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गुड़िया रेप और मर्डर केस: अब 28 अप्रैल को होगी मामले की अंतिम सुनवाई

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Published : Apr 16, 2021, 4:06 PM IST

Updated : Apr 16, 2021, 8:13 PM IST

gudiya rape and murder case
गुड़िया दुष्कर्म व हत्या मामले में अब 28 अप्रैल को सुनवाई.

16:00 April 16

गुड़िया रेप और हत्या मामले में अब 28 अप्रैल को अंतिम सुनवाई होगी.

वीडियो.

शिमला: गुड़िया रेप और हत्या मामले में 28 अप्रैल को फैसला आने की उम्मीद है. शुक्रवार को सीबीआई की विशेष अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए दोनों पक्षों से कुछ बिंदुओं पर तस्वीर साफ करने का आग्रह किया. आज यह मामला फैसले लेन के लिए लगा था लेकिन स्पेशल जज राजीव भारद्वाज ने 7 बिंदुओं पर दोनों पक्षों से राय ली.

विशेष अदालत ने जिन बिंदुओं पर दोनों पक्षों की तरफ से स्पष्टीकरण दिया. उनमें जज ने सीबीआई के वकील से कन्फर्म किया कि घटना स्थल से जो सैंपल लिए गए हैं जैसे कि ग्लास, बोतल, कपड़ों से, पीड़ित के शरीर पर बने दांतों के निशानों से आदि वो सभी एक ही व्यक्ति के पाए गए. इस पर सीबीआई के वकील ने पुष्टि करते हुए कहा कि सभी निशान एक ही व्यक्ति के हैं.

अदालत में वकीलों के बीच सैम्पलिंग को लेकर बहस

आज अदालत में वकीलों के बीच सैम्पलिंग को लेकर बहस हुई. वकील एमएस ठाकुर ने कहा कि सीबीआई ने जो सैम्पल लिए हैं वह डाउटफुल है और सीबीआई ने नीलू के सैम्पल हिरासत में लेने से पहले ही ले लिए थे. जिस लिफाफे में सैम्पल सील कर सीबीआई का व्यक्ति ले गया उसकी सील भी सीबीआई के पास ही थी.  

सीबीआई के वकील ने क्या कहा?

ऐसे में सैम्पल से टैम्परिंग होने की आशंका रहती है. वकील एमएस ठाकुर ने कहा कि किसी अन्य को बचाने के लिए इस मामले में सीबीआई द्वारा नीलू को फंसाया जा रहा है इस पर सीबीआई के वकील ने कहा कि डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट सही है और जिस लिफाफे में सैंपल भेजे गए थे उस पर सैंपल लेने वाले डॉक्टर के हस्ताक्षर हैं, ऐसे में उनसे छेड़छाड़ की संभावना ही नहीं है.

अदालत में आरोपी नीलू की तरफ से नियुक्त वकील एमएस ठाकुर में सैम्पलिंग को लेकर सवाल उठाए. जिला बार एसोसिएशन ने गुड़िया बलात्कार और हत्या मामले को जघन्यतम अपराध मानते हुए आरोपी की तरफ से मुकद्दमा लड़ने से इनकार कर दिया था.

जुलाई 2017 में कोटखाई के दांदी जंगल में दुष्कर्म हुआ था

बता दें कि सीबीआई का दावा है कि अनिल के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं, जिन्हें वैज्ञानिक कसौटी पर भी कसा गया है. सीबीआई को भरोसा है कि अदालत इन सबूतों की रोशनी में सख्त फैसला देगी. गुड़िया के साथ जुलाई 2017 में ऊपरी शिमला के कोटखाई के दांदी जंगल में दुष्कर्म हुआ था.

दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी. पहले इस मामले की जांच हिमाचल पुलिस ने की थी. पुलिस ने कुछ लोगों को शक के आधार पर राडार पर लिया और फिर अचानक से प्रेस वार्ता कर अपनी पीठ थपथपाई कि उसने केस सुलझा लिया है. हिमाचल पुलिस का भांडा जल्द ही फूट गया, जब एक कथित आरोपी सूरज की हवालात में मौत हो गई.

ये भी पढ़ें: हिमाचल सरकार को केंद्र का आदेश, वापस देने होंगे 250 वेंटिलेटर

16:00 April 16

गुड़िया रेप और हत्या मामले में अब 28 अप्रैल को अंतिम सुनवाई होगी.

वीडियो.

शिमला: गुड़िया रेप और हत्या मामले में 28 अप्रैल को फैसला आने की उम्मीद है. शुक्रवार को सीबीआई की विशेष अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए दोनों पक्षों से कुछ बिंदुओं पर तस्वीर साफ करने का आग्रह किया. आज यह मामला फैसले लेन के लिए लगा था लेकिन स्पेशल जज राजीव भारद्वाज ने 7 बिंदुओं पर दोनों पक्षों से राय ली.

विशेष अदालत ने जिन बिंदुओं पर दोनों पक्षों की तरफ से स्पष्टीकरण दिया. उनमें जज ने सीबीआई के वकील से कन्फर्म किया कि घटना स्थल से जो सैंपल लिए गए हैं जैसे कि ग्लास, बोतल, कपड़ों से, पीड़ित के शरीर पर बने दांतों के निशानों से आदि वो सभी एक ही व्यक्ति के पाए गए. इस पर सीबीआई के वकील ने पुष्टि करते हुए कहा कि सभी निशान एक ही व्यक्ति के हैं.

अदालत में वकीलों के बीच सैम्पलिंग को लेकर बहस

आज अदालत में वकीलों के बीच सैम्पलिंग को लेकर बहस हुई. वकील एमएस ठाकुर ने कहा कि सीबीआई ने जो सैम्पल लिए हैं वह डाउटफुल है और सीबीआई ने नीलू के सैम्पल हिरासत में लेने से पहले ही ले लिए थे. जिस लिफाफे में सैम्पल सील कर सीबीआई का व्यक्ति ले गया उसकी सील भी सीबीआई के पास ही थी.  

सीबीआई के वकील ने क्या कहा?

ऐसे में सैम्पल से टैम्परिंग होने की आशंका रहती है. वकील एमएस ठाकुर ने कहा कि किसी अन्य को बचाने के लिए इस मामले में सीबीआई द्वारा नीलू को फंसाया जा रहा है इस पर सीबीआई के वकील ने कहा कि डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट सही है और जिस लिफाफे में सैंपल भेजे गए थे उस पर सैंपल लेने वाले डॉक्टर के हस्ताक्षर हैं, ऐसे में उनसे छेड़छाड़ की संभावना ही नहीं है.

अदालत में आरोपी नीलू की तरफ से नियुक्त वकील एमएस ठाकुर में सैम्पलिंग को लेकर सवाल उठाए. जिला बार एसोसिएशन ने गुड़िया बलात्कार और हत्या मामले को जघन्यतम अपराध मानते हुए आरोपी की तरफ से मुकद्दमा लड़ने से इनकार कर दिया था.

जुलाई 2017 में कोटखाई के दांदी जंगल में दुष्कर्म हुआ था

बता दें कि सीबीआई का दावा है कि अनिल के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं, जिन्हें वैज्ञानिक कसौटी पर भी कसा गया है. सीबीआई को भरोसा है कि अदालत इन सबूतों की रोशनी में सख्त फैसला देगी. गुड़िया के साथ जुलाई 2017 में ऊपरी शिमला के कोटखाई के दांदी जंगल में दुष्कर्म हुआ था.

दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी. पहले इस मामले की जांच हिमाचल पुलिस ने की थी. पुलिस ने कुछ लोगों को शक के आधार पर राडार पर लिया और फिर अचानक से प्रेस वार्ता कर अपनी पीठ थपथपाई कि उसने केस सुलझा लिया है. हिमाचल पुलिस का भांडा जल्द ही फूट गया, जब एक कथित आरोपी सूरज की हवालात में मौत हो गई.

ये भी पढ़ें: हिमाचल सरकार को केंद्र का आदेश, वापस देने होंगे 250 वेंटिलेटर

Last Updated : Apr 16, 2021, 8:13 PM IST
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