शिमला: हिमाचल सरकार प्रदेश को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए हर संभव कदम उठा रही है. इसी दिशा में प्रदेश सरकार ने रिसाइकल और नॉन रिसाइकल पैकेजिंग प्लास्टिक की खरीद योजना शुरू की है. सरकार ने इस योजना को बेहतर एवं राज्य को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए आम नागरिकों से सुझाव आमंत्रित किए हैं.
पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेशवासी अपने कीमती सुझाव माई गव पोर्टल पर दे सकते हैं. सुझाव भेजने की अंतिम तिथि 20 मार्च, 2020 निर्धारित की गई है. 2 अक्टूबर, 2019 को शुरू की गई प्लास्टिक वेस्ट खरीद योजना के अंतर्गत 75 रुपए प्रति किलोग्राम प्लास्टिक कचरा खरीदा जा रहा है. एकत्रित प्लास्टिक कचरा स्थानीय शहरी निकायों द्वारा निर्धारित एवं स्थापित केंद्रों में जमा करवाया जा सकता है.
इस योजना का लाभ राज्य के अधिकतर लोग उठा रहे हैं. इसके बावजूद जगह-जगह बिखरे प्लास्टिक की समस्या बनी हुई है. यही कारण है कि सरकार इस योजना को और सुदृढ़ बनाना चाहती है.खरीदे जाने वाला प्लास्टिक कचरा योजना के अंतर्गत स्थानीय परिवारों एवं पंजीकृत कूड़ा बीनने वालों से खरीदे जाने वाले प्लास्टिक कचरे का चयन किया गया है. इसके अंतर्गत ब्रेड, केक, बिस्किट, कुकीज, नमकीन, कुरकुरे, चिप्स, वैफर्स, कैंडीज, गद्दे, कपड़े, पनीर पफ्स, आइसक्रीम कैंडीज, नूडल्स, अनाज, कॉर्नफ्लेक्स, ब्रेकफास्ट इत्यादि वस्तुओं के पैकेजिंग में प्रयोग होने वाला प्लास्टिक कचरा है.
इसके अलावा अच्छी तरह से साफ और सूखा हुआ, विभिन्न प्रकार की तरह सामग्री जैसे दूध, तेल, शैंपू, हैंड वाश, लस्सी, दही, जूस इत्यादि के पाउच/पैकेजिंग में प्रयोग होने वाला प्लास्टिक कचरा है.
योजना के तहत न खरीदे जाने वाला प्लास्टिक कचरा
प्लास्टिक वेस्ट खरीद योजना के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के प्लास्टिक कचरे को नहीं खरीदा जाता है. उनमें प्लास्टिक फर्नीचर, रसोई के बर्तन, खिलौने, इलेक्ट्रॉनिक, विद्युत अपशिष्ट जैसे भारी प्लास्टिक अपशिष्ट पदार्थ शामिल हैं. इसके अलावा पेंट बोतलें, दवा, मिनरल वाटर की बोतलें, बाल्टी, मग, बायोमेडिकल वेस्ट बॉटल, प्लास्टिक डिब्बा, प्लास्टिक क्रॉकरी, जार, टिफिन, टॉयलेट यूटिलिटी वेस्ट आइटम और दूसरी पुनः चक्रित हो सकने वाली चीजें शामिल हैं.
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