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विवादित बयान से खफा किसान संगठनों ने किया बागवानी मंत्री का घेराव

बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर के सेब को सड़क के किनारे बेचने के बयान के बाद बागवानों में काफी नाराजगी है. शुक्रवार को ठियोग में मंत्री का घेराव कर किसान मोर्चा और संगठनों ने प्रदर्शन किया. जिससे एनएच 5 पर जाम की स्थिति पैदा हो गई है. बागवानों ने बागवानी मंत्री के समक्ष सेब के मूल्यों में गिरावट के कारण बागवानों को आ रही परेशानियों को खुलकर रखा.

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Published : Sep 3, 2021, 6:55 PM IST

शिमला: ठियोग में बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह के शिमला से पराला मंडी की ओर जा रहे काफिले को लोकनिर्माण विश्राम गृह के समक्ष किसान मोर्चा और संगठनों ने प्रदर्शन कर रोक लिया. कुछ देर एनएच पांच पर नारेबाजी चलती रही और मोर्चा के सदस्य मंत्री के काफिले के सामने डटे रहे. उनकी मांग थी कि मंत्री विश्राम गृह में बैठकर बागवानों की समस्याएं सुने और इसके बाद पराला जाएं.

इस दौरान विधायक बलबीर वर्मा और एचपीएमसी के अध्यक्ष नरेश शर्मा ने भी लोगों को समझाने का प्रयास किया. लेकिन, मोर्चा के सदस्य मंत्री से बात करने पर अड़े रहे. इस कारण सड़क पर जाम लग गया. कुछ देर चले इस ड्रामे के बाद बागवानी मंत्री और उनके साथ पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर, चौपाल के विधायक बलबीर वर्मा और और एपीएमसी अध्यक्ष लोक निर्माण विश्राम गृह में बागवानों की समस्याएं सुनने के लिए उतर गए.

वीडियो.

विश्राम गृह में घंटे भर से अधिक समय तक किसान संयुक्त मोर्चा के प्रदेश संयोजक हरीश चौहान, सह संयोजक संजय चौहान, सदस्य सोहन ठाकुर, सदस्य राजेन्द्र चौहान, सन्दीप वर्मा सहित बड़ी संख्या में मौजूद कांग्रेस और वामपंथी दलों से जुड़े बागवानों ने बागवानी मंत्री के समक्ष सेब के मूल्यों में गिरावट के कारण बागवानों को आ रही परेशानियों को खुलकर रखा. महेंद्र सिंह ठाकुर ने सभी बागवानों की समस्याओं को धैर्य के साथ सुना.

इस मौके पर मोर्चा के सदस्यों ने बागवानी मंत्री से 2005 में बने एपीएमसी एक्ट को सख्ती से लागू करने की मांग रखी. जिसमे मंडियों में सेब की खरीद प्रति किलो के हिसाब से करने का प्रावधान है. इसके अलावा मोर्चा के सदस्यों ने मंडियों में आढ़तियों की ओर से बागवानों से काटे जा रहे कई प्रकार के शुल्कों और अधिक मजदूरी का मामला उठाया. बागवानों ने मंत्री से मांग की कि निजी कोल्ड स्टोरों के मालिकों से बात कर सरकार सेब के मूल्य में वृद्धि करवाये. एमआईएस के तहत खरीदे जा रहे सेब को मार्केट में न बेचने की भी मांग मोर्चा के बागवानों ने की. इस अवसर पर संजय चौहान, हरीश चौहान और सुरेश वर्मा आदि ने मंत्री के समक्ष बागवानों के 2014 से रुके अनुदान, एमआईएस की पेमेंट तुरन्त देने सहित कई मुद्दे रखे व सुखाव भी दिए. उन्होंने कहा कि मंत्रियों को आढ़तियों के बजाए बागवानों से बात करनी चाहिये.

बैठक के अंत मे बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने उपस्थित पत्रकारों को बताया कि प्रदेश सरकार सेब उत्पादक बागवानों को लाभ मिले इसके लिए हर संभव प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि जल्द ही संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर हर मुद्दे को हल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि एमआईएस के तहत खरीद का जो सेब परवाणु जा रहा है उसे फिलहाल रोका जाएगा. इसके अलावा मंडियों में जो भी आढ़ती नियमों का उल्लंघन करता पाया जाएगा उसके खिलाफ कड़ी कानूनी करवाई की जाएगी.

बागवानी मंत्री ने कहा कि सभी कोल्ड स्टोर्स में स्टोरों में बागबानों को अपने सेब रखने के लिए नियमों के अनुसार 25 प्रतिशत स्थान दिलाया जाएगा. किसानों के हेलनेट, स्प्रे पंप आदि के बकाया अनुदान पर उन्होंने कहा कि यह अनुदान कांग्रेस सरकार के कार्यकाल से बकाया है और भाजपा सरकार धोरे-धीरे इस राशि का भुगतान कर रही है. बाद में सौहार्द पूर्ण माहौल में बातचीत के बाद महेंद्र सिंह ठाकुर का काफिला पराला मंडी को रवाना हो गए.

ये भी पढ़ें: बागवानों की चिंता नहीं राजनीतिक रोटियां सेंक रही कांग्रेस: रणधीर शर्मा

शिमला: ठियोग में बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह के शिमला से पराला मंडी की ओर जा रहे काफिले को लोकनिर्माण विश्राम गृह के समक्ष किसान मोर्चा और संगठनों ने प्रदर्शन कर रोक लिया. कुछ देर एनएच पांच पर नारेबाजी चलती रही और मोर्चा के सदस्य मंत्री के काफिले के सामने डटे रहे. उनकी मांग थी कि मंत्री विश्राम गृह में बैठकर बागवानों की समस्याएं सुने और इसके बाद पराला जाएं.

इस दौरान विधायक बलबीर वर्मा और एचपीएमसी के अध्यक्ष नरेश शर्मा ने भी लोगों को समझाने का प्रयास किया. लेकिन, मोर्चा के सदस्य मंत्री से बात करने पर अड़े रहे. इस कारण सड़क पर जाम लग गया. कुछ देर चले इस ड्रामे के बाद बागवानी मंत्री और उनके साथ पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर, चौपाल के विधायक बलबीर वर्मा और और एपीएमसी अध्यक्ष लोक निर्माण विश्राम गृह में बागवानों की समस्याएं सुनने के लिए उतर गए.

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विश्राम गृह में घंटे भर से अधिक समय तक किसान संयुक्त मोर्चा के प्रदेश संयोजक हरीश चौहान, सह संयोजक संजय चौहान, सदस्य सोहन ठाकुर, सदस्य राजेन्द्र चौहान, सन्दीप वर्मा सहित बड़ी संख्या में मौजूद कांग्रेस और वामपंथी दलों से जुड़े बागवानों ने बागवानी मंत्री के समक्ष सेब के मूल्यों में गिरावट के कारण बागवानों को आ रही परेशानियों को खुलकर रखा. महेंद्र सिंह ठाकुर ने सभी बागवानों की समस्याओं को धैर्य के साथ सुना.

इस मौके पर मोर्चा के सदस्यों ने बागवानी मंत्री से 2005 में बने एपीएमसी एक्ट को सख्ती से लागू करने की मांग रखी. जिसमे मंडियों में सेब की खरीद प्रति किलो के हिसाब से करने का प्रावधान है. इसके अलावा मोर्चा के सदस्यों ने मंडियों में आढ़तियों की ओर से बागवानों से काटे जा रहे कई प्रकार के शुल्कों और अधिक मजदूरी का मामला उठाया. बागवानों ने मंत्री से मांग की कि निजी कोल्ड स्टोरों के मालिकों से बात कर सरकार सेब के मूल्य में वृद्धि करवाये. एमआईएस के तहत खरीदे जा रहे सेब को मार्केट में न बेचने की भी मांग मोर्चा के बागवानों ने की. इस अवसर पर संजय चौहान, हरीश चौहान और सुरेश वर्मा आदि ने मंत्री के समक्ष बागवानों के 2014 से रुके अनुदान, एमआईएस की पेमेंट तुरन्त देने सहित कई मुद्दे रखे व सुखाव भी दिए. उन्होंने कहा कि मंत्रियों को आढ़तियों के बजाए बागवानों से बात करनी चाहिये.

बैठक के अंत मे बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने उपस्थित पत्रकारों को बताया कि प्रदेश सरकार सेब उत्पादक बागवानों को लाभ मिले इसके लिए हर संभव प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि जल्द ही संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर हर मुद्दे को हल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि एमआईएस के तहत खरीद का जो सेब परवाणु जा रहा है उसे फिलहाल रोका जाएगा. इसके अलावा मंडियों में जो भी आढ़ती नियमों का उल्लंघन करता पाया जाएगा उसके खिलाफ कड़ी कानूनी करवाई की जाएगी.

बागवानी मंत्री ने कहा कि सभी कोल्ड स्टोर्स में स्टोरों में बागबानों को अपने सेब रखने के लिए नियमों के अनुसार 25 प्रतिशत स्थान दिलाया जाएगा. किसानों के हेलनेट, स्प्रे पंप आदि के बकाया अनुदान पर उन्होंने कहा कि यह अनुदान कांग्रेस सरकार के कार्यकाल से बकाया है और भाजपा सरकार धोरे-धीरे इस राशि का भुगतान कर रही है. बाद में सौहार्द पूर्ण माहौल में बातचीत के बाद महेंद्र सिंह ठाकुर का काफिला पराला मंडी को रवाना हो गए.

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