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पावर कॉन्क्लेव में 25 हजार करोड़ के 10 MoU साइन, 14,500 लोगों को मिलेगी नौकरी - एनटीपीसी

ग्लोबल इन्वेस्टर मीट से पहले हिमाचल सरकार ने बुधवार को शिमला में आयोजित पावर कॉनक्लेव में 25,772 करोड़ के निवेश के लिए 10 एमओयू साइन किए. इसमें एसजेवीएनएल के साथ सात, एनटीपीसी के साथ दो और एनएचपीसी के साथ एक एमओयू साइन हुआ.

Govt Sign 10 Mou's to invest 25 thousand cr in Himachal
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Published : Sep 25, 2019, 7:59 PM IST

Updated : Sep 25, 2019, 8:04 PM IST

शिमला: प्रदेश सरकार द्वारा आगामी 7 से 8 नवंबर 2019 को धर्मशाला में प्रस्तावित 'ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट' को सफल बनाने के लिए शिमला में बहुउद्देशीय परियोजना एवं ऊर्जा विभाग द्वारा पावर कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया.

इस कॉन्क्लेव में जल विद्युत परियोजनाओं के लिए 10 एमओयू हस्ताक्षरित किए गए, जिनमें 25,772 करोड़ रुपये का निवेश शामिल है. इससे 14,500 लोगों को रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे. इन नौकरियों में 70 फीसदी पद हिमाचलियों के लिए आरक्षित होंगे.

इन बिजली परियोजनाओं को सभी मंजूरियां मिलने के बाद पांच से छह साल के भीतर उत्पादन शुरू करना होगा. परियोजनाओं के शुरू होते ही हिमाचल में 2,927 मेगावाट बिजली उत्पादन बढ़ जाएगा.

पावर कॉन्क्लेव की जानकारी देते मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर.

ये परियोजनाएं लाहौल-स्पीति, किन्नौर, चंबा, कुल्लू, मंडी, शिमला और हमीरपुर जिलों में चिनाब, सतलुज, रावी बेसिन पर स्थापित होंगी. प्रदेश सरकार ने छह एमओयू कानूनी दस्तावेजों और चार एमओयू औद्योगिक दस्तावेजों पर साइन किए.

एसजेवीएनएल ने साइन किए सबसे अधिक एमओयू
प्रदेश में मिनीरत्न के नाम से प्रसिद्ध एसजेवीएनएल ने 1958 मेगावाट की क्षमता वाली सात जल विद्युत परियोजनाओं (HEP) के लिए एमओयू हस्ताक्षरित किए जिनमें लूहरी स्टेज-1, लूहरी स्टेज-2, धौलासिद्ध, जंगी थोपन, पोवारी, पुरथी, बरदंग शामिल हैं.

एनटीपीसी ने 520 मेगावाट की क्षमता की परियोजनाओं के लिए एमओयू हस्ताक्षरित किए जिसमें मियार तथा सैली जल विद्युत परियोजनाएं शामिल हैं. एनएचपीसी ने 449 मेगावाट की क्षमता वाली दुग्गर जल विद्युत परियोजना के लिए एमओयू हस्ताक्षरित किया.

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पावर कॉन्क्लेव में एमओयू साइन करते सीएम जयराम.

सबसे अधिक एमओयू साइन करने वाली एसजेवीएनएल 16,160 करोड़ का निवेश करते हुए प्रदेश में 1958 मेगावाट का बिजली उत्पादन करेगा.

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शिमला में आयोजित पावर कॉन्क्लेव.

'जल विद्युत परियोजना में अग्रणी राज्य होना गर्व की बात'
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने निवेशकों को संबोधित करते हुए कहा कि देश की तीन अग्रणी ऊर्जा एजेंसियां एसजेवीएनएल, एनटीपीसी, एनएचपीसी राज्य में पनबिजली का दोहन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं. उन्होंने कहा कि जल विद्युत परियोजना के क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश देश का एक अग्रणी राज्य होना गर्व की बात है.

सीएम ने कहा कि राज्य सरकार ऊर्जा क्षेत्र में निवेशकों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है. ग्लोबल इन्वेस्टर मीट के आयोजन का उद्देश्य राज्य के लिए निवेश आकर्षित करना है, जिससे राज्य में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा सके.

अब तक 75 हजार करोड़ के निवेश के लिए एमओयू साइन
इससे युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर भी मिलेंगे और राज्य की अर्थव्यवस्था में बदलाव आएगा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अब तक लगभग 75,700 करोड़ रुपये के 570 एमओयू पर हस्ताक्षर करने में सफल रही है, जिससे राज्य में प्रगति और समृद्धि के एक नए युग का उदय होगा.

Govt Sign 10 Mou's to invest 25 thousand cr in Himachal
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर.

बहुउद्देशीय परियोजना एवं ऊर्जा विभाग ने जल विद्युत परियोजनाओं के अतिरिक्त सौर ऊर्जा के क्षेत्र में तीन निजी कंपनियों के साथ भी 1,040 करोड़ रुपये के एमओयू हस्ताक्षरित किए हैं, जिससे 1500 लोगों को नौकरियां मिलेंगी.

कुल मिलाकर पावर कॉन्क्लेव में 26,812 करोड़ रुपये के निवेश के एमओयू हस्ताक्षरित किए गए. जिनसे 16,000 लोगों को नौकरियां मिलेंगी.

शिमला: प्रदेश सरकार द्वारा आगामी 7 से 8 नवंबर 2019 को धर्मशाला में प्रस्तावित 'ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट' को सफल बनाने के लिए शिमला में बहुउद्देशीय परियोजना एवं ऊर्जा विभाग द्वारा पावर कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया.

इस कॉन्क्लेव में जल विद्युत परियोजनाओं के लिए 10 एमओयू हस्ताक्षरित किए गए, जिनमें 25,772 करोड़ रुपये का निवेश शामिल है. इससे 14,500 लोगों को रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे. इन नौकरियों में 70 फीसदी पद हिमाचलियों के लिए आरक्षित होंगे.

इन बिजली परियोजनाओं को सभी मंजूरियां मिलने के बाद पांच से छह साल के भीतर उत्पादन शुरू करना होगा. परियोजनाओं के शुरू होते ही हिमाचल में 2,927 मेगावाट बिजली उत्पादन बढ़ जाएगा.

पावर कॉन्क्लेव की जानकारी देते मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर.

ये परियोजनाएं लाहौल-स्पीति, किन्नौर, चंबा, कुल्लू, मंडी, शिमला और हमीरपुर जिलों में चिनाब, सतलुज, रावी बेसिन पर स्थापित होंगी. प्रदेश सरकार ने छह एमओयू कानूनी दस्तावेजों और चार एमओयू औद्योगिक दस्तावेजों पर साइन किए.

एसजेवीएनएल ने साइन किए सबसे अधिक एमओयू
प्रदेश में मिनीरत्न के नाम से प्रसिद्ध एसजेवीएनएल ने 1958 मेगावाट की क्षमता वाली सात जल विद्युत परियोजनाओं (HEP) के लिए एमओयू हस्ताक्षरित किए जिनमें लूहरी स्टेज-1, लूहरी स्टेज-2, धौलासिद्ध, जंगी थोपन, पोवारी, पुरथी, बरदंग शामिल हैं.

एनटीपीसी ने 520 मेगावाट की क्षमता की परियोजनाओं के लिए एमओयू हस्ताक्षरित किए जिसमें मियार तथा सैली जल विद्युत परियोजनाएं शामिल हैं. एनएचपीसी ने 449 मेगावाट की क्षमता वाली दुग्गर जल विद्युत परियोजना के लिए एमओयू हस्ताक्षरित किया.

Govt Sign 10 Mou's to invest 25 thousand cr in Himachal
पावर कॉन्क्लेव में एमओयू साइन करते सीएम जयराम.

सबसे अधिक एमओयू साइन करने वाली एसजेवीएनएल 16,160 करोड़ का निवेश करते हुए प्रदेश में 1958 मेगावाट का बिजली उत्पादन करेगा.

Govt Sign 10 Mou's to invest 25 thousand cr in Himachal
शिमला में आयोजित पावर कॉन्क्लेव.

'जल विद्युत परियोजना में अग्रणी राज्य होना गर्व की बात'
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने निवेशकों को संबोधित करते हुए कहा कि देश की तीन अग्रणी ऊर्जा एजेंसियां एसजेवीएनएल, एनटीपीसी, एनएचपीसी राज्य में पनबिजली का दोहन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं. उन्होंने कहा कि जल विद्युत परियोजना के क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश देश का एक अग्रणी राज्य होना गर्व की बात है.

सीएम ने कहा कि राज्य सरकार ऊर्जा क्षेत्र में निवेशकों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है. ग्लोबल इन्वेस्टर मीट के आयोजन का उद्देश्य राज्य के लिए निवेश आकर्षित करना है, जिससे राज्य में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा सके.

अब तक 75 हजार करोड़ के निवेश के लिए एमओयू साइन
इससे युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर भी मिलेंगे और राज्य की अर्थव्यवस्था में बदलाव आएगा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अब तक लगभग 75,700 करोड़ रुपये के 570 एमओयू पर हस्ताक्षर करने में सफल रही है, जिससे राज्य में प्रगति और समृद्धि के एक नए युग का उदय होगा.

Govt Sign 10 Mou's to invest 25 thousand cr in Himachal
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर.

बहुउद्देशीय परियोजना एवं ऊर्जा विभाग ने जल विद्युत परियोजनाओं के अतिरिक्त सौर ऊर्जा के क्षेत्र में तीन निजी कंपनियों के साथ भी 1,040 करोड़ रुपये के एमओयू हस्ताक्षरित किए हैं, जिससे 1500 लोगों को नौकरियां मिलेंगी.

कुल मिलाकर पावर कॉन्क्लेव में 26,812 करोड़ रुपये के निवेश के एमओयू हस्ताक्षरित किए गए. जिनसे 16,000 लोगों को नौकरियां मिलेंगी.

Intro:Body:पावर काॅन्क्लेव में 3 पी.एस.यू. द्वारा 25,772 करोड़ रुपये के 10 एम.ओ.यू. हस्ताक्षरित

अब तक लगभग 75,700 करोड़ रुपये निवेश के 570 एम.ओ.यू. हस्ताक्षरित किए गएः मुख्यमंत्री

प्रदेश सरकार द्वारा आगामी 7 से 8 नवम्बर, 2019 को धर्मशाला में प्रस्तावित ‘ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट’ को सफल बनाने के लिए शिमला में बहुउद्देशीय परियोजना एवं ऊर्जा विभाग द्वारा पावर काॅन्क्लेव का आयोजन किया गया, जिसमें 2927 मैगावाट की क्षमता वाली जल विद्युत परियोजनाओं के लिए 10 एम.ओ.यू. हस्ताक्षरित किए गए, जिनमें 25,772 करोड़ रुपये का निवेश शामिल है। इससे 13,250 लोगों को रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने निवेशकों को संबोधित करते हुए कहा कि देश की तीन अग्रणी ऊर्जा एजेंसियां एसजेवीएनएल, एनटीपीसी, एनएचपीसी राज्य में पनबिजली का दोहन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने कहा कि जल विद्युत परियोजना के क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश देश का एक अग्रणी राज्य होना गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस क्षेत्र के महत्व को समझती है, क्योंकि यह न केवल राज्य की बिजली आवश्यकताओं को पूरा करता है, बल्कि पड़ोसी राज्यों को बिजली की आपूर्ति करने वाला राज्य भी है और प्रदेश के लिए राजस्व प्राप्ति का मुख्य साधन भी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ऊर्जा क्षेत्र में निवेशकों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर मीट के आयोजन का उद्देश्य राज्य के लिए निवेश आकर्षित करना है, जिससे राज्य में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा सके। उन्होंने कहा कि इससे युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर भी मिलेंगे और राज्य की अर्थव्यवस्था में बदलाव आएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अब तक लगभग 75,700 करोड़ रुपये के 570 एमओयू पर हस्ताक्षर करने में सफल रही है, जिससे राज्य में प्रगति और समृद्धि के एक नए युग का उदय होगा।

जय राम ठाकुर ने कहा कि इसके अतिरिक्त, प्रदेश में जल विद्युत परियोजनाओं की अधिक से अधिक स्थापना के लिए और इस क्षेत्र में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए नीतियों का सरलीकरण किया गया है तथा आबंटित परियोजनाओं के लिए 12 वर्षों की अवधि के लिए निशुल्क पाॅवर राॅयल्टी को स्थगित किया गया है। इसके अतिरिक्त अपफ्रंट प्रीमियम तथा केपेसिटी एडिशन चार्जिज में कमी से प्रदेश में हाईड्रो क्षेत्र में सततः विकास करने में सहायता मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश एक प्रकृति सुविधा सम्पन्न राज्य है, क्योंकि पांच नदियां बहने के कारण यहां 23500 मैगावाॅट से अधिक जल विद्युत ऊर्जा दोहन की क्षमता है। उन्होंने कहा कि राज्य में 1988 में ही ग्रामीण क्षेत्रों में शत-प्रतिशत विद्युत आपूर्ति प्रदान कर दी गई थी तथा आज प्रदेश ‘स्वच्छ एवं हरित ऊर्जा गंतव्य’ के रूप में जाना जाता है।

उन्होंने निवेशकों को धर्मशाला में 7 और 8 नवंबर, 2019 को आयोजित होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट के लिए राज्य सरकार की ओर से आमंत्रित किया।

जय राम ठाकुर ने रूफटाॅप सोलर पीवी (यूएसआरटीपीवी) के प्रसंस्करण के लिए आॅनलाइन पोर्टल यूनिफाइड सिंगल विंडो क्लीयरेंस पोर्टल का भी शुभारम्भ किया, जो उपभोक्ताओं को रूफटाॅप सौर प्रणाली के लिए आॅनलाइन आवेदन करने में सक्षम बनाएगा और प्रासंगिक हितधारक इस पोर्टल के माध्यम से आॅनलाइन आवेदन कर सकेंगे।

प्रदेश में मिनी रतना के नाम से प्रसिद्ध एस.जे.वी.एन.एल. ने 1958 मैगावाट की क्षमता वाली सात जल विद्युत परियोजनाओं (एच.ई.पी.) के लिए एम.ओ.यू. हस्ताक्षरित किए जिनमें लूहरी स्टेज-1, लूहरी स्टेज-2, धौलासिद्ध, जंगी थोपन, पोवारी, पुरथी, बरदंग शामिल हैं। एन.टी.पी.सी. ने 520 मैगावाट की क्षमता की परियोजनाओं के लिए एम.ओ.यू. हस्ताक्षरित किए जिसमें मियार तथा सैली जल विद्युत परियोजनाएं शामिल हैं। एन.एच.पी.सी. ने 449 मैगावाट की क्षमता वाली दुग्गर जल विद्युत परियोजना के लिए एम.ओ.यू. हस्ताक्षरित किया।

बहुउद्देशीय परियोजना एवं ऊर्जा विभाग ने जल विद्युत परियोजनाओं के अतिरिक्त सौर ऊर्जा के क्षेत्र में तीन निजी कम्पनियों के साथ भी 1040 करोड़ रुपये के एम.ओ.यू. हस्ताक्षरित किए है जिससे 1500 लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे। कुल 26,812 करोड़ रुपये के निवेश के एम.ओ.यू. हस्ताक्षरित किए गए जिनसे 16,000 लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे।Conclusion:
Last Updated : Sep 25, 2019, 8:04 PM IST
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