस फोर्स को प्रोफेशनल बनाया गया है. इससे कॉन्स्टेबलों का सशक्तिकरण होगा.

हिमाचल प्रदेश में अब ग्रेजुवेट कांस्टेबल भी बन सकेंगे आइओ
शिंमला।
हिमाचल प्रदेश में अब ग्रेजुवेट कांस्टेबल भी (आई.ओ.) यानी इन्वेस्टीगेशन ऑफिसर बन गए है। जिस भी कांस्टेबल के पास ग्रेजुवेट की डिग्री है वे मामले की जांच कर सकते है। इसमें सरकार ने शर्ते यह भी रखी है कि यह कांस्टेबल सिर्फ 3 साल से कम की सजा वाले मामलों में ही जांच कर सकेंगे। बाकि बड़े मामले थाना प्रभारी और चौकी प्रभारी सहित इससे ऊपर के अधिकारियों को स्वयं देखने होगे। सरकार ने कांस्टेबल को आई.ओ. बनाने को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है। इससे पहले ए.एस.आई., एस.एच.ओ. सहित इससे ऊपर के रैंक के अधिकारी ही मामले की जांच करते थे, लेकिन सरकार ने ग्रेजुएट कांस्टेबल को आई.ओ. बनने शक्तियां प्रदान कर दी है। सरकार द्वारा लिए गए इस निर्णय अब सभी थाने व चौकियों में काम करना भी आसान हो जाएगा। इससे पहले जब एस.एच.ओ. और ए.एस.आई. मामले की जांच करते थे तो उनके पास कार्य अधिक हो जाता था। छोटे-छोटे मामलों को भी ए.एस.आई. और एस.एच.ओ. को ही निपटाने पड़ते थे। ऐसे में मामलों को निपटाने में उन्हें अधिक समय लग जाता था। थाना और चौकी प्रभारी अब छोटे मामले की जांच ग्रेजुएट कांस्टेबल से करवा सकते है। यहां पर सबसे बड़ी बात तो यह है कि पहले थानों में मामले में लंबित में पड़े रहते थे। ऐसे में अब थानों मामले को शीघ्र अति शीघ्र ही निपटाएं जाएगे। ग्रेजुएट कांस्टेबल को आई.ओ. बनने की शक्तियां प्रदान करने से उनका रूतवा बढ़ गया है। इन्हें सामाज में पहले से अधिक मान सममान मिला है। अनुभवन बनने के साथ ही उन्हें बड़े केस भी दिए जा सकते है, फिलहाल सरकार के दिशानिर्देनुसार छोटे केसों में ही कार्रवाई करेंगे।हिमाचल में कार्यरत अधिकतर पुलिस कांस्टेबल उच्च शिक्षा प्राप्त है। ऐसे में अब पुलिस फोर्स को प्रोफेशनल बनाया गया है। इससे कांस्टेबलों का सशक्तिकरण होगा।


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