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एक साथ नहीं चलेंगे पूर्व सीएम जयराम व मौजूदा सीएम सुखविंदर के ड्रीम प्रोजेक्ट, राज्य में अब तीन ही अटल स्कूल रहेंगे

हिमाचल में अटल और राजीव गांधी आमने सामने हैं. चौंकिए नहीं इस नाम से हिमाचल सरकार की दो योजनाएं हैं. एक पूर्व की बीजेपी सरकार और दूसरी योजना मौजूदा कांग्रेस सरकार की है. दोनों योजनाएं छात्रों से जुड़ी हैं, पूरा माजरा जानने के लिए पढ़ें खबर...

Rajiv Gandhi Day Boarding School scheme, Atal Adarsh School scheme
एक साथ नहीं चलेंगे पूर्व सीएम जयराम व मौजूदा सीएम सुखविंदर के ड्रीम प्रोजेक्ट
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Published : Feb 23, 2023, 8:15 PM IST

शिमला: पूर्व सीएम जयराम ठाकुर का ड्रीम प्रोजेक्ट अटल आदर्श स्कूल व मौजूदा सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू का ड्रीम प्रोजेक्ट राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल एक साथ नहीं चलेंगे. हिमाचल में पूर्व में जयराम ठाकुर के नेतृत्व में अटल आदर्श स्कूल योजना घोषित की गई थी. उस योजना के लिए बजट भी दिया गया था, लेकिन पांच साल में केवल तीन ही स्कूल बन पाए. अब मौजूदा सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपनी सरकार की ड्रीम योजना राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल घोषित की है. ये माना जा रहा था कि अटल आदर्श स्कूल योजना बंद कर दी जाएगी और उसके तहत खुले स्कूल नई योजना में लिए जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने तय किया है कि प्रदेश में अब तक अटल आदर्श स्कूल योजना के तहत जितने स्कूल बन गए हैं, वो पुराने फार्मेट में ही चलेंगे.

प्रदेश में बन चुके या बन रहे अटल आदर्श स्कूल चलते रहेंगे, परंतु अन्य जिलों के लिए घोषित अटल आदर्श स्कूल नहीं बनेंगे. अब कांग्रेस सरकार राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूलों के निर्माण पर ही जोर देगी. यानी कुल मिलाकर स्थिति ये है कि दोनों प्रोजेक्ट एक साथ नहीं चलेंगे. अटल योजना में जितना काम हो गया है, वो अब थम जाएगा. अब शिक्षा विभाग राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूलों पर ही ध्यान देगा.

हिमाचल में भाजपा के सत्ता संभालते ही 2018 में तत्कालीन सीएम जयराम ठाकुर ने अटल आदर्श स्कूल खोलने का ऐलान किया था. बजट में घोषणा की गई थी कि हर विधानसभा क्षेत्र में एक अटल आदर्श स्कूल खोला जाएगा. उस स्कूल में हॉस्टल के साथ ही खेल व अन्य आधुनिक सुविधाएं होंगी. पूर्व सरकार के पांच साल के कार्यकाल में केवल तीन ही स्कूलों पर काम हुआ. बाकी के स्कूल जमीन चयन, फॉरेस्ट क्लियरेंस व निजी जमीन के अधिगृहित न होने के कारण फंसे रहे. वैसे तो घोषणा सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों में एक-एक स्कूल खोलने की थी, लेकिन बाद में इसे 27 स्कूलों तक सीमित कर दिया गया.

जहां तक राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूलों की बात है, उनके लिए पूर्व की अटल आदर्श स्कूल योजना से कम जमीन लगेगी. अटल आदर्श योजना में हॉस्टल का प्रावधान था, जबकि नई योजना डे बोर्डिंग स्कूल वाली है. राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल के लिए केवल सौ कनाल जमीन की जरूरत है. इस योजना को लेकर सीएम सुखविंदर सिंह अपने पहले बजट में विस्तार से जानकारी देंगे. इसके लिए शिक्षा विभाग ने सारा प्रस्ताव तैयार कर लिया है. इसे सीएम को भेजा जाएगा. बताया जा रहा है कि एक राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल में करीब एक हजार छात्रों के अध्ययन की क्षमता होगी.

उल्लेखनीय है कि नई सरकार ने हिमाचल में सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों में राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल खोलने का ऐलान किया है. इसके लिए हर विधानसभा क्षेत्र में पचास बीघा जमीन चयन करने के लिए डीसी को निर्देश दिए गए हैं. हर डे-बोर्डिंग विद्यालय में एक हजार बच्चे शिक्षा ग्रहण करेंगे. सुखविंदर सिंह सरकार आसपास के पांच किलोमीटर के दायरे में पहले से चल रहे स्कूलों को बाद में उनमें मिला सकती है. राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूलों की यह लोकेशन जिला, ब्लॉक या तहसील मुख्यालय पर ही संभव होगी. सीएम ने इसे लेकर सभी जिलों के डीसी से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए जमीन चयन को लेकर निर्देश दिए थे.

उच्च शिक्षा निदेशक अमरजीत शर्मा के अनुसार जमीन चयन की प्रक्रिया तेजी से चल रही है. उनके अनुसार यह भूमि जिला मुख्यालय, सब-डिविजन अथवा ब्लॉक व तहसील मुख्यालय से चार से पांच किलोमीटर की परिधि में होनी चाहिए, ताकि इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को 10 से 15 मिनट की दूरी पर एकीकृत परिसर में बेहतर शिक्षा सुविधा उपलब्ध हो सके. इन स्कूलों में खेल इन्फ्रा स्ट्रक्चर का भी विकास किया जाना है. सरकार की योजना है कि इस स्कूल के कुल एरिया का 25 फीसदी हिस्सा खेल ढांचे के लिए हो. इन स्कूलों में इंडोर और आउटडोर स्टेडियम भी होंगे. स्कूल परिसरों में होस्टल नहीं बनेंगे, लेकिन प्री प्राइमरी से जमा दो क्लास तक की कक्षाएं होंगी.

ये भी पढ़ें: सत्ता संभालते ही CM सुखविंदर सिंह के लिए सिरदर्द बनकर आया था सीमेंट विवाद, दो माह की कसरत के बाद ऐसे सुलझा मामला

शिमला: पूर्व सीएम जयराम ठाकुर का ड्रीम प्रोजेक्ट अटल आदर्श स्कूल व मौजूदा सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू का ड्रीम प्रोजेक्ट राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल एक साथ नहीं चलेंगे. हिमाचल में पूर्व में जयराम ठाकुर के नेतृत्व में अटल आदर्श स्कूल योजना घोषित की गई थी. उस योजना के लिए बजट भी दिया गया था, लेकिन पांच साल में केवल तीन ही स्कूल बन पाए. अब मौजूदा सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपनी सरकार की ड्रीम योजना राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल घोषित की है. ये माना जा रहा था कि अटल आदर्श स्कूल योजना बंद कर दी जाएगी और उसके तहत खुले स्कूल नई योजना में लिए जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने तय किया है कि प्रदेश में अब तक अटल आदर्श स्कूल योजना के तहत जितने स्कूल बन गए हैं, वो पुराने फार्मेट में ही चलेंगे.

प्रदेश में बन चुके या बन रहे अटल आदर्श स्कूल चलते रहेंगे, परंतु अन्य जिलों के लिए घोषित अटल आदर्श स्कूल नहीं बनेंगे. अब कांग्रेस सरकार राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूलों के निर्माण पर ही जोर देगी. यानी कुल मिलाकर स्थिति ये है कि दोनों प्रोजेक्ट एक साथ नहीं चलेंगे. अटल योजना में जितना काम हो गया है, वो अब थम जाएगा. अब शिक्षा विभाग राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूलों पर ही ध्यान देगा.

हिमाचल में भाजपा के सत्ता संभालते ही 2018 में तत्कालीन सीएम जयराम ठाकुर ने अटल आदर्श स्कूल खोलने का ऐलान किया था. बजट में घोषणा की गई थी कि हर विधानसभा क्षेत्र में एक अटल आदर्श स्कूल खोला जाएगा. उस स्कूल में हॉस्टल के साथ ही खेल व अन्य आधुनिक सुविधाएं होंगी. पूर्व सरकार के पांच साल के कार्यकाल में केवल तीन ही स्कूलों पर काम हुआ. बाकी के स्कूल जमीन चयन, फॉरेस्ट क्लियरेंस व निजी जमीन के अधिगृहित न होने के कारण फंसे रहे. वैसे तो घोषणा सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों में एक-एक स्कूल खोलने की थी, लेकिन बाद में इसे 27 स्कूलों तक सीमित कर दिया गया.

जहां तक राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूलों की बात है, उनके लिए पूर्व की अटल आदर्श स्कूल योजना से कम जमीन लगेगी. अटल आदर्श योजना में हॉस्टल का प्रावधान था, जबकि नई योजना डे बोर्डिंग स्कूल वाली है. राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल के लिए केवल सौ कनाल जमीन की जरूरत है. इस योजना को लेकर सीएम सुखविंदर सिंह अपने पहले बजट में विस्तार से जानकारी देंगे. इसके लिए शिक्षा विभाग ने सारा प्रस्ताव तैयार कर लिया है. इसे सीएम को भेजा जाएगा. बताया जा रहा है कि एक राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल में करीब एक हजार छात्रों के अध्ययन की क्षमता होगी.

उल्लेखनीय है कि नई सरकार ने हिमाचल में सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों में राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल खोलने का ऐलान किया है. इसके लिए हर विधानसभा क्षेत्र में पचास बीघा जमीन चयन करने के लिए डीसी को निर्देश दिए गए हैं. हर डे-बोर्डिंग विद्यालय में एक हजार बच्चे शिक्षा ग्रहण करेंगे. सुखविंदर सिंह सरकार आसपास के पांच किलोमीटर के दायरे में पहले से चल रहे स्कूलों को बाद में उनमें मिला सकती है. राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूलों की यह लोकेशन जिला, ब्लॉक या तहसील मुख्यालय पर ही संभव होगी. सीएम ने इसे लेकर सभी जिलों के डीसी से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए जमीन चयन को लेकर निर्देश दिए थे.

उच्च शिक्षा निदेशक अमरजीत शर्मा के अनुसार जमीन चयन की प्रक्रिया तेजी से चल रही है. उनके अनुसार यह भूमि जिला मुख्यालय, सब-डिविजन अथवा ब्लॉक व तहसील मुख्यालय से चार से पांच किलोमीटर की परिधि में होनी चाहिए, ताकि इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को 10 से 15 मिनट की दूरी पर एकीकृत परिसर में बेहतर शिक्षा सुविधा उपलब्ध हो सके. इन स्कूलों में खेल इन्फ्रा स्ट्रक्चर का भी विकास किया जाना है. सरकार की योजना है कि इस स्कूल के कुल एरिया का 25 फीसदी हिस्सा खेल ढांचे के लिए हो. इन स्कूलों में इंडोर और आउटडोर स्टेडियम भी होंगे. स्कूल परिसरों में होस्टल नहीं बनेंगे, लेकिन प्री प्राइमरी से जमा दो क्लास तक की कक्षाएं होंगी.

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